क़ानून के हाथ बहुत लम्बे होते हैं। अच्छी कानून व्यवस्था से लोगों में डर का भाव नहीं रहता। दुनिया में तरह तरह के देश हैं और सबके कानून भी अलग अलग प्रकार के हैं। पर कभी कभी ऐसा हो जाता है कानून अपराधियों के मन में डर नहीं हास्य पैदा कर देते हैं । आइये आज देखते हैं कुछ ऐसे ही अजीबो-गरीब कानून जिनको पढ़ के आप भी खुद को हंसने से रोक नहीं पाएंगे। 1 नहीं खा सकते च्यूइंग गमसिंगापुर में च्यूइंग गम खाना गैर कानूनी है। अगर आप च्यूइंग गम खाते हुए पकडे जाते हैं तो आपको जेल या मोटा जुर्माना हो सकता है। दरअसल 1992 के बाद सिंगापुर सरकार ने एक क़ानून बनाया था , जिसके बाद च्यूइंग गम खाना गैर कानूनी कर दिया गया। ऐसा सरकार ने इसलिए किया क्योंकि सरकार को च्यूइंग गम वेस्ट को साफ़ करने में बहुत पैसा खर्च करना पड़ता था। सिंगापुर में च्यूइंग गम इम्पोर्ट करना भी गैर कानूनी है। अगर किसी गम से स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है तो उसे खा सकते हैं। 2 गाडी का पेट्रोल खत्म होना है गैर कानूनीजर्मनी के ऑटोभान सड़क पर अगर आपके वाहन का पेट्रोल चलते चलते खत्म हो जाता है तो ये गैर कानूनी है। इसके लिए आपको जेल भी जाना पड़ सकता है। दरअसल, जर्मनी की ये सड़क बहुत अच्छी बनी हुई है इसलिए लोग यहाँ बहुत तेज़ रफ़्तार से गाडी चलाते हैं। तेज़ गाडी चलाने की वजह से चालाक को पता ही नहीं लगता पेट्रोल कब खत्म हो जाता है। अगर आपकी गाडी का पेट्रोल खत्म होता है तो आप उसे रोक के कही पेट्रोल लेने जाएंगे इसकी वजह से सड़क पर आपका वाहन अन्य लोगों के लिए असुविधा का कारण बनेगा और सड़क पर पैदल चलने से भी दुर्घटना होने के चान्सेस बढ़ जाते है। इसीलिए इस सड़क पर पेट्रोल खत्म होना गैर कानूनी है। 3 कबूतरों को दाना देना है गैरकानूनीवेनिस शहर में आप अगर कबूतरों को चुगने के लिए दाना या कोई और चीज देतें हैं तो ये गैर कानूनी है। वेनिस में एक जगह है सेंट मार्क्स स्क्वायर जहाँ बहुत पुरानी इमारतें हैं। यहाँ बड़ी संख्या में सैलानी आते हैं, जो यहाँ पे कबूतरों को खाने के दाना देतें हैं पर खाने के बाद ये कबूतर इन पुरानी इमारतों पर बीट कर देतें हैं। इनकी गंदगी साफ़ करने के लिए सरकार को एक मोटी रकम खर्च करनी पड़ती है इसलिए 2008 के बाद से यहाँ सरकार ने नया कानून बना दिया, अगर आप कबूतर को दाना देते हुए पकडे जातें हैं तो आप पर 700 पाउंड्स तक का जुर्माना लग सकता है। 4 सेल्फी लेना है गैर कानूनीआपने हर जगह सेल्फी ली होगी पर श्रीलंका में आपको ये शौक़ आपको जेल की हवा खिला सकता है। दरअसल श्रीलंका में बौद्ध धर्म का क़ानून के हाथ बहुत लम्बे होते हैं। अच्छी कानून व्यवस्था से लोगों में दर का भाव का नहीं रहता। दुनिया में तरह तरह के देश हैं और सबके कानून भी अलग अलग प्रकार के हैं। पर कभी कभी ऐसा हो जाता है कानून अपराधियों के मन में डर नहीं हास्य पैदा कर देते हैं । आइये आज देखते हैं कुछ ऐसे अजीबो-गरीब कानून जिनको पढ़ के आप भी खुद को हंसने से रोक नहीं पाएंगे। 5 पतंग उड़ाना है गैरकानूनीऑस्ट्रेलिया में पतंग उड़ाना है गैरकानूनी , दरअसल ऑस्ट्रेलिया में वो सब चीज गैर कानूनी है जिस से किसी के निजी जीवन में खलल पड़े। अगर आप पतंग उड़ा रहे हैं और इस से किसी को कोई समस्या हुई तो ये गैरकानूनी है। आप घर के बाहर कोई गेम भी नहीं खेल सकते ये सारी चीजें Offences Act of 1966 में लिखी हुई हैं। Read more: https://www.flypped.com/these-strange-laws-will-make-you-laugh-know-why/hindi/
पिसीओएस (PCOS) या पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम(polycystic ovarian syndrome) अंडाशय को प्रभावित करने वाली एक हार्मोनल (hormonal) स्थिति है। सामान्य मासिक धर्म चक्र(menstural cycle) में, आमतौर पर लगभग 7-8 के आसपास फॉलिकल (follicles) होते हैं जो बढ़ने लगते हैं और इनमें से एक फॉलिकल (follicle) अंडे को छोड़ने के लिए परिपक्व होगा। हालांकि, पीसीओएस से प्रभावित महिला में, एफएसएच (FSH) और एलएच (LH) हार्मोन(hormone) में असंतुलन होता है और एंड्रोजन हार्मोन(androgen hormone) का अधिक उत्पादन होता है, जिसकी वजह से कोई भी अंडा (egg) परिपक्व नहीं होता है, जिससे एनोव्यूलेश(anovulation) के कारण बच्चा ठहरने में मुश्किल आती है ।(PCOS) का कारण क्या होता है ?
पीसीओएस(pcos) का सटीक कारण अज्ञात है, लेकिन हम जानते हैं कि पैरेंटल जीन्स (parental genes) एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। PCOS विकसित होने की अधिक संभावना होती है, अगर उनके परिवार में डायबिटिक (diabetic)जीन (gene)पायी जाती है | एण्ड्रोजन हार्मोन(androgen hormone)(जो कि एक पुरुष हार्मोन है) का अधिक मात्रा में होना (overproduction) भी पीसीओएस (pcos) में कारण हो सकता है। पीसीओएस में महिलाओं में अक्सर एंड्रोजन हार्मोन(androgen hormone) का लेवल नार्मल मात्रा से अधिक मात्रा में पाया जाता है । यह ओवुलेशन(ovulation) के दौरान अंडे के विकास और उसके रिलीज(release) को प्रभावित कर सकता है। इंसुलिन हार्मोन (insulin hormone)(एक हार्मोन जो शुगर(sugar) और स्टार्च(starch) को एनर्जी (energy) में बदलने में मदद करता है) एंड्रोजन हार्मोन(androgen hormone) के बढ़े हुए लेवल का कारण भी होता है। एक डॉक्टर को आपको कब दिखाना चाहिए?यदि आप पीसीओएस (pcos) के इन लक्षणों में से किसी भी लक्षण से पीड़ित हैं| PCOS महिलाओं के उम्र की तीनों अवस्थाओं को प्रभावित करता है | 1-किशोरावस्था के दौरान: (young age) मुंहासे, चेहरे पर अत्यधिक बाल आना और अनियमित पीरियड्स होते हैं।2-प्रजनन आयु के दौरान (reproductive age) पॉलीसिस्टिक अंडाशय(ovaries) के साथ बांझपन की दर(percentage) बहुत अधिक है। इन महिलाओं को आमतौर पर गर्भवती होने में कठिनाई होती है और आमतौर पर गर्भधारण के अवसरों में सुधार के लिए उपचार(treatment) की आवश्यकता होती है।जिन महिलाओं में पीसीओएस की वजह से गर्भधारण करने में मुश्किल हो रही है उन्हें एक प्रजनन चिकित्सक (infertility specialist) से परामर्श करना चाहिए जो पीसीओएस को ठीक से समझता है। बांझपन और गर्भावस्था में मधुमेह (gestational diabetes) की संभावना अधिक होती है। 3- 30-40 के बाद: -(old age)ऐसी महिलाओं के लिए मधुमेह, हृदय रोग, गर्भाशय के कैंसर,के लिए 5 गुना बढ़ा हुआ जोखिम होता है| एक अध्ययन(studies) से पता चला है कि भारत में लगभग 18% महिलाएं पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (पीसीओएस) से पीड़ित हैं और बढ़ते मोटापे के कारण यह समस्या और बढ़ती जा रही है।पीसीओएस में गर्भधारण के इलाज को तीन steps में किया जा सकता है जैसे – १- पहला इलाज़ जिसमें महीने के दूसरे या तीसरे दिन से अंडा बनाने की दवाई खिलाकर अल्ट्रासाउंड के जरिये अंडे की वृद्धि को देखते हुए महिला को दिन बता दिए जाते हैं जब हस्बैंड (husband) और( wife) को साथ में रहना होता है |२-अगर पहले इलाज से गर्भधारण नहीं हो पाता तो IUI (intra uterine insemination) के द्वारा गर्भधारण कराया जा सकता है जिसमें कि अंडा बनने पर हस्बैंड (husband) के शुक्राणुओं को लैब (andrology lab) में तैयार करके बच्चेदानी में एक पतली नली के द्वारा डाल दिया जाता है | यह एक दर्दरहित प्रोसीजर (procedure) होता है जिसे करने में सिर्फ ५-१० मिनट ही लगते हैं | ३- आखिरी इलाज IVF (in vitro fertilization) होता है जो कि तब किया जाता है जब पहले सारे इलाज करने के बावजूद गर्भधारण करने में असफलता प्राप्त होती है |IVF में अंडा बनाने के लिए दवाई की जगह इंजेक्शन का उपयोग किया जाता है ताकि अंडों की अधिक मात्रा में प्राप्ति हो | जिससे हमें एक बार में ही अधिक भ्रूण मिलने की सफलता प्राप्त हो | यह इंजेक्शन १०- १२ दिन लगते हैं और बारहवें दिन जब सारे अंडे mature हो जाते हैं तब , अल्ट्रासाउंड (ultrasound) के जरिये देखते हुए अण्डों को निकाल लिया जाता है | यह बिलकुल दर्दरहित होता है और आपको ३-४ घंटे भर्ती किया जाता है | इसके बाद लैब में भ्रूण बनाया जाता है , जिसे ३-५ दिन बाद बच्चेदानी में डाल दिया जाता है | IVF में इंजेक्शन के अलावा और कहीं भी इस प्रक्रिया में कोई दर्द नहीं होता |हालाँकि, आपको यह ध्यान रखना है कि प्रत्येक मरीज अलग होता है और स्थितियाँ एक मामले से दूसरे मामले में भिन्न हो सकती हैं। इसलिए किसी भी तरह के निष्कर्ष पर जाने से पहले एक अच्छे डॉक्टर की राय लें।ज्यादा जानकारी के लिए और आपकी सहायता करने के लिए हमारे ORIGYN FERTILITY AND IVF CENTRE पर संपर्क करेंहमारे चिकित्सक आपकी हर तरह से सहायता करने के लिए तत्पर हैं |
Kiradu Temple in Rajasthan: हमारे सामने आने वाले कई तथ्य ऐसे होते है जो हमें हैरान कर देते है जिन पर हम चाहकर भी विश्वास नहीं कर पाते है। आपने कभी ऐसी जगह के बारे में सुना है जहाँ रात को रुकने पर आप इंसान से पत्थर बन सकते है। हो गए ना हैरान?
अगर नहीं, तो हम आपको आज ऐसी जगह के बारे में बताएंगे, जहाँ अगर आप रात को ठहरे तो इंसान से पत्थर में बदल जाएगें। चलिए जानते है इस रहस्यमय जगह के बारे में।राजस्थान का ये गांव (Kiradu Temple in Rajasthan)राजस्थान की ताप्ती रेतीली धरती अपने अंदर कई राज समेटे बैठी हैं। यह राज ऐसे होते हैं जिन्हें जानकर बड़े-बड़े हिम्मतवालों के पसीने छूट जाते हैं। कुलधारा गांव और भानगढ़ का किला राजस्थान में स्थित ऐसे ही रहस्यमय स्थानों में से एक है जो पूरी दुनिया में भूतिया स्थान के रुप में में जाने जाते है।बारमेर जिले में स्थित किराडू का मंदिर (Kiradu Temple) रहस्य के मामले में कुलधारा और भानगढ़ जितना ही खौफनाक है। यह मंदिर राजस्थान में खजुराहो मंदिर के नाम से मशहूर है जो प्रेमियों के लिए विशेष रूप से आकर्षण का केंद्र हैं। लेकिन इस जगह की खौफनाक हकीकत को जानने के बाद कोई भी शख्स सूरज ढलने के बाद यहां ठहरने की हिम्मत नहीं करता है।पत्थर का बन जाता है इंसान (Mysterious Temples in India)किराडू के मंदिर के बारे में ऐसी मान्यता है कि यहां शाम होने के बाद जो भी रह जाता है वो या तो पत्थर का बन जाता है या फिर मौत की गहरी नींद में सो जाता है। इस स्थान के बारे में यह मान्यता सदियों से चली आ रही है। पत्थर बन जाने के खौफ के कारण यह इलाका शाम होते ही पूरा वीरान हो जाता है।इस मान्यता के पीछे एक ऐसी अजीब कहानी है जिसकी गवाह एक औरत की पत्थर की मूर्ति है, जो किराडू से कुछ दूरी पर सिहणी गांव में स्थित है। किराडू के लोग बन गए पत्थर (Kiradu Temple History in Hindi)यह बात वर्षों पहले की है जब किराडू में एक तपस्वी पधारे थे। इनके साथ शिष्यों की एक टोली थी। एक दिन तपस्वी अपने शिष्यों को गांव में ही छोड़कर भ्रमण के लिए चले गए। इस दौरान अचानक शिष्यों का स्वास्थ्य काफी ख़राब हो गया।उस समय गांव के लोगों ने शिष्यों की कोई मदद नहीं की। जब तपस्वी किराडू लौटे कर वापस आए और अपने शिष्यों की ये दशा देखी तो क्रोधित होकर गांव वालों को श्राप दिया कि जिस स्थान के लोगों का हृदय पाषाण का हैं वह इंसान बने रहने के योग्य नहीं हैं इसलिए सब पत्थर के बन जाएं।सिर्फ एक कुम्हारन थी जिसने शिष्यों की मदद की थी। उस पर दया करते हुए तपस्वी ने कहा कि तुम इस गांव से चली जाओ वरना तुम भी गांववालों के साथ पत्थर की बन जाओगी। लेकिन याद रखना गांव से जाते समय भूल से भी पीछे मुड़कर मत देखना।तपस्वी की आज्ञा का पालन करते हुए कुम्हारन गांव से चली जाती है लेकिन उसके मन में यह बात आने लगती है कि तपस्वी की कही बात सच भी है या नहीं और वह पीछे मुड़कर देख लेती हैं। इस तरह मुड़कर देखते ही वो महिला भी पत्थर की बन जाती है। सिहणी गावं में स्थापित कुम्हारन की पत्थर की मूर्ति आज भी उस घटना की याद दिलाती है।
NEBOSH समापन साक्षात्कार प्रशिक्षण केंद्र द्वारा आयोजित एक छोटी अवधि का साक्षात्कार है जो यह सत्यापित करने के लिए है कि आपने किसी अन्य व्यक्ति या मित्र से अनधिकृत सहायता लिए बिना परीक्षा लिखी है। यदि आप अच्छी तरह से उत्तर नहीं देते हैं तो साक्षात्कारकर्ता कोई अंक कम नहीं करेगा क्योंकि अंक पूरी तरह से आपके लिखित IG1 पेपर पर आधारित होंगे। हालाँकि यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने समापन साक्षात्कार के लिए अच्छी तैयारी करें और यह तैयारी आपके द्वारा अपनी परीक्षा के लिए लिखे गए उत्तरों पर आधारित होनी चाहिए। आमतौर पर आपको अपने प्रशिक्षण केंद्र से लगभग 15 मिनट की अवधि के एक-से-एक ज़ूम साक्षात्कार के लिए एक ईमेल आमंत्रण प्राप्त होगा और आपको कुछ प्रश्नों के उत्तर देने होंगे और साक्षात्कारकर्ता को अपना राष्ट्रीय पहचान पत्र दिखाना होगा। इस साक्षात्कार का मुख्य उद्देश्य उन शिक्षार्थियों की पहचान करना है जिन्होंने कदाचार या परीक्षा में किसी तरह की चोरी नहीं किया है । और जिन्होंने चोरी करने की कोशिश की है और प्रकार उनके द्वारा लिखे गए उत्तरों के बारे में कुछ भी बोलने में सक्षम नहीं हो सकते हैं।साक्षात्कार आमतौर पर आपकी लिखित परीक्षा के लगभग 10-15 दिन बाद होता है।एक शिक्षार्थी के रूप में, आपको केवल अपनी परीक्षा के लिए पूरी तरह से अध्ययन करने की आवश्यकता है, किसी मित्र या रिश्तेदार से अनधिकृत सहायता लिए बिना स्वयं परीक्षा लिखें। बाद में समापन साक्षात्कार के लिए आप अपने स्वयं के उत्तरों को पढ़ सकते हैं और परीक्षा के लिए आपने जो लिखा है उसके आधार पर कुछ प्रश्नों के उत्तर देने के लिए तैयार रहें। यदि आपके कोई और प्रश्न हैं तो कृपया संस्थान से संपर्क करने में संकोच न करें। ये हर रिजिस्टर संस्थान का कर्तव्य है की आपको सही तरह से गाइड करे और किसी भी तरह से इंटरव्यू पास करने के नाम पर मिसलीड और गलत जानकारी न दे । ये क्लोजिंग इंटरव्यू एक बहुत आसान सा प्रोसेस है आपको अपने लैंग्वेज प्रॉब्लम को लेकर डरने की भी जरूरत नही है इंटरव्यूअर आपके नॉलेज को केवल देखता है आपके स्पीकिंग क्वालिटी पर नहीं जाता है ।फिर से इस बात पर ध्यान देने की जरूरत है की आपके इंटरव्यू की क्वालिटी पर आपको कोई नबर नही दिए जाते आपकी मार्किंग केवल 24 घंटे का दौरान जो आपने उत्तर लिखे है बस उसी पेपर का मूल्यांकन किया जाता है । आप 3S Life safe Akademie जो की NEBOSH ki डायरेक्ट एक्रीडिएटेड इंस्टीट्यूट है और काफी अच्छा पासिंग परसेंटेज भी है आपको सारी इनफॉर्मेशन वहां से ओपन बुक एग्जामिनेशन और इंटरव्यू के संबंध में दी जाएगी ।आप info@ lifesafeacademy.com पर मेल के द्वारा और www.lifesafeacademy.com or 7975371948 पर संपर्क कर सकते है
वैदिक ज्योतिष के अनुसार स्वाति नक्षत्र/Swati Nakshatra 27 नक्षत्रों में से एक है। स्वाति शब्द सु + अति से बना है, जिसका अर्थ बहुत अच्छा या स्वतंत्र होता है। स्वाति का एक और अर्थ है — धर्मगुरु, जिसे धर्मशास्त्र में महारत हासिल है। स्वाति नक्षत्र से जुड़े कुछ रहस्ययह नक्षत्र धर्म, अंतर्ज्ञान और भगवान का कारक है। जो व्यक्ति इस नक्षत्र में जन्म लेता है, वह इस नक्षत्र के विषय में जानने का हमेशा इच्छुक रहेगा। इस नक्षत्र की ऊर्जा बहुत दूर तक बिखरती है। कहीं पर यह नक्षत्र कायापलट या फिर कहीं पर बदलाव का बिंदु बन जाता है।खुद को पूरी तरह से स्वतंत्र कर लेने की चाह इस नक्षत्र की पहचान है। हालांकि जीवन की कोई भी प्रक्रिया हो, उसमें यह बहुत अस्त—व्यस्त दिखाई देते हैं। इस नक्षत्र से जुड़े जातक मार्केटिंग आदि के क्षेत्र में अत्यंत सफल साबित हो सकते हैं। ऐसा क्यों होता है चलिए समझते हैं। स्वाति नक्षत्र से जुड़ी मुख्य बातें इस प्रकार देखें तो इस नक्षत्र/Nakshatra से जुड़े व्यक्ति अपने जीवन में कई उतार-चढ़ाव का सामना करते हैं। हालांकि उतार-चढ़ाव का संबंध घर के उस स्वामी पर निर्भर करता है, जिससे यह नक्षत्र प्रभावित रहता है। यह आपसी संबंध, धन आदि से भी जुड़ा होता है। स्वाति नक्षत्र राशि चक्र में पूरी तरह से तुला राशि को प्रभावित करता है, जो कि एक महत्वपूर्ण राशि है। राहु स्वाति नक्षत्र पर शासन करता है, जो कि एक शुष्क ग्रह है और शनि का उच्च अष्टक है। स्वाति नक्षत्र पर वायु या फिर कहें वायु देवता का शासन रहता है। स्वाति नक्षत्र के विषय में अधिक जानकारी इस नक्षत्र में बैठे चंद्रमा, व्यक्ति के मन में इधर—उधर के विचार ला सकते हैं। इस नक्षत्र में जन्में लोग निष्कर्ष निकालने में सक्षम नहीं होते। ऐसा जातक रीढ़विहीन स्वभाव के हो सकते हैं।स्वाति नक्षत्र के जातक की विशेषताएं समाजसेवी शैक्षिक संस्थाओं का गठन करने वाले इस नक्षत्र से जुड़े जातक अमूमन ट्रैवल, टूरिज्म और विमानन उद्योग से जुड़े होते हैं। ऐसे व्यक्ति हमेशा अपनी ताकत बढ़ाने और स्वतंत्र रहने का प्रयास करते हैं। इनके रिश्ते और साझेदारी अमूमन उतार-चढ़ाव भरी होती है।मार्केटिंग ही क्यों है स्वाति नक्षत्र के लिए सबसे उत्तम क्षेत्रमार्केटिंग में सफलता प्राप्त करने के लिए कुछ बातों की बहुत जरूरत पड़ती है, जैसे अपनी बातों को दूसरों तक पहुंचाना और उपभोक्ताओं की समस्या का तुरंत पता लगाना। इन दोनों ही विषय में स्वाति नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति बहुत ज्यादा अच्छे होते हैं। इसके साथ साथ मार्केटिंग में ऐसे व्यक्तियों की सबसे ज्यादा आवश्यकता पड़ती है, जो अपनी बातों को उपभोक्ताओं के समक्ष हंसते और खिलखिलाते चेहरे के साथ रखें और हर व्यक्ति को समझाना कि उन्हें इस सामान की आवश्यकता है।जैसा कि हमने आपको पहले भी बताया है कि स्वाति नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति का व्यक्तित्व हंसने खेलने वाला होता है। ऐसा नहीं है कि स्वाति नक्षत्र में जन्मे लोगों को सिर्फ मार्केटिंग में सफलता मिलती है। वह अन्य क्षेत्रों में भी सफल हो सकते हैं, लेकिन इस क्षेत्र में सफल होने की संभावना अच्छी होती है। इससे अधिक जानकारी के लिए आप हमारी वेबसाइट www.vinaybajrangi.com पर जा सकते है और अपॉइंटमेंट बुक करने पर डॉ विनय बजरंगी जी के समक्ष बैठकर आप अपने प्रश्नो के उत्तर पा सकते है।Source: https://sites.google.com/view/vinaybajrangis/blog/swati-nakshatra
यह स्टिकर वाला फल मेरे परिवार वालों की सेहत पर कोई बुरा असर तो नहीं डालेगा ?क्यों होता है, हज़ार के लिए T की जगह K का इस्तेमालआइये जानते हैं फलों पर लगे स्टिकर के बारें में(Sticker On Fruits):-दरसल फलों पर लगे स्टीकर (Stickers On Fruits), फलों की गुणवत्ता, एक्सपायरी डेट और PLU (Price Look UP) के बारे में जानकारी देते है। PLU (Price Look UP) कोड एक विशेष अंक से शुरू हुयी संख्या होती है जिसकी मदद से यह पता लगाया जा सकता है की फल की गुणवता कैसी है, फलों को कैसे उगाया क्या है और इसमें किसी प्रकार का रसायन का इस्तेमाल हुआ है या नहीं।क्यों नहीं उड़ता ताजमहल के ऊपर हवाई-जहाजआइये जानते हैं,Price Look UP Code के बारें में (PLU Code Stickers On Fruits):-PLU Code Starting With 9 (Also Know PLU Code Organic):अगर फलों पर लगे स्टीकर (Stickers On Fruits) पर लिखा अंक 5 अंको (5 Digit Number) का है और पहला अंक 9 से शुरू होता है ( उदहारण 956328,) तो इसका अर्थ यह है की फल एक आर्गेनिक (नेचुरल) फल है और इसे जैविक खाद जैसे गोबर इत्यादि के द्वारा उगाया गया है| यह फल मानव के लिए सर्वोत्तम है|इस तरह के फल की दो विशेषतायें होती हैं |पहली विशेषता: जैविक खाद का इस्तेमाल करके प्राकर्तिक रूप से उगाये जाने के कारण यह फल मानव के लिये सर्वोत्तम रहता है|दूसरी विशेषता: प्राकर्तिक रूप से उगाये जाने के कारण यह फल अन्य फलों की तुलना में थोड़ा महंगा मिलता है|जानें, सरदार के 12 बजने के जोक के पीछे का पूरा सच
डायबिटीज को हिंदी मधुमेह कहते है|यह क्या है?शरीर को ठीक से काम करने के लिए, रक्त में ग्लूकोज का एक स्वस्थ स्तर बनाए रखने की आवश्यकता होती है। मधुमेह में इस स्तर का संतुलन बिघड जाता है और यह शरीर में रक्त शर्करा को ग्लूकोज के रूप में संसाधित करने के तरीके को प्रभावित करने लगता है।ग्लूकोज आपके शरीर की ऊर्जा का मुख्य स्रोत है। यह आपके कार्बोहाइड्रेट खाद्य पदार्थों से आता है, जैसे कि रोटी, पास्ता, चावल, अनाज, फल, स्टार्च वाली सब्जियां, दूध और दही।इनका सेवन करने से आपकी रक्त धारा आपके शरीर के चारों ओर ग्लूकोज को पहुंचाती है, और आपकी कोशिकाएं इसे ऊर्जा में बदल देती हैं। शरीर को इंसुलिन (insulin) की आवश्यकता होती है जिसका उत्पादन अग्न्याशय (Pancreas) में होता है। यह इन्सुलिन ग्लूकोज (glucose) को तोडकर आपकी कोशिकाओं में प्रवेश करने के लिए मददगार होता है|मधुमेह या डायबिटीज के मुख्यतः 2 प्रकार होते है (Types of Diabetes) –Type 1 डायबिटीजType 2 डायबिटीजटाईप 1 डायबिटीज-(Type 1 Diabetes)टाईप 1 में अग्न्याशय (Pancreas) (आपके पेट के पीछे का अंग) बहुत कम इंसुलिन या बिल्कुल भी इंसुलिन पैदा नहीं करता है। इंसुलिन एक प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला हार्मोन है, जो अग्न्याशय की बीटा कोशिकाओं द्वारा निर्मित होता है, जो शरीर को ऊर्जा के लिए चीनी का उपयोग करने में मदद करता है।टाईप 2 डायबिटीज–(Type 2 Diabetes)टाईप 2 में अग्न्याशय (Pancreas) इंसुलिन बनाता है, लेकिन बनाया गया इंसुलिन (insulin) उस तरह से काम नहीं करता जैसा उसे करना चाहिए। इस स्थिति को इंसुलिन प्रतिरोध या इंसुलिन रेजिस्टन्स (insulin resistance) कहा जाता है।मधुमेह वाले लगभग 5% लोगों में ही टाइप 1 होता है। यह पुरुषों और महिलाओं को समान रूप से प्रभावित करता है। जबकी टाईप २ मधुमेह की संख्या दिन ब दिन बढती ही जा रही है। टाईप १ को ठीक करना बहुत कठीन होता है। जबकी टाईप 2 को रिवर्स कर सकते है। मधुमेह या टाईप 2 होने का मूल कारण इंसुलिन प्रतिरोध (insulin resistance) है .ऐसी 7 बाते हैं जो इंसुलिन प्रतिरोध का कारण बनते हैं| उन्हे इस प्रकार विभाजित किया जाता है|• आहार संबंधी चार कारण• व्यायाम संबंधी दो कारण• तनाव संबंधी एक कारणटाईप 2 मधुमेह में ये लक्षण देखे जाते है-• अधिक बार मूत्र आना, आमतौर पर रात में देखा जाता है• शुष्क मुँह• सामान्य से अधिक प्यास लगना• थकान, सुस्ती या जलन महसूस होना• खाए जाने के बावजूद लगातार भूख लगना• कट, घाव या अल्सर का धीरे-धीरे ठीक होना• खुजली, त्वचा में संक्रमण• मूत्राशय में संक्रमण• धुंधली दृष्टि• वजन में बदलाव – वजन में धीरे-धीरे वृद्धि• मिजाज में बदलाव• सिरदर्द• चक्कर आना• निचले पैरों और / या पैरों में दर्द या झुनझुनी होनामधुमेह के संभावित समाधान क्या हैं?आम तौर पर मधुमेह के होने का पता चलते ही उसे नियंत्रित करने पर ही ध्यान दिया जाता है। अँटी डायबेटीकी मेडिक्शन पर रखकर। जीन स्थितियो में शुगर नियंत्रण खो देती है वहा इन्सुलिन दिया जाता है या इन्सुलिन की आवश्यकता होती है। लगभग 10 साल पहले मधुमेह (diabetes) के रिवर्स होने के बारे में कोई नहीं जानता था। लेकिन अब अध्ययन के माध्यम से हमें रिवर्सल के 7 सत्य पता चल गए हैं और ये अनुभवजन्य सत्य हैं।फ्रिडम फ्रॉम डायबिटीज एक ऐसी संस्था है जो डायबिटीज रिवर्स करने में एक्स्पर्ट है। इस संस्था के संस्थापक डॉ प्रमोद त्रिपाठी जी है। डाएट, एक्सरसाईज, आंतरिक परिवर्तन और मेडिकल इन चार आधार स्तंभोपर काम करके इन्होने ९९,००० लोगो के जीवन में परिवर्तन लाया है।इन का डायबिटीज रिव्हर्सल प्रोग्रॅम एक बहुत बेहतरीं प्रोग्रॅम है जहाँ डॉक्टर, मेंटॉर, एक्सरसाईज एक्स्पर्ट, डीएटिशियन की मदद से चरण-दर-चरण डायबिटीज की दवा अथवा इन्सुलिन से फ्रिडम पाया जा सक्ती है।हमारे website को भेट देकर आप अनेक लोगो के बारे में जान सकते है जिन्होने अपना डायबिटीज रिवर्स किया है|
यह स्टिकर वाला फल मेरे परिवार वालों की सेहत पर कोई बुरा असर तो नहीं डालेगा ?क्यों होता है, हज़ार के लिए T की जगह K का इस्तेमालआइये जानते हैं फलों पर लगे स्टिकर के बारें में(Sticker On Fruits):-दरसल फलों पर लगे स्टीकर (Stickers On Fruits), फलों की गुणवत्ता, एक्सपायरी डेट और PLU (Price Look UP) के बारे में जानकारी देते है। PLU (Price Look UP) कोड एक विशेष अंक से शुरू हुयी संख्या होती है जिसकी मदद से यह पता लगाया जा सकता है की फल की गुणवता कैसी है, फलों को कैसे उगाया क्या है और इसमें किसी प्रकार का रसायन का इस्तेमाल हुआ है या नहीं।क्यों नहीं उड़ता ताजमहल के ऊपर हवाई-जहाजआइये जानते हैं,Price Look UP Code के बारें में (PLU Code Stickers On Fruits):-PLU Code Starting With 9 (Also Know PLU Code Organic):अगर फलों पर लगे स्टीकर (Stickers On Fruits) पर लिखा अंक 5 अंको (5 Digit Number) का है और पहला अंक 9 से शुरू होता है ( उदहारण 956328,) तो इसका अर्थ यह है की फल एक आर्गेनिक (नेचुरल) फल है और इसे जैविक खाद जैसे गोबर इत्यादि के द्वारा उगाया गया है| यह फल मानव के लिए सर्वोत्तम है|इस तरह के फल की दो विशेषतायें होती हैं |पहली विशेषता: जैविक खाद का इस्तेमाल करके प्राकर्तिक रूप से उगाये जाने के कारण यह फल मानव के लिये सर्वोत्तम रहता है|दूसरी विशेषता: प्राकर्तिक रूप से उगाये जाने के कारण यह फल अन्य फलों की तुलना में थोड़ा महंगा मिलता है|जानें, सरदार के 12 बजने के जोक के पीछे का पूरा सच
पिसीओएस (PCOS) या पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम(polycystic ovarian syndrome) अंडाशय को प्रभावित करने वाली एक हार्मोनल (hormonal) स्थिति है। सामान्य मासिक धर्म चक्र(menstural cycle) में, आमतौर पर लगभग 7-8 के आसपास फॉलिकल (follicles) होते हैं जो बढ़ने लगते हैं और इनमें से एक फॉलिकल (follicle) अंडे को छोड़ने के लिए परिपक्व होगा। हालांकि, पीसीओएस से प्रभावित महिला में, एफएसएच (FSH) और एलएच (LH) हार्मोन(hormone) में असंतुलन होता है और एंड्रोजन हार्मोन(androgen hormone) का अधिक उत्पादन होता है, जिसकी वजह से कोई भी अंडा (egg) परिपक्व नहीं होता है, जिससे एनोव्यूलेश(anovulation) के कारण बच्चा ठहरने में मुश्किल आती है ।(PCOS) का कारण क्या होता है ?
पीसीओएस(pcos) का सटीक कारण अज्ञात है, लेकिन हम जानते हैं कि पैरेंटल जीन्स (parental genes) एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। PCOS विकसित होने की अधिक संभावना होती है, अगर उनके परिवार में डायबिटिक (diabetic)जीन (gene)पायी जाती है | एण्ड्रोजन हार्मोन(androgen hormone)(जो कि एक पुरुष हार्मोन है) का अधिक मात्रा में होना (overproduction) भी पीसीओएस (pcos) में कारण हो सकता है। पीसीओएस में महिलाओं में अक्सर एंड्रोजन हार्मोन(androgen hormone) का लेवल नार्मल मात्रा से अधिक मात्रा में पाया जाता है । यह ओवुलेशन(ovulation) के दौरान अंडे के विकास और उसके रिलीज(release) को प्रभावित कर सकता है। इंसुलिन हार्मोन (insulin hormone)(एक हार्मोन जो शुगर(sugar) और स्टार्च(starch) को एनर्जी (energy) में बदलने में मदद करता है) एंड्रोजन हार्मोन(androgen hormone) के बढ़े हुए लेवल का कारण भी होता है। एक डॉक्टर को आपको कब दिखाना चाहिए?यदि आप पीसीओएस (pcos) के इन लक्षणों में से किसी भी लक्षण से पीड़ित हैं| PCOS महिलाओं के उम्र की तीनों अवस्थाओं को प्रभावित करता है | 1-किशोरावस्था के दौरान: (young age) मुंहासे, चेहरे पर अत्यधिक बाल आना और अनियमित पीरियड्स होते हैं।2-प्रजनन आयु के दौरान (reproductive age) पॉलीसिस्टिक अंडाशय(ovaries) के साथ बांझपन की दर(percentage) बहुत अधिक है। इन महिलाओं को आमतौर पर गर्भवती होने में कठिनाई होती है और आमतौर पर गर्भधारण के अवसरों में सुधार के लिए उपचार(treatment) की आवश्यकता होती है।जिन महिलाओं में पीसीओएस की वजह से गर्भधारण करने में मुश्किल हो रही है उन्हें एक प्रजनन चिकित्सक (infertility specialist) से परामर्श करना चाहिए जो पीसीओएस को ठीक से समझता है। बांझपन और गर्भावस्था में मधुमेह (gestational diabetes) की संभावना अधिक होती है। 3- 30-40 के बाद: -(old age)ऐसी महिलाओं के लिए मधुमेह, हृदय रोग, गर्भाशय के कैंसर,के लिए 5 गुना बढ़ा हुआ जोखिम होता है| एक अध्ययन(studies) से पता चला है कि भारत में लगभग 18% महिलाएं पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (पीसीओएस) से पीड़ित हैं और बढ़ते मोटापे के कारण यह समस्या और बढ़ती जा रही है।पीसीओएस में गर्भधारण के इलाज को तीन steps में किया जा सकता है जैसे – १- पहला इलाज़ जिसमें महीने के दूसरे या तीसरे दिन से अंडा बनाने की दवाई खिलाकर अल्ट्रासाउंड के जरिये अंडे की वृद्धि को देखते हुए महिला को दिन बता दिए जाते हैं जब हस्बैंड (husband) और( wife) को साथ में रहना होता है |२-अगर पहले इलाज से गर्भधारण नहीं हो पाता तो IUI (intra uterine insemination) के द्वारा गर्भधारण कराया जा सकता है जिसमें कि अंडा बनने पर हस्बैंड (husband) के शुक्राणुओं को लैब (andrology lab) में तैयार करके बच्चेदानी में एक पतली नली के द्वारा डाल दिया जाता है | यह एक दर्दरहित प्रोसीजर (procedure) होता है जिसे करने में सिर्फ ५-१० मिनट ही लगते हैं | ३- आखिरी इलाज IVF (in vitro fertilization) होता है जो कि तब किया जाता है जब पहले सारे इलाज करने के बावजूद गर्भधारण करने में असफलता प्राप्त होती है |IVF में अंडा बनाने के लिए दवाई की जगह इंजेक्शन का उपयोग किया जाता है ताकि अंडों की अधिक मात्रा में प्राप्ति हो | जिससे हमें एक बार में ही अधिक भ्रूण मिलने की सफलता प्राप्त हो | यह इंजेक्शन १०- १२ दिन लगते हैं और बारहवें दिन जब सारे अंडे mature हो जाते हैं तब , अल्ट्रासाउंड (ultrasound) के जरिये देखते हुए अण्डों को निकाल लिया जाता है | यह बिलकुल दर्दरहित होता है और आपको ३-४ घंटे भर्ती किया जाता है | इसके बाद लैब में भ्रूण बनाया जाता है , जिसे ३-५ दिन बाद बच्चेदानी में डाल दिया जाता है | IVF में इंजेक्शन के अलावा और कहीं भी इस प्रक्रिया में कोई दर्द नहीं होता |हालाँकि, आपको यह ध्यान रखना है कि प्रत्येक मरीज अलग होता है और स्थितियाँ एक मामले से दूसरे मामले में भिन्न हो सकती हैं। इसलिए किसी भी तरह के निष्कर्ष पर जाने से पहले एक अच्छे डॉक्टर की राय लें।ज्यादा जानकारी के लिए और आपकी सहायता करने के लिए हमारे ORIGYN FERTILITY AND IVF CENTRE पर संपर्क करेंहमारे चिकित्सक आपकी हर तरह से सहायता करने के लिए तत्पर हैं |
Kiradu Temple in Rajasthan: हमारे सामने आने वाले कई तथ्य ऐसे होते है जो हमें हैरान कर देते है जिन पर हम चाहकर भी विश्वास नहीं कर पाते है। आपने कभी ऐसी जगह के बारे में सुना है जहाँ रात को रुकने पर आप इंसान से पत्थर बन सकते है। हो गए ना हैरान?
अगर नहीं, तो हम आपको आज ऐसी जगह के बारे में बताएंगे, जहाँ अगर आप रात को ठहरे तो इंसान से पत्थर में बदल जाएगें। चलिए जानते है इस रहस्यमय जगह के बारे में।राजस्थान का ये गांव (Kiradu Temple in Rajasthan)राजस्थान की ताप्ती रेतीली धरती अपने अंदर कई राज समेटे बैठी हैं। यह राज ऐसे होते हैं जिन्हें जानकर बड़े-बड़े हिम्मतवालों के पसीने छूट जाते हैं। कुलधारा गांव और भानगढ़ का किला राजस्थान में स्थित ऐसे ही रहस्यमय स्थानों में से एक है जो पूरी दुनिया में भूतिया स्थान के रुप में में जाने जाते है।बारमेर जिले में स्थित किराडू का मंदिर (Kiradu Temple) रहस्य के मामले में कुलधारा और भानगढ़ जितना ही खौफनाक है। यह मंदिर राजस्थान में खजुराहो मंदिर के नाम से मशहूर है जो प्रेमियों के लिए विशेष रूप से आकर्षण का केंद्र हैं। लेकिन इस जगह की खौफनाक हकीकत को जानने के बाद कोई भी शख्स सूरज ढलने के बाद यहां ठहरने की हिम्मत नहीं करता है।पत्थर का बन जाता है इंसान (Mysterious Temples in India)किराडू के मंदिर के बारे में ऐसी मान्यता है कि यहां शाम होने के बाद जो भी रह जाता है वो या तो पत्थर का बन जाता है या फिर मौत की गहरी नींद में सो जाता है। इस स्थान के बारे में यह मान्यता सदियों से चली आ रही है। पत्थर बन जाने के खौफ के कारण यह इलाका शाम होते ही पूरा वीरान हो जाता है।इस मान्यता के पीछे एक ऐसी अजीब कहानी है जिसकी गवाह एक औरत की पत्थर की मूर्ति है, जो किराडू से कुछ दूरी पर सिहणी गांव में स्थित है। किराडू के लोग बन गए पत्थर (Kiradu Temple History in Hindi)यह बात वर्षों पहले की है जब किराडू में एक तपस्वी पधारे थे। इनके साथ शिष्यों की एक टोली थी। एक दिन तपस्वी अपने शिष्यों को गांव में ही छोड़कर भ्रमण के लिए चले गए। इस दौरान अचानक शिष्यों का स्वास्थ्य काफी ख़राब हो गया।उस समय गांव के लोगों ने शिष्यों की कोई मदद नहीं की। जब तपस्वी किराडू लौटे कर वापस आए और अपने शिष्यों की ये दशा देखी तो क्रोधित होकर गांव वालों को श्राप दिया कि जिस स्थान के लोगों का हृदय पाषाण का हैं वह इंसान बने रहने के योग्य नहीं हैं इसलिए सब पत्थर के बन जाएं।सिर्फ एक कुम्हारन थी जिसने शिष्यों की मदद की थी। उस पर दया करते हुए तपस्वी ने कहा कि तुम इस गांव से चली जाओ वरना तुम भी गांववालों के साथ पत्थर की बन जाओगी। लेकिन याद रखना गांव से जाते समय भूल से भी पीछे मुड़कर मत देखना।तपस्वी की आज्ञा का पालन करते हुए कुम्हारन गांव से चली जाती है लेकिन उसके मन में यह बात आने लगती है कि तपस्वी की कही बात सच भी है या नहीं और वह पीछे मुड़कर देख लेती हैं। इस तरह मुड़कर देखते ही वो महिला भी पत्थर की बन जाती है। सिहणी गावं में स्थापित कुम्हारन की पत्थर की मूर्ति आज भी उस घटना की याद दिलाती है।
NEBOSH समापन साक्षात्कार प्रशिक्षण केंद्र द्वारा आयोजित एक छोटी अवधि का साक्षात्कार है जो यह सत्यापित करने के लिए है कि आपने किसी अन्य व्यक्ति या मित्र से अनधिकृत सहायता लिए बिना परीक्षा लिखी है। यदि आप अच्छी तरह से उत्तर नहीं देते हैं तो साक्षात्कारकर्ता कोई अंक कम नहीं करेगा क्योंकि अंक पूरी तरह से आपके लिखित IG1 पेपर पर आधारित होंगे। हालाँकि यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने समापन साक्षात्कार के लिए अच्छी तैयारी करें और यह तैयारी आपके द्वारा अपनी परीक्षा के लिए लिखे गए उत्तरों पर आधारित होनी चाहिए। आमतौर पर आपको अपने प्रशिक्षण केंद्र से लगभग 15 मिनट की अवधि के एक-से-एक ज़ूम साक्षात्कार के लिए एक ईमेल आमंत्रण प्राप्त होगा और आपको कुछ प्रश्नों के उत्तर देने होंगे और साक्षात्कारकर्ता को अपना राष्ट्रीय पहचान पत्र दिखाना होगा। इस साक्षात्कार का मुख्य उद्देश्य उन शिक्षार्थियों की पहचान करना है जिन्होंने कदाचार या परीक्षा में किसी तरह की चोरी नहीं किया है । और जिन्होंने चोरी करने की कोशिश की है और प्रकार उनके द्वारा लिखे गए उत्तरों के बारे में कुछ भी बोलने में सक्षम नहीं हो सकते हैं।साक्षात्कार आमतौर पर आपकी लिखित परीक्षा के लगभग 10-15 दिन बाद होता है।एक शिक्षार्थी के रूप में, आपको केवल अपनी परीक्षा के लिए पूरी तरह से अध्ययन करने की आवश्यकता है, किसी मित्र या रिश्तेदार से अनधिकृत सहायता लिए बिना स्वयं परीक्षा लिखें। बाद में समापन साक्षात्कार के लिए आप अपने स्वयं के उत्तरों को पढ़ सकते हैं और परीक्षा के लिए आपने जो लिखा है उसके आधार पर कुछ प्रश्नों के उत्तर देने के लिए तैयार रहें। यदि आपके कोई और प्रश्न हैं तो कृपया संस्थान से संपर्क करने में संकोच न करें। ये हर रिजिस्टर संस्थान का कर्तव्य है की आपको सही तरह से गाइड करे और किसी भी तरह से इंटरव्यू पास करने के नाम पर मिसलीड और गलत जानकारी न दे । ये क्लोजिंग इंटरव्यू एक बहुत आसान सा प्रोसेस है आपको अपने लैंग्वेज प्रॉब्लम को लेकर डरने की भी जरूरत नही है इंटरव्यूअर आपके नॉलेज को केवल देखता है आपके स्पीकिंग क्वालिटी पर नहीं जाता है ।फिर से इस बात पर ध्यान देने की जरूरत है की आपके इंटरव्यू की क्वालिटी पर आपको कोई नबर नही दिए जाते आपकी मार्किंग केवल 24 घंटे का दौरान जो आपने उत्तर लिखे है बस उसी पेपर का मूल्यांकन किया जाता है । आप 3S Life safe Akademie जो की NEBOSH ki डायरेक्ट एक्रीडिएटेड इंस्टीट्यूट है और काफी अच्छा पासिंग परसेंटेज भी है आपको सारी इनफॉर्मेशन वहां से ओपन बुक एग्जामिनेशन और इंटरव्यू के संबंध में दी जाएगी ।आप info@ lifesafeacademy.com पर मेल के द्वारा और www.lifesafeacademy.com or 7975371948 पर संपर्क कर सकते है
डायबिटीज को हिंदी मधुमेह कहते है|यह क्या है?शरीर को ठीक से काम करने के लिए, रक्त में ग्लूकोज का एक स्वस्थ स्तर बनाए रखने की आवश्यकता होती है। मधुमेह में इस स्तर का संतुलन बिघड जाता है और यह शरीर में रक्त शर्करा को ग्लूकोज के रूप में संसाधित करने के तरीके को प्रभावित करने लगता है।ग्लूकोज आपके शरीर की ऊर्जा का मुख्य स्रोत है। यह आपके कार्बोहाइड्रेट खाद्य पदार्थों से आता है, जैसे कि रोटी, पास्ता, चावल, अनाज, फल, स्टार्च वाली सब्जियां, दूध और दही।इनका सेवन करने से आपकी रक्त धारा आपके शरीर के चारों ओर ग्लूकोज को पहुंचाती है, और आपकी कोशिकाएं इसे ऊर्जा में बदल देती हैं। शरीर को इंसुलिन (insulin) की आवश्यकता होती है जिसका उत्पादन अग्न्याशय (Pancreas) में होता है। यह इन्सुलिन ग्लूकोज (glucose) को तोडकर आपकी कोशिकाओं में प्रवेश करने के लिए मददगार होता है|मधुमेह या डायबिटीज के मुख्यतः 2 प्रकार होते है (Types of Diabetes) –Type 1 डायबिटीजType 2 डायबिटीजटाईप 1 डायबिटीज-(Type 1 Diabetes)टाईप 1 में अग्न्याशय (Pancreas) (आपके पेट के पीछे का अंग) बहुत कम इंसुलिन या बिल्कुल भी इंसुलिन पैदा नहीं करता है। इंसुलिन एक प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला हार्मोन है, जो अग्न्याशय की बीटा कोशिकाओं द्वारा निर्मित होता है, जो शरीर को ऊर्जा के लिए चीनी का उपयोग करने में मदद करता है।टाईप 2 डायबिटीज–(Type 2 Diabetes)टाईप 2 में अग्न्याशय (Pancreas) इंसुलिन बनाता है, लेकिन बनाया गया इंसुलिन (insulin) उस तरह से काम नहीं करता जैसा उसे करना चाहिए। इस स्थिति को इंसुलिन प्रतिरोध या इंसुलिन रेजिस्टन्स (insulin resistance) कहा जाता है।मधुमेह वाले लगभग 5% लोगों में ही टाइप 1 होता है। यह पुरुषों और महिलाओं को समान रूप से प्रभावित करता है। जबकी टाईप २ मधुमेह की संख्या दिन ब दिन बढती ही जा रही है। टाईप १ को ठीक करना बहुत कठीन होता है। जबकी टाईप 2 को रिवर्स कर सकते है। मधुमेह या टाईप 2 होने का मूल कारण इंसुलिन प्रतिरोध (insulin resistance) है .ऐसी 7 बाते हैं जो इंसुलिन प्रतिरोध का कारण बनते हैं| उन्हे इस प्रकार विभाजित किया जाता है|• आहार संबंधी चार कारण• व्यायाम संबंधी दो कारण• तनाव संबंधी एक कारणटाईप 2 मधुमेह में ये लक्षण देखे जाते है-• अधिक बार मूत्र आना, आमतौर पर रात में देखा जाता है• शुष्क मुँह• सामान्य से अधिक प्यास लगना• थकान, सुस्ती या जलन महसूस होना• खाए जाने के बावजूद लगातार भूख लगना• कट, घाव या अल्सर का धीरे-धीरे ठीक होना• खुजली, त्वचा में संक्रमण• मूत्राशय में संक्रमण• धुंधली दृष्टि• वजन में बदलाव – वजन में धीरे-धीरे वृद्धि• मिजाज में बदलाव• सिरदर्द• चक्कर आना• निचले पैरों और / या पैरों में दर्द या झुनझुनी होनामधुमेह के संभावित समाधान क्या हैं?आम तौर पर मधुमेह के होने का पता चलते ही उसे नियंत्रित करने पर ही ध्यान दिया जाता है। अँटी डायबेटीकी मेडिक्शन पर रखकर। जीन स्थितियो में शुगर नियंत्रण खो देती है वहा इन्सुलिन दिया जाता है या इन्सुलिन की आवश्यकता होती है। लगभग 10 साल पहले मधुमेह (diabetes) के रिवर्स होने के बारे में कोई नहीं जानता था। लेकिन अब अध्ययन के माध्यम से हमें रिवर्सल के 7 सत्य पता चल गए हैं और ये अनुभवजन्य सत्य हैं।फ्रिडम फ्रॉम डायबिटीज एक ऐसी संस्था है जो डायबिटीज रिवर्स करने में एक्स्पर्ट है। इस संस्था के संस्थापक डॉ प्रमोद त्रिपाठी जी है। डाएट, एक्सरसाईज, आंतरिक परिवर्तन और मेडिकल इन चार आधार स्तंभोपर काम करके इन्होने ९९,००० लोगो के जीवन में परिवर्तन लाया है।इन का डायबिटीज रिव्हर्सल प्रोग्रॅम एक बहुत बेहतरीं प्रोग्रॅम है जहाँ डॉक्टर, मेंटॉर, एक्सरसाईज एक्स्पर्ट, डीएटिशियन की मदद से चरण-दर-चरण डायबिटीज की दवा अथवा इन्सुलिन से फ्रिडम पाया जा सक्ती है।हमारे website को भेट देकर आप अनेक लोगो के बारे में जान सकते है जिन्होने अपना डायबिटीज रिवर्स किया है|
वैदिक ज्योतिष के अनुसार स्वाति नक्षत्र/Swati Nakshatra 27 नक्षत्रों में से एक है। स्वाति शब्द सु + अति से बना है, जिसका अर्थ बहुत अच्छा या स्वतंत्र होता है। स्वाति का एक और अर्थ है — धर्मगुरु, जिसे धर्मशास्त्र में महारत हासिल है। स्वाति नक्षत्र से जुड़े कुछ रहस्ययह नक्षत्र धर्म, अंतर्ज्ञान और भगवान का कारक है। जो व्यक्ति इस नक्षत्र में जन्म लेता है, वह इस नक्षत्र के विषय में जानने का हमेशा इच्छुक रहेगा। इस नक्षत्र की ऊर्जा बहुत दूर तक बिखरती है। कहीं पर यह नक्षत्र कायापलट या फिर कहीं पर बदलाव का बिंदु बन जाता है।खुद को पूरी तरह से स्वतंत्र कर लेने की चाह इस नक्षत्र की पहचान है। हालांकि जीवन की कोई भी प्रक्रिया हो, उसमें यह बहुत अस्त—व्यस्त दिखाई देते हैं। इस नक्षत्र से जुड़े जातक मार्केटिंग आदि के क्षेत्र में अत्यंत सफल साबित हो सकते हैं। ऐसा क्यों होता है चलिए समझते हैं। स्वाति नक्षत्र से जुड़ी मुख्य बातें इस प्रकार देखें तो इस नक्षत्र/Nakshatra से जुड़े व्यक्ति अपने जीवन में कई उतार-चढ़ाव का सामना करते हैं। हालांकि उतार-चढ़ाव का संबंध घर के उस स्वामी पर निर्भर करता है, जिससे यह नक्षत्र प्रभावित रहता है। यह आपसी संबंध, धन आदि से भी जुड़ा होता है। स्वाति नक्षत्र राशि चक्र में पूरी तरह से तुला राशि को प्रभावित करता है, जो कि एक महत्वपूर्ण राशि है। राहु स्वाति नक्षत्र पर शासन करता है, जो कि एक शुष्क ग्रह है और शनि का उच्च अष्टक है। स्वाति नक्षत्र पर वायु या फिर कहें वायु देवता का शासन रहता है। स्वाति नक्षत्र के विषय में अधिक जानकारी इस नक्षत्र में बैठे चंद्रमा, व्यक्ति के मन में इधर—उधर के विचार ला सकते हैं। इस नक्षत्र में जन्में लोग निष्कर्ष निकालने में सक्षम नहीं होते। ऐसा जातक रीढ़विहीन स्वभाव के हो सकते हैं।स्वाति नक्षत्र के जातक की विशेषताएं समाजसेवी शैक्षिक संस्थाओं का गठन करने वाले इस नक्षत्र से जुड़े जातक अमूमन ट्रैवल, टूरिज्म और विमानन उद्योग से जुड़े होते हैं। ऐसे व्यक्ति हमेशा अपनी ताकत बढ़ाने और स्वतंत्र रहने का प्रयास करते हैं। इनके रिश्ते और साझेदारी अमूमन उतार-चढ़ाव भरी होती है।मार्केटिंग ही क्यों है स्वाति नक्षत्र के लिए सबसे उत्तम क्षेत्रमार्केटिंग में सफलता प्राप्त करने के लिए कुछ बातों की बहुत जरूरत पड़ती है, जैसे अपनी बातों को दूसरों तक पहुंचाना और उपभोक्ताओं की समस्या का तुरंत पता लगाना। इन दोनों ही विषय में स्वाति नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति बहुत ज्यादा अच्छे होते हैं। इसके साथ साथ मार्केटिंग में ऐसे व्यक्तियों की सबसे ज्यादा आवश्यकता पड़ती है, जो अपनी बातों को उपभोक्ताओं के समक्ष हंसते और खिलखिलाते चेहरे के साथ रखें और हर व्यक्ति को समझाना कि उन्हें इस सामान की आवश्यकता है।जैसा कि हमने आपको पहले भी बताया है कि स्वाति नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति का व्यक्तित्व हंसने खेलने वाला होता है। ऐसा नहीं है कि स्वाति नक्षत्र में जन्मे लोगों को सिर्फ मार्केटिंग में सफलता मिलती है। वह अन्य क्षेत्रों में भी सफल हो सकते हैं, लेकिन इस क्षेत्र में सफल होने की संभावना अच्छी होती है। इससे अधिक जानकारी के लिए आप हमारी वेबसाइट www.vinaybajrangi.com पर जा सकते है और अपॉइंटमेंट बुक करने पर डॉ विनय बजरंगी जी के समक्ष बैठकर आप अपने प्रश्नो के उत्तर पा सकते है।Source: https://sites.google.com/view/vinaybajrangis/blog/swati-nakshatra