औद्योगिक विकास भारत का एक अत्यंत महत्वपूर्ण दिशा निर्धारक रहा है। भाप इंजन से लेकर आज तक की वास्तव में ग्लोबल प्रोडक्शन चेन्स एंड प्रोसेसेस (वैश्विक उत्पादन श्रृंखलाओं और प्रक्रियाओं) तक उद्योगों ने हमारी अर्थव्यवस्थाओं को बदला है और हमारे समाज में बड़े बदलाव लाने में सहायता की है। किन्तु टिकाऊ तौर-तरीकों, आधुनिक प्रौद्योगिकी और बुनियादी सुविधाओं की उपस्थिति के अभाव में हम मनचाही वृद्धि नहीं कर पा रहे हैं, जो एक विचारणीय मुद्दा है। विकासशील देशों में कुल मिलाकर करीब 2.6 अरब लोग दिन भर के लिए बिजली पाने में कठिनाई महसूस करते हैं। इसके अलावा दुनिया भर में 2.5 अरब लोग बुनियादी स्वच्छता से वंचित हैं, जबकि लगभग 80,00,000,00 लोगों को जल सुलभ नहीं है। जिनमें से लाखों लोग सहारा के दक्षिणी अफ्रीकी देशों और दक्षिण एशिया में अनेक निम्न आय वाले देशों के लिए बुनियादी सुविधाओं की मौजूदा सीमाएं उत्पादकता पर करीब 40% तक असर डालती हैं। ऐसा अनुमान है कि उद्योग और संचार की एक मजबूत वास्तविक श्रंखला उत्पादकता और आय बढ़ा सकती है और स्वास्थ्य, खुशहाली तथा शिक्षा में सुधार ला सकता है। इसी तरह से टेक्नोलॉजी की प्रगति देशों के रूप में हमारी खुशहाली बढ़ाती है और पहले से अधिक संसाधनों एवं ऊर्जा कुशलता के माध्यम से पृथ्वी की स्थिति में भी सुधार कर सकती है।सतत् विकास के उद्योग, नवाचार तथा बुनियादी सुविधाएँ लक्ष्य के माध्यम से देश की सरकार ने संकल्प लिया है कि अधिक जानदार बुनियादी सुविधाओं में निवेश, सीमा के आर-पार सहयोग तथा छोटे उद्यमों को प्रोत्साहन, सतत् औद्योगिक विकास सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण होंगे। साथ ही यब भी सुनिश्चित किया है कि हमें अपना औद्योगिक ढांचा सुधारना होगा और उसमें नई टेक्नोलॉजी की प्रमुख भूमिका होगी। सरकारों और कंपनियों को नवाचार, वैज्ञानिक अनुसंधान प्रोत्साहन (साइंटिफिक रिसर्च प्रमोशन) तथा सबके लिए इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी की सुलभता सुधारने हेतु एक अनुकूल नीतिगत माहौल पैदा करने में योगदान देना होगा। #2030 के भारत के सतत विकास का एक लक्ष्य उद्योग, नवाचार तथा बुनियादी सुविधाएँ प्राप्त करना है। इस लक्ष्य का मुख्य उद्देश्य क्षेत्रीय और सीमाओं के आर-पार बुनियादी सुविधाओं सहित गुणवत्तापूर्ण, विश्वसनीय, टिकाऊ और जानदार बुनियादी सुविधाओं का विकास करना है जिससे आर्थिक विकास हो और मानव कल्याण को सहारा मिले। इसके साथ ही एम्प्लॉयमेंट एंड ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट (रोजगार और सकल घरेलू उत्पाद) में राष्ट्रीय परिस्थितियों के अनुसार उद्योग की हिस्सेदारी में बहुत अधिक वृद्धि की जाए। इसके साथ ही, सरकार के मेक इन इंडिया और स्टार्टअप इंडिया जैसे प्रमुख प्रयासों तथा पंडित दीनदयाल उपाध्याय श्रमेव जयते कार्यक्रम के बल पर नवाचार और सतत् औद्योगिक एवं आर्थिक विकास को गति मिल रही है।
जब से इस असीम ब्रह्मांड की रचना हुयी है, तभी से इंसान और कुदरत के बीच अटूट संबंध रहा है। पेड़ों से हमें जीवनदायिनी ऑक्सीज़न की प्राप्ति होती है, जिसके बिना मनुष्य जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। पेड़ हमेशा से ही हमारे जीवन का आधार रहे हैं। आदिकाल से ही समस्त भारतीय समाज में पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता मिली है। भारतीय संस्कृति में हमेशा से ही पेड़-पौधों को पूजने की परंपरा रही है। हिन्दुस्तान में ऐसा माना जाता है कि विभिन्न वृक्षों में देवताओं का वास होता है। अशोक इंद्र का, कदंब भगवान श्रीकृष्ण का, तुलसी का पौधा विष्णु और लक्ष्मी का, नीम मंसा और शीतला का माना जाता है। पेड़-पौधें प्रकृति के अनमोल देन कहे जाते हैं। ऐसा कोई मजहब नहीं है जो पर्यावरण संरक्षण को महत्व ना देता हो।हैरत और अफ़सोस की बात तो ये है कि भारत जैसे देश में एक तरफ़ जहां पर्यावरण को सर्वोपरि माना गया है और दूसरी तरफ़ बढ़ती आबादी अपनी जरूरतों की पूर्ति के लिए वृक्षों को काट रहे हैं। जिस रफ्तार से पेड़ और पौधे काटे जा रहे है, वो दिन दूर नहीं है जब पेड़ों का अस्तित्व यानी मानव जीवन का अस्तित्व खतरे में आ जायेगा। आंकड़े बताते हैं कि मानव सभ्यता की शुरुआत से अबतक 3 लाख करोड़ से भी ज्यादा पेड़ काटे जा चुके हैं। भारत वन स्थिति रिपोर्ट 2019 का अध्ययन करके ये पता चला है कि भारत में वन क्षेत्र कुल 7,12,249 वर्ग किलोमीटर है। भारत के लोगों में वृक्षारोपण को लेकर जागरूकता बढ़ी है और यही वजह है कि जनमानस अब पेड़ पौधों की अहमियत से वाकिफ़ हो रहे हैं। हिन्दराइज सोशल वेल्फेयर फाउंडेशन के सदस्य पौधारोपण करके लोगों में जागरुकता फैलाने का कार्य कर रहे हैं जिससे लोग बढ़चढ़कर इस पुनीत कार्य में हिस्सा ले सकें।पर्यावरण का संतुलन बनाए रखने के उद्देश्य से हिन्दराइज फाउंडेशन के योद्धा दिल्ली एनसीआर के अलग-अलग इलाकों में वृक्षारोपण कर रहे हैं और संस्था के साथ जुड़ने के लिए लोग भी आगे आ रहे हैं।हिन्दराइज फाउंडेशन के पितामह नरेंद्र कुमार के अनुसार प्रकृति का संरक्षण ही सभी के लिए प्राणमयी ऊर्जा है। हिन्दराइज सोशल वेल्फेयर फाउंडेशन के सदस्यों ने ना सिर्फ पौधे लगाने पर जोर दिया है बल्कि लोगों को पौधों की समुचित देखभाल करने के लिए प्रेरित भी किया है।आओ मिलकर पौधे लगाते हैं,धरा को हरा-भरा बनाते हैं।
एप्पल कंपनी के बारे में तो सुना ही होगा आपने , आज पुरे विश्व में एप्पल कंपनी की धूम है । फ़ोन से लेकर कंप्यूटर तक को स्मार्ट बनाने वाली कंपनी है एप्पल । इस कंपनी के संस्थापक थे स्टीव जॉब्स । उन्होंने ये कंपनी एक छोटे से गेराज से शुरू की थी और आज ये कंपनी पूरे विश्व में नंबर 1 है। इस कंपनी की सफलता के पीछे स्टीव जॉब्स का ही हाथ है । एप्पल की सफलता का अनुमान आप इस बात से ही लगा सकते है की आज इस कंपनी की कुल कीमत करीब एक ट्रिलियन डॉलर से भी ज्यादा है । तो आइये जानते है स्टीव के वो सक्सेस मंत्रा जिनसे उन्होंने खड़ी करदी खरबों डॉलर्स की कंपनी । 1.
करें अपना पसंदीदा कामस्टीव जॉब्स का मानना था की मनुष्य को वो ही काम करना चाहिए जिसमे उसकी रुचि हो। केवल पैशन वाले व्यक्ति ही दुनिया बदलते हैं । अगर आप वो काम कर रहें है जिसे आप पसंद कर रहे है तो आप कभी नहीं थकेंगे । इसलिए दुनिया में हर व्यक्ति को वही काम करना चाहिए जो वो पसंद करता हो । 2.
रखें बड़ी सोचस्टीव जॉब्स मानते थे की हम दुनिया में कुछ बड़ा करने के लिए आयें हैं , इसलिए हमें हमेशा बड़ा सोचना चाहिए। स्टीव मानते थे जिंदगी उस सब से ज्यादा है जो हम आम तौर पर सोचते हैं । हम जीवन में जिसके भी बीच में रहते है वो किसी और का नजरिया है , हमें खुद की सोच विकसित करनी चाहिए और अपनी दुनिया खुद बनानी चाहिए। शायद यही वजह है की स्टीव्स ने कंप्यूटर की दुनिया को बिलकुल बदल दिया , उन्होंने अपनी बड़ी सोच से सबके सामने एक मिसाल पेश की । 3.
सब कुछ अच्छे के लिए होता हैस्टीव जॉब्स का मानना था हमें अतीत में नहीं रहना चाहिए , हमे जीवन में ये फंडा अपनाना चाहिए । किसी बात का दुःख मनाने से अच्छा है , हमेशा आगे बढ़ते रहे। स्टीव्स के जीवन में कई बार उतार चढ़ाव आये , कई बार उनके प्रोडक्ट्स बाजार में नहीं चल पाए पर फिर भी वो आगे बढ़ते रहे । इस विश्वास के साथ की जो होता है अच्छे के लिए होता है स्टीव्स ने दुनिया बदल दी । 4.
पैसों के लिए न करें कामस्टीव्स का मानना था हर काम पैसे के लिए नहीं करना चाहिए । हमे अपनी प्रतिभा को पहचान कर उस पे काम करना चाहिए । और तबतक मेहनत करनी चाहिए जबतक हम उस काम में परफेक्ट ना हो जाएँ । एप्पल ग्रहाक को सेवा देने में सबसे आगे रहता है । स्टीव्स का कहना था अगर आपका ग्राहक आपसे खुश है तो आपकी कंपनी को बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता । 5.
बनाएँ एक अच्छी टीमएक अच्छी कंपनी या एक सफल व्यक्ति के पीछे एक बढ़िया टीम का हाथ होता है । स्टीव्स कहते हैं अगर आपको आगे बढ़ना है तो आपको अपनी टीम में विश्वास रखना होगा । अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आप अपना ही नुकसान कर रहे हैं क्योंकि टीम एक ऐसी चीज़ होती है जिसके द्वारा आप उस मिशन में काम कर रहे हैं जो आप करना चाहते हैं अगर आपकी टीम का एक भी सदस्य इधर-उधर होता है तो नुकसान आप ही का होगा इसीलिए हमेशा टीम में विश्वास बनाए रखें और उनके काम पर भी विश्वास करें। 6.
वैदिक ज्योतिष के अनुसार स्वाति नक्षत्र/Swati Nakshatra 27 नक्षत्रों में से एक है। स्वाति शब्द सु + अति से बना है, जिसका अर्थ बहुत अच्छा या स्वतंत्र होता है। स्वाति का एक और अर्थ है — धर्मगुरु, जिसे धर्मशास्त्र में महारत हासिल है। स्वाति नक्षत्र से जुड़े कुछ रहस्ययह नक्षत्र धर्म, अंतर्ज्ञान और भगवान का कारक है। जो व्यक्ति इस नक्षत्र में जन्म लेता है, वह इस नक्षत्र के विषय में जानने का हमेशा इच्छुक रहेगा। इस नक्षत्र की ऊर्जा बहुत दूर तक बिखरती है। कहीं पर यह नक्षत्र कायापलट या फिर कहीं पर बदलाव का बिंदु बन जाता है।खुद को पूरी तरह से स्वतंत्र कर लेने की चाह इस नक्षत्र की पहचान है। हालांकि जीवन की कोई भी प्रक्रिया हो, उसमें यह बहुत अस्त—व्यस्त दिखाई देते हैं। इस नक्षत्र से जुड़े जातक मार्केटिंग आदि के क्षेत्र में अत्यंत सफल साबित हो सकते हैं। ऐसा क्यों होता है चलिए समझते हैं। स्वाति नक्षत्र से जुड़ी मुख्य बातें इस प्रकार देखें तो इस नक्षत्र/Nakshatra से जुड़े व्यक्ति अपने जीवन में कई उतार-चढ़ाव का सामना करते हैं। हालांकि उतार-चढ़ाव का संबंध घर के उस स्वामी पर निर्भर करता है, जिससे यह नक्षत्र प्रभावित रहता है। यह आपसी संबंध, धन आदि से भी जुड़ा होता है। स्वाति नक्षत्र राशि चक्र में पूरी तरह से तुला राशि को प्रभावित करता है, जो कि एक महत्वपूर्ण राशि है। राहु स्वाति नक्षत्र पर शासन करता है, जो कि एक शुष्क ग्रह है और शनि का उच्च अष्टक है। स्वाति नक्षत्र पर वायु या फिर कहें वायु देवता का शासन रहता है। स्वाति नक्षत्र के विषय में अधिक जानकारी इस नक्षत्र में बैठे चंद्रमा, व्यक्ति के मन में इधर—उधर के विचार ला सकते हैं। इस नक्षत्र में जन्में लोग निष्कर्ष निकालने में सक्षम नहीं होते। ऐसा जातक रीढ़विहीन स्वभाव के हो सकते हैं।स्वाति नक्षत्र के जातक की विशेषताएं समाजसेवी शैक्षिक संस्थाओं का गठन करने वाले इस नक्षत्र से जुड़े जातक अमूमन ट्रैवल, टूरिज्म और विमानन उद्योग से जुड़े होते हैं। ऐसे व्यक्ति हमेशा अपनी ताकत बढ़ाने और स्वतंत्र रहने का प्रयास करते हैं। इनके रिश्ते और साझेदारी अमूमन उतार-चढ़ाव भरी होती है।मार्केटिंग ही क्यों है स्वाति नक्षत्र के लिए सबसे उत्तम क्षेत्रमार्केटिंग में सफलता प्राप्त करने के लिए कुछ बातों की बहुत जरूरत पड़ती है, जैसे अपनी बातों को दूसरों तक पहुंचाना और उपभोक्ताओं की समस्या का तुरंत पता लगाना। इन दोनों ही विषय में स्वाति नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति बहुत ज्यादा अच्छे होते हैं। इसके साथ साथ मार्केटिंग में ऐसे व्यक्तियों की सबसे ज्यादा आवश्यकता पड़ती है, जो अपनी बातों को उपभोक्ताओं के समक्ष हंसते और खिलखिलाते चेहरे के साथ रखें और हर व्यक्ति को समझाना कि उन्हें इस सामान की आवश्यकता है।जैसा कि हमने आपको पहले भी बताया है कि स्वाति नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति का व्यक्तित्व हंसने खेलने वाला होता है। ऐसा नहीं है कि स्वाति नक्षत्र में जन्मे लोगों को सिर्फ मार्केटिंग में सफलता मिलती है। वह अन्य क्षेत्रों में भी सफल हो सकते हैं, लेकिन इस क्षेत्र में सफल होने की संभावना अच्छी होती है। इससे अधिक जानकारी के लिए आप हमारी वेबसाइट www.vinaybajrangi.com पर जा सकते है और अपॉइंटमेंट बुक करने पर डॉ विनय बजरंगी जी के समक्ष बैठकर आप अपने प्रश्नो के उत्तर पा सकते है।Source: https://sites.google.com/view/vinaybajrangis/blog/swati-nakshatra
कानून अथवा लॉ का प्रोफेशन बेहद संवेदनशील एवं जिम्मेदारी का प्रोफेशन है जो समाज व देश निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।अगर आप लॉ की फील्ड में करियर बनाना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले एक प्रतिष्ठत संस्थान की तलाश होगी। आपके लिए एसजीटी यूनिवर्सिटी की लॉ फैकल्टी एक बेहतर विकल्प हो सकती है।एसजीटी यूनिवर्सिटी की लॉ फैकेल्टी (विधि संकाय) की स्थापना वर्ष 2014 में विभिन्न सामाजिक (सोशल)एवं सांस्कृतिक पृष्ठभूमि (कल्चरल बैकग्राउंड) से आने वाले छात्रों को गुणवत्तापूर्ण कानूनी शिक्षा प्रदान करने के मिशन के साथ की गई है। इसका मुख्य उद्देश्य छात्रों को समृद्ध अकादमिक वातावरण प्रदान करना है, जिससे अधिक से अधिक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के प्रबुद्ध व मेहनती लॉ प्रोफेशनल्स तैयार हो सकें।क्यों चुने एसजीटी यूनिवर्सिटीकीफैकल्टीऑफ लॉ कोएसजीटी विश्वविद्यालय की लॉ फैकेल्टी उच्चतम गुणवत्ता वाली कानूनी शिक्षा देनेके लिए प्रतिबद्ध है। यहां देश-दुनिया के प्रतिष्ठितविश्वविद्यालयोंकेअनुभवीशिक्षक अपनी सेवाएं देते हैं। यहां के पाठ्यक्रमको नेशनललॉयूनिवर्सिटी के साथकोलेबरेशन में बनाया गया है। यह फैकेल्टी लाइव केस हैंडलिंग केअनुभव के लिए प्रतिष्ठित लॉयर्सएवं लॉ फर्मों के साथ इंटर्नशिप का अवसर प्रदान करता है। यहां वैश्वीक (ग्लोबल) की कानूनी समझ विकसित करने के लिए विदेशी कानूनी प्रणाली (फॉरेन लॉ सिस्टम) की पढ़ाई भी करायी जाती है। यहां छात्रों को सेमिनारों, सम्मेलनों, मूट कोर्ट व इंटरैक्टिव सेशन्स में बड़े कानून विशषज्ञों के साथ सीधे इंटरेक्शन का मौका मिलता है।इसका भारतीय राष्ट्रीय बार एसोसिएशन व CIRCजैसे संस्थानों के साथ कॉलेबरेशन है।यहां न्यायिक सेवाओं (लॉ सर्विसेज) और सिविल सेवाओं (सिविल सर्विसेज) की परीक्षा के लिए इन बिल्ट कोचिंग मॉड्यूल भी उपलब्ध है।कोर्स एवं कार्यक्रम एसजीटी यूनिवर्सिटी का लॉ फैकेल्टी निम्नलिखित कोर्स/प्रोग्राम ऑफर करता है-BA LLB (Hons.
)Bachelor of Law (LLB)Masters of LawPh.D in Law एसजीटी यूनिवर्सिटी के लॉ फैकेल्टी के इंडस्ट्रीयल टाई-अपविधि संकाय (लॉ फैकेल्टी) ने निम्नलिखित व्यावसायिक संघों / संस्थानों के साथ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं:इंडियन नेशनल बार एसोसिएशन, नई दिल्ली।सीयूटीएस इंस्टीट्यूट फॉर रेगुलेशन एंड कॉम्पिटिशन (CIRC), नई दिल्ली।इंडस्ट्री ओरिएंटेडस्पेशल कोर्सएसजीटी यूनिवर्सिटी की लॉ फैकेल्टी कुछ चुनिंदा लॉ स्कूलों में से एक है जो एक ट्राइमेस्टर पैटर्न प्रदान करते हैं, जिसमें एक छात्र को एक वर्ष में तीन बार इंटर्नशिप का अवसर मिलता है। जिससे 5 साल की डिग्री प्रोग्राम के अंत में 15 इंटर्नशिप करने के बाद छात्र प्रोफेशनल सेवाओं के लिए पूरी तरह तैयार होता है।सेमेस्टर / वर्षों में विभाजित विशेष ऐड-ऑन कोर्सलॉ फैकेल्टी छात्रों को आनर्स के चयन में पूरी आजादी देता है। कोई भी छात्र कॉरपोरेट लॉ, इंटरनेशनल ट्रेड लॉ, कांस्टीट्यूशनल लॉ या क्रिमिनल लॉ में विशेषज्ञता का चयन अपनी इच्छा और करियर के विकल्पों के आधार पर कर सकता है। अंतिम वर्ष में छात्रों को निम्नलिखित विशेष पाठ्यक्रमों की पेशकश की जाती है जैसे:अमेरिकी लॉ सिस्टम, यूरोपीय यूनिय लॉ, इंग्लिश लिगल सिस्टम और एक विदेशी भाषा (फ्रेंच या जर्मन)।लॉ की पढ़ाई के बाद करियर की क्या हैं संभावनाएं?लॉ की पढाई के बाद एकलॉयर के रूप में अपने करियर की शुरूआत करने के अलावालॉ स्नातकों के पास आज कानून के प्रोफेशन में शामिल होने के लिए विभिन्न सरकारी और निजी संस्थानों में लॉ ऑफिसर / लिगलएडवाइजर / लिगल एक्सीक्यूटिव के रूप में काम करने का विकल्प है। बड़े कॉरपोरेट घराने, बहुराष्ट्रीय कम्पनियों, बैंक, बीमा कंपनियां, एलपीओ और एनजीओ उच्च पैकेज पर लॉ ग्रेजुएट्स कासीधे कैम्पस प्लेसमेंट करते हैं। इसके अतिरिक्त लॉ ग्रेजुएट्स सिविल सर्विसेजमें भी अपनी सेवाएं दे सकते हैं।लॉ फैकेल्टी, एसजीटी यूनिवर्सिटी मानव गरिमा एवं सामाजिक कल्याण (सोशल वेलफेयर) को बढ़ावा देने और जनसामान्य को न्याय प्रदान करने के लिए समर्पित लॉ प्रोफेशनल्स का निर्माण करना चाहता है। साथ ही इसका उद्देश्य विश्व स्तर के लॉ प्रोफेनल्स का निर्माण करना है।
पिसीओएस (PCOS) या पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम(polycystic ovarian syndrome) अंडाशय को प्रभावित करने वाली एक हार्मोनल (hormonal) स्थिति है। सामान्य मासिक धर्म चक्र(menstural cycle) में, आमतौर पर लगभग 7-8 के आसपास फॉलिकल (follicles) होते हैं जो बढ़ने लगते हैं और इनमें से एक फॉलिकल (follicle) अंडे को छोड़ने के लिए परिपक्व होगा। हालांकि, पीसीओएस से प्रभावित महिला में, एफएसएच (FSH) और एलएच (LH) हार्मोन(hormone) में असंतुलन होता है और एंड्रोजन हार्मोन(androgen hormone) का अधिक उत्पादन होता है, जिसकी वजह से कोई भी अंडा (egg) परिपक्व नहीं होता है, जिससे एनोव्यूलेश(anovulation) के कारण बच्चा ठहरने में मुश्किल आती है ।(PCOS) का कारण क्या होता है ?
पीसीओएस(pcos) का सटीक कारण अज्ञात है, लेकिन हम जानते हैं कि पैरेंटल जीन्स (parental genes) एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। PCOS विकसित होने की अधिक संभावना होती है, अगर उनके परिवार में डायबिटिक (diabetic)जीन (gene)पायी जाती है | एण्ड्रोजन हार्मोन(androgen hormone)(जो कि एक पुरुष हार्मोन है) का अधिक मात्रा में होना (overproduction) भी पीसीओएस (pcos) में कारण हो सकता है। पीसीओएस में महिलाओं में अक्सर एंड्रोजन हार्मोन(androgen hormone) का लेवल नार्मल मात्रा से अधिक मात्रा में पाया जाता है । यह ओवुलेशन(ovulation) के दौरान अंडे के विकास और उसके रिलीज(release) को प्रभावित कर सकता है। इंसुलिन हार्मोन (insulin hormone)(एक हार्मोन जो शुगर(sugar) और स्टार्च(starch) को एनर्जी (energy) में बदलने में मदद करता है) एंड्रोजन हार्मोन(androgen hormone) के बढ़े हुए लेवल का कारण भी होता है। एक डॉक्टर को आपको कब दिखाना चाहिए?यदि आप पीसीओएस (pcos) के इन लक्षणों में से किसी भी लक्षण से पीड़ित हैं| PCOS महिलाओं के उम्र की तीनों अवस्थाओं को प्रभावित करता है | 1-किशोरावस्था के दौरान: (young age) मुंहासे, चेहरे पर अत्यधिक बाल आना और अनियमित पीरियड्स होते हैं।2-प्रजनन आयु के दौरान (reproductive age) पॉलीसिस्टिक अंडाशय(ovaries) के साथ बांझपन की दर(percentage) बहुत अधिक है। इन महिलाओं को आमतौर पर गर्भवती होने में कठिनाई होती है और आमतौर पर गर्भधारण के अवसरों में सुधार के लिए उपचार(treatment) की आवश्यकता होती है।जिन महिलाओं में पीसीओएस की वजह से गर्भधारण करने में मुश्किल हो रही है उन्हें एक प्रजनन चिकित्सक (infertility specialist) से परामर्श करना चाहिए जो पीसीओएस को ठीक से समझता है। बांझपन और गर्भावस्था में मधुमेह (gestational diabetes) की संभावना अधिक होती है। 3- 30-40 के बाद: -(old age)ऐसी महिलाओं के लिए मधुमेह, हृदय रोग, गर्भाशय के कैंसर,के लिए 5 गुना बढ़ा हुआ जोखिम होता है| एक अध्ययन(studies) से पता चला है कि भारत में लगभग 18% महिलाएं पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (पीसीओएस) से पीड़ित हैं और बढ़ते मोटापे के कारण यह समस्या और बढ़ती जा रही है।पीसीओएस में गर्भधारण के इलाज को तीन steps में किया जा सकता है जैसे – १- पहला इलाज़ जिसमें महीने के दूसरे या तीसरे दिन से अंडा बनाने की दवाई खिलाकर अल्ट्रासाउंड के जरिये अंडे की वृद्धि को देखते हुए महिला को दिन बता दिए जाते हैं जब हस्बैंड (husband) और( wife) को साथ में रहना होता है |२-अगर पहले इलाज से गर्भधारण नहीं हो पाता तो IUI (intra uterine insemination) के द्वारा गर्भधारण कराया जा सकता है जिसमें कि अंडा बनने पर हस्बैंड (husband) के शुक्राणुओं को लैब (andrology lab) में तैयार करके बच्चेदानी में एक पतली नली के द्वारा डाल दिया जाता है | यह एक दर्दरहित प्रोसीजर (procedure) होता है जिसे करने में सिर्फ ५-१० मिनट ही लगते हैं | ३- आखिरी इलाज IVF (in vitro fertilization) होता है जो कि तब किया जाता है जब पहले सारे इलाज करने के बावजूद गर्भधारण करने में असफलता प्राप्त होती है |IVF में अंडा बनाने के लिए दवाई की जगह इंजेक्शन का उपयोग किया जाता है ताकि अंडों की अधिक मात्रा में प्राप्ति हो | जिससे हमें एक बार में ही अधिक भ्रूण मिलने की सफलता प्राप्त हो | यह इंजेक्शन १०- १२ दिन लगते हैं और बारहवें दिन जब सारे अंडे mature हो जाते हैं तब , अल्ट्रासाउंड (ultrasound) के जरिये देखते हुए अण्डों को निकाल लिया जाता है | यह बिलकुल दर्दरहित होता है और आपको ३-४ घंटे भर्ती किया जाता है | इसके बाद लैब में भ्रूण बनाया जाता है , जिसे ३-५ दिन बाद बच्चेदानी में डाल दिया जाता है | IVF में इंजेक्शन के अलावा और कहीं भी इस प्रक्रिया में कोई दर्द नहीं होता |हालाँकि, आपको यह ध्यान रखना है कि प्रत्येक मरीज अलग होता है और स्थितियाँ एक मामले से दूसरे मामले में भिन्न हो सकती हैं। इसलिए किसी भी तरह के निष्कर्ष पर जाने से पहले एक अच्छे डॉक्टर की राय लें।ज्यादा जानकारी के लिए और आपकी सहायता करने के लिए हमारे ORIGYN FERTILITY AND IVF CENTRE पर संपर्क करेंहमारे चिकित्सक आपकी हर तरह से सहायता करने के लिए तत्पर हैं |
बॉलीवुड के दिग्गत अभिनेता सोनू सूद ने मेडिकल परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए स्कॉलरशिप शुरू की है। सोनू सूद स्कॉलरशिप 2020 के माध्यम से छात्रों को पांच लाख रुपए तक की छात्रवृति प्रदान की जाएगी। इस स्कॉलरशिप को शुरू करने का उद्देश्य केवल छात्रों को उच्च शिक्षा प्रदान करना है।छात्रों को 5 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी जो उन्हें विदेशों में मेडिकल स्कूलों और विश्वविद्यालयों में प्रवेश पाने में मदद करेगी। इस मंच को लॉन्च करते समय, सोनू सूद ने भारत के छात्रों को देश को एक ‘स्वस्थ राष्ट्र’ बनाने के लिए कहा है।मेडिकल छात्रों के लिए अपनी नई पहल के बारे में बात करते हुए, सोनू सूद ने ट्विटर पर लिखा कि मैं चाहता हूं कि हर बच्चा जो डॉक्टर बनने का सपना देखता है। मैं यहाँ SONUISM.ORG के शुभारंभ की घोषणा कर रहा हूँ। जरूरतमंद छात्रों को डॉक्टर बनने के उनके सपने को पूरा करने में मदद करने के लिए ISM EDUTECH के सहयोग से यह मेरा छात्रवृत्ति कार्यक्रम है, चलो एक स्वस्थ राष्ट्र बनाते हैं।भारत के मेडिकल छात्रों के लिए अभिनेता सोनू सूद द्वारा शुरू किया गया SONUISM कार्यक्रम, जरूरतमंद और अधकचरे भारतीय चिकित्सा छात्रों के लिए पेश की गई छात्रवृत्ति के लिए एक संक्षिप्त नाम है। ‘ यह कार्यक्रम मेडिकल छात्रों को विदेशों में कॉलेज खोजने में मदद करेगा।सोनू सूद और ISM EDUTECH द्वारा शुरू किए गए इस उद्यम से भारत के मेडिकल छात्रों को किर्गिस्तान, कजाकिस्तान, जॉर्जिया और ताजिकिस्तान जैसे दुनिया के कई देशों में मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश लेने में मदद मिलेगी।सोनू सूद ने हाल ही में अपनी मां के नाम प्रो सरोज सूद छात्रवृत्ति की याद में एक शैक्षिक पहल शुरू की है, जिसमें इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों के लिए छात्रों को प्रत्येक 5 लाख रुपये की छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है।कई छात्रों ने इस कार्यक्रम से लाभ उठाया और अभिनेता को विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर धन्यवाद दिया। सोनू सूद ने इस साल भी JEE और NEET 2020 परीक्षाओं के लिए यात्रा करने वाले छात्रों को मुफ्त परिवहन और आवास सेवाएं प्रदान करने के लिए स्वेच्छा से काम किया।
सबसे पहले मैं आप सभी लोगों का शुक्रिया अदा करना चाहता हूँ कि आप लोगों ने मुझे यह अद्भुत अवसर प्रदान किया। ताकि मैं अपने प्रिय देश के विषय में इस महान अवसर पर अपने कुछ शब्द आप लोगों के समक्ष रख सकूं।हमारा देश भारत 15 अगस्त 1947 से एक स्वराज्य बन चुका है। भारत को ब्रिटिश सरकार/हुकूमत से 15 अगस्त 1947 को आज़ादी मिली थी।परन्तु हमारे देश का संविधान 26 जनवरी 1950 को लागु हुआ और हम उस दिन को पूर्ण रूप से आजादी मानते हैं। इसलिए हम अपनी आज़ादी की ख़ुशी में प्रतिवर्ष यह उत्सव मनाते हैं।इस वर्ष 2021 में हम भारतवासी, हमारे देश भारत का 72वां गणतंत्र दिवस आज 26 जनवरी के दिन मना रहे हैं।रिपब्लिक या गणतंत्र का मतलब होता है लोगों की सर्वोच्च शक्ति, अर्थात देश में लोगों के ऊपर अपने राजनीतिक नेता को चुनने का अधिकार होता है।हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों की कड़ी मेहनत और संघर्ष के पश्चात ही भारत को पूर्ण स्वराज मिला।उन्होंने हमारे लिए बहुत कुछ किया ताकि हमें वो जुल्म और अत्याचार सहना ना पड़े और हमारा देश भारत आगे बढ़ सके। भारत देश की स्वतंत्रता के लिए जिन स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना खून-पसीना एक किया।उनमें से हमारे कुछ महान भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और नेताओं के नाम हैं:- महात्मा गाँधी, भगत सिंह, चन्द्र शेखर आजाद, लाला लाजपत राय, सरदार बल्लभ भाई पटेल, लाल बहादुर शास्त्री।इन स्वतंत्रता सेनानियों ने लगातार कई वर्षों तक ब्रिटिश सरकार का सामना किया और हमारे वतन को आज़ाद कराया।उनके इस बलिदान को हम कभी भी भुला नहीं सकते हैं और उन्हें हमेशा एक महान उत्सव और समारोह के जैसे ही दिल से याद करना चाहिए। क्योंकि उन्हीं की वजह से आज हम अपने देश में आज़ादी से सांस ले पा रहे हैं।हमारे प्रथम राष्ट्रपति डॉ.
राजेंद्र प्रसाद जिन्होंने कहा था, ”हमारे पूर्ण महान और विशाल देश के अधिकार को हमने एक ही संविधान और संघ में पाया है। जो देश में रहने वाले 320 लाख पुरुषों और महिलाओं के कल्याण की जिम्मेदारी लेता है।”यह बहुत ही शर्म की बात है कि इतने वर्षों की आज़ादी के बाद भी आज हम अपराध, भ्रष्टाचार और हिंसा से लड़ रहे हैं।Read More:- Republic Day Speech in Hindi
जब से इस असीम ब्रह्मांड की रचना हुयी है, तभी से इंसान और कुदरत के बीच अटूट संबंध रहा है। पेड़ों से हमें जीवनदायिनी ऑक्सीज़न की प्राप्ति होती है, जिसके बिना मनुष्य जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। पेड़ हमेशा से ही हमारे जीवन का आधार रहे हैं। आदिकाल से ही समस्त भारतीय समाज में पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता मिली है। भारतीय संस्कृति में हमेशा से ही पेड़-पौधों को पूजने की परंपरा रही है। हिन्दुस्तान में ऐसा माना जाता है कि विभिन्न वृक्षों में देवताओं का वास होता है। अशोक इंद्र का, कदंब भगवान श्रीकृष्ण का, तुलसी का पौधा विष्णु और लक्ष्मी का, नीम मंसा और शीतला का माना जाता है। पेड़-पौधें प्रकृति के अनमोल देन कहे जाते हैं। ऐसा कोई मजहब नहीं है जो पर्यावरण संरक्षण को महत्व ना देता हो।हैरत और अफ़सोस की बात तो ये है कि भारत जैसे देश में एक तरफ़ जहां पर्यावरण को सर्वोपरि माना गया है और दूसरी तरफ़ बढ़ती आबादी अपनी जरूरतों की पूर्ति के लिए वृक्षों को काट रहे हैं। जिस रफ्तार से पेड़ और पौधे काटे जा रहे है, वो दिन दूर नहीं है जब पेड़ों का अस्तित्व यानी मानव जीवन का अस्तित्व खतरे में आ जायेगा। आंकड़े बताते हैं कि मानव सभ्यता की शुरुआत से अबतक 3 लाख करोड़ से भी ज्यादा पेड़ काटे जा चुके हैं। भारत वन स्थिति रिपोर्ट 2019 का अध्ययन करके ये पता चला है कि भारत में वन क्षेत्र कुल 7,12,249 वर्ग किलोमीटर है। भारत के लोगों में वृक्षारोपण को लेकर जागरूकता बढ़ी है और यही वजह है कि जनमानस अब पेड़ पौधों की अहमियत से वाकिफ़ हो रहे हैं। हिन्दराइज सोशल वेल्फेयर फाउंडेशन के सदस्य पौधारोपण करके लोगों में जागरुकता फैलाने का कार्य कर रहे हैं जिससे लोग बढ़चढ़कर इस पुनीत कार्य में हिस्सा ले सकें।पर्यावरण का संतुलन बनाए रखने के उद्देश्य से हिन्दराइज फाउंडेशन के योद्धा दिल्ली एनसीआर के अलग-अलग इलाकों में वृक्षारोपण कर रहे हैं और संस्था के साथ जुड़ने के लिए लोग भी आगे आ रहे हैं।हिन्दराइज फाउंडेशन के पितामह नरेंद्र कुमार के अनुसार प्रकृति का संरक्षण ही सभी के लिए प्राणमयी ऊर्जा है। हिन्दराइज सोशल वेल्फेयर फाउंडेशन के सदस्यों ने ना सिर्फ पौधे लगाने पर जोर दिया है बल्कि लोगों को पौधों की समुचित देखभाल करने के लिए प्रेरित भी किया है।आओ मिलकर पौधे लगाते हैं,धरा को हरा-भरा बनाते हैं।
सबसे पहले मैं आप सभी लोगों का शुक्रिया अदा करना चाहता हूँ कि आप लोगों ने मुझे यह अद्भुत अवसर प्रदान किया। ताकि मैं अपने प्रिय देश के विषय में इस महान अवसर पर अपने कुछ शब्द आप लोगों के समक्ष रख सकूं।हमारा देश भारत 15 अगस्त 1947 से एक स्वराज्य बन चुका है। भारत को ब्रिटिश सरकार/हुकूमत से 15 अगस्त 1947 को आज़ादी मिली थी।परन्तु हमारे देश का संविधान 26 जनवरी 1950 को लागु हुआ और हम उस दिन को पूर्ण रूप से आजादी मानते हैं। इसलिए हम अपनी आज़ादी की ख़ुशी में प्रतिवर्ष यह उत्सव मनाते हैं।इस वर्ष 2021 में हम भारतवासी, हमारे देश भारत का 72वां गणतंत्र दिवस आज 26 जनवरी के दिन मना रहे हैं।रिपब्लिक या गणतंत्र का मतलब होता है लोगों की सर्वोच्च शक्ति, अर्थात देश में लोगों के ऊपर अपने राजनीतिक नेता को चुनने का अधिकार होता है।हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों की कड़ी मेहनत और संघर्ष के पश्चात ही भारत को पूर्ण स्वराज मिला।उन्होंने हमारे लिए बहुत कुछ किया ताकि हमें वो जुल्म और अत्याचार सहना ना पड़े और हमारा देश भारत आगे बढ़ सके। भारत देश की स्वतंत्रता के लिए जिन स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना खून-पसीना एक किया।उनमें से हमारे कुछ महान भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और नेताओं के नाम हैं:- महात्मा गाँधी, भगत सिंह, चन्द्र शेखर आजाद, लाला लाजपत राय, सरदार बल्लभ भाई पटेल, लाल बहादुर शास्त्री।इन स्वतंत्रता सेनानियों ने लगातार कई वर्षों तक ब्रिटिश सरकार का सामना किया और हमारे वतन को आज़ाद कराया।उनके इस बलिदान को हम कभी भी भुला नहीं सकते हैं और उन्हें हमेशा एक महान उत्सव और समारोह के जैसे ही दिल से याद करना चाहिए। क्योंकि उन्हीं की वजह से आज हम अपने देश में आज़ादी से सांस ले पा रहे हैं।हमारे प्रथम राष्ट्रपति डॉ.
राजेंद्र प्रसाद जिन्होंने कहा था, ”हमारे पूर्ण महान और विशाल देश के अधिकार को हमने एक ही संविधान और संघ में पाया है। जो देश में रहने वाले 320 लाख पुरुषों और महिलाओं के कल्याण की जिम्मेदारी लेता है।”यह बहुत ही शर्म की बात है कि इतने वर्षों की आज़ादी के बाद भी आज हम अपराध, भ्रष्टाचार और हिंसा से लड़ रहे हैं।Read More:- Republic Day Speech in Hindi
एप्पल कंपनी के बारे में तो सुना ही होगा आपने , आज पुरे विश्व में एप्पल कंपनी की धूम है । फ़ोन से लेकर कंप्यूटर तक को स्मार्ट बनाने वाली कंपनी है एप्पल । इस कंपनी के संस्थापक थे स्टीव जॉब्स । उन्होंने ये कंपनी एक छोटे से गेराज से शुरू की थी और आज ये कंपनी पूरे विश्व में नंबर 1 है। इस कंपनी की सफलता के पीछे स्टीव जॉब्स का ही हाथ है । एप्पल की सफलता का अनुमान आप इस बात से ही लगा सकते है की आज इस कंपनी की कुल कीमत करीब एक ट्रिलियन डॉलर से भी ज्यादा है । तो आइये जानते है स्टीव के वो सक्सेस मंत्रा जिनसे उन्होंने खड़ी करदी खरबों डॉलर्स की कंपनी । 1.
करें अपना पसंदीदा कामस्टीव जॉब्स का मानना था की मनुष्य को वो ही काम करना चाहिए जिसमे उसकी रुचि हो। केवल पैशन वाले व्यक्ति ही दुनिया बदलते हैं । अगर आप वो काम कर रहें है जिसे आप पसंद कर रहे है तो आप कभी नहीं थकेंगे । इसलिए दुनिया में हर व्यक्ति को वही काम करना चाहिए जो वो पसंद करता हो । 2.
रखें बड़ी सोचस्टीव जॉब्स मानते थे की हम दुनिया में कुछ बड़ा करने के लिए आयें हैं , इसलिए हमें हमेशा बड़ा सोचना चाहिए। स्टीव मानते थे जिंदगी उस सब से ज्यादा है जो हम आम तौर पर सोचते हैं । हम जीवन में जिसके भी बीच में रहते है वो किसी और का नजरिया है , हमें खुद की सोच विकसित करनी चाहिए और अपनी दुनिया खुद बनानी चाहिए। शायद यही वजह है की स्टीव्स ने कंप्यूटर की दुनिया को बिलकुल बदल दिया , उन्होंने अपनी बड़ी सोच से सबके सामने एक मिसाल पेश की । 3.
सब कुछ अच्छे के लिए होता हैस्टीव जॉब्स का मानना था हमें अतीत में नहीं रहना चाहिए , हमे जीवन में ये फंडा अपनाना चाहिए । किसी बात का दुःख मनाने से अच्छा है , हमेशा आगे बढ़ते रहे। स्टीव्स के जीवन में कई बार उतार चढ़ाव आये , कई बार उनके प्रोडक्ट्स बाजार में नहीं चल पाए पर फिर भी वो आगे बढ़ते रहे । इस विश्वास के साथ की जो होता है अच्छे के लिए होता है स्टीव्स ने दुनिया बदल दी । 4.
पैसों के लिए न करें कामस्टीव्स का मानना था हर काम पैसे के लिए नहीं करना चाहिए । हमे अपनी प्रतिभा को पहचान कर उस पे काम करना चाहिए । और तबतक मेहनत करनी चाहिए जबतक हम उस काम में परफेक्ट ना हो जाएँ । एप्पल ग्रहाक को सेवा देने में सबसे आगे रहता है । स्टीव्स का कहना था अगर आपका ग्राहक आपसे खुश है तो आपकी कंपनी को बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता । 5.
बनाएँ एक अच्छी टीमएक अच्छी कंपनी या एक सफल व्यक्ति के पीछे एक बढ़िया टीम का हाथ होता है । स्टीव्स कहते हैं अगर आपको आगे बढ़ना है तो आपको अपनी टीम में विश्वास रखना होगा । अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आप अपना ही नुकसान कर रहे हैं क्योंकि टीम एक ऐसी चीज़ होती है जिसके द्वारा आप उस मिशन में काम कर रहे हैं जो आप करना चाहते हैं अगर आपकी टीम का एक भी सदस्य इधर-उधर होता है तो नुकसान आप ही का होगा इसीलिए हमेशा टीम में विश्वास बनाए रखें और उनके काम पर भी विश्वास करें। 6.
वैदिक ज्योतिष के अनुसार स्वाति नक्षत्र/Swati Nakshatra 27 नक्षत्रों में से एक है। स्वाति शब्द सु + अति से बना है, जिसका अर्थ बहुत अच्छा या स्वतंत्र होता है। स्वाति का एक और अर्थ है — धर्मगुरु, जिसे धर्मशास्त्र में महारत हासिल है। स्वाति नक्षत्र से जुड़े कुछ रहस्ययह नक्षत्र धर्म, अंतर्ज्ञान और भगवान का कारक है। जो व्यक्ति इस नक्षत्र में जन्म लेता है, वह इस नक्षत्र के विषय में जानने का हमेशा इच्छुक रहेगा। इस नक्षत्र की ऊर्जा बहुत दूर तक बिखरती है। कहीं पर यह नक्षत्र कायापलट या फिर कहीं पर बदलाव का बिंदु बन जाता है।खुद को पूरी तरह से स्वतंत्र कर लेने की चाह इस नक्षत्र की पहचान है। हालांकि जीवन की कोई भी प्रक्रिया हो, उसमें यह बहुत अस्त—व्यस्त दिखाई देते हैं। इस नक्षत्र से जुड़े जातक मार्केटिंग आदि के क्षेत्र में अत्यंत सफल साबित हो सकते हैं। ऐसा क्यों होता है चलिए समझते हैं। स्वाति नक्षत्र से जुड़ी मुख्य बातें इस प्रकार देखें तो इस नक्षत्र/Nakshatra से जुड़े व्यक्ति अपने जीवन में कई उतार-चढ़ाव का सामना करते हैं। हालांकि उतार-चढ़ाव का संबंध घर के उस स्वामी पर निर्भर करता है, जिससे यह नक्षत्र प्रभावित रहता है। यह आपसी संबंध, धन आदि से भी जुड़ा होता है। स्वाति नक्षत्र राशि चक्र में पूरी तरह से तुला राशि को प्रभावित करता है, जो कि एक महत्वपूर्ण राशि है। राहु स्वाति नक्षत्र पर शासन करता है, जो कि एक शुष्क ग्रह है और शनि का उच्च अष्टक है। स्वाति नक्षत्र पर वायु या फिर कहें वायु देवता का शासन रहता है। स्वाति नक्षत्र के विषय में अधिक जानकारी इस नक्षत्र में बैठे चंद्रमा, व्यक्ति के मन में इधर—उधर के विचार ला सकते हैं। इस नक्षत्र में जन्में लोग निष्कर्ष निकालने में सक्षम नहीं होते। ऐसा जातक रीढ़विहीन स्वभाव के हो सकते हैं।स्वाति नक्षत्र के जातक की विशेषताएं समाजसेवी शैक्षिक संस्थाओं का गठन करने वाले इस नक्षत्र से जुड़े जातक अमूमन ट्रैवल, टूरिज्म और विमानन उद्योग से जुड़े होते हैं। ऐसे व्यक्ति हमेशा अपनी ताकत बढ़ाने और स्वतंत्र रहने का प्रयास करते हैं। इनके रिश्ते और साझेदारी अमूमन उतार-चढ़ाव भरी होती है।मार्केटिंग ही क्यों है स्वाति नक्षत्र के लिए सबसे उत्तम क्षेत्रमार्केटिंग में सफलता प्राप्त करने के लिए कुछ बातों की बहुत जरूरत पड़ती है, जैसे अपनी बातों को दूसरों तक पहुंचाना और उपभोक्ताओं की समस्या का तुरंत पता लगाना। इन दोनों ही विषय में स्वाति नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति बहुत ज्यादा अच्छे होते हैं। इसके साथ साथ मार्केटिंग में ऐसे व्यक्तियों की सबसे ज्यादा आवश्यकता पड़ती है, जो अपनी बातों को उपभोक्ताओं के समक्ष हंसते और खिलखिलाते चेहरे के साथ रखें और हर व्यक्ति को समझाना कि उन्हें इस सामान की आवश्यकता है।जैसा कि हमने आपको पहले भी बताया है कि स्वाति नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति का व्यक्तित्व हंसने खेलने वाला होता है। ऐसा नहीं है कि स्वाति नक्षत्र में जन्मे लोगों को सिर्फ मार्केटिंग में सफलता मिलती है। वह अन्य क्षेत्रों में भी सफल हो सकते हैं, लेकिन इस क्षेत्र में सफल होने की संभावना अच्छी होती है। इससे अधिक जानकारी के लिए आप हमारी वेबसाइट www.vinaybajrangi.com पर जा सकते है और अपॉइंटमेंट बुक करने पर डॉ विनय बजरंगी जी के समक्ष बैठकर आप अपने प्रश्नो के उत्तर पा सकते है।Source: https://sites.google.com/view/vinaybajrangis/blog/swati-nakshatra
कानून अथवा लॉ का प्रोफेशन बेहद संवेदनशील एवं जिम्मेदारी का प्रोफेशन है जो समाज व देश निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।अगर आप लॉ की फील्ड में करियर बनाना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले एक प्रतिष्ठत संस्थान की तलाश होगी। आपके लिए एसजीटी यूनिवर्सिटी की लॉ फैकल्टी एक बेहतर विकल्प हो सकती है।एसजीटी यूनिवर्सिटी की लॉ फैकेल्टी (विधि संकाय) की स्थापना वर्ष 2014 में विभिन्न सामाजिक (सोशल)एवं सांस्कृतिक पृष्ठभूमि (कल्चरल बैकग्राउंड) से आने वाले छात्रों को गुणवत्तापूर्ण कानूनी शिक्षा प्रदान करने के मिशन के साथ की गई है। इसका मुख्य उद्देश्य छात्रों को समृद्ध अकादमिक वातावरण प्रदान करना है, जिससे अधिक से अधिक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के प्रबुद्ध व मेहनती लॉ प्रोफेशनल्स तैयार हो सकें।क्यों चुने एसजीटी यूनिवर्सिटीकीफैकल्टीऑफ लॉ कोएसजीटी विश्वविद्यालय की लॉ फैकेल्टी उच्चतम गुणवत्ता वाली कानूनी शिक्षा देनेके लिए प्रतिबद्ध है। यहां देश-दुनिया के प्रतिष्ठितविश्वविद्यालयोंकेअनुभवीशिक्षक अपनी सेवाएं देते हैं। यहां के पाठ्यक्रमको नेशनललॉयूनिवर्सिटी के साथकोलेबरेशन में बनाया गया है। यह फैकेल्टी लाइव केस हैंडलिंग केअनुभव के लिए प्रतिष्ठित लॉयर्सएवं लॉ फर्मों के साथ इंटर्नशिप का अवसर प्रदान करता है। यहां वैश्वीक (ग्लोबल) की कानूनी समझ विकसित करने के लिए विदेशी कानूनी प्रणाली (फॉरेन लॉ सिस्टम) की पढ़ाई भी करायी जाती है। यहां छात्रों को सेमिनारों, सम्मेलनों, मूट कोर्ट व इंटरैक्टिव सेशन्स में बड़े कानून विशषज्ञों के साथ सीधे इंटरेक्शन का मौका मिलता है।इसका भारतीय राष्ट्रीय बार एसोसिएशन व CIRCजैसे संस्थानों के साथ कॉलेबरेशन है।यहां न्यायिक सेवाओं (लॉ सर्विसेज) और सिविल सेवाओं (सिविल सर्विसेज) की परीक्षा के लिए इन बिल्ट कोचिंग मॉड्यूल भी उपलब्ध है।कोर्स एवं कार्यक्रम एसजीटी यूनिवर्सिटी का लॉ फैकेल्टी निम्नलिखित कोर्स/प्रोग्राम ऑफर करता है-BA LLB (Hons.
)Bachelor of Law (LLB)Masters of LawPh.D in Law एसजीटी यूनिवर्सिटी के लॉ फैकेल्टी के इंडस्ट्रीयल टाई-अपविधि संकाय (लॉ फैकेल्टी) ने निम्नलिखित व्यावसायिक संघों / संस्थानों के साथ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं:इंडियन नेशनल बार एसोसिएशन, नई दिल्ली।सीयूटीएस इंस्टीट्यूट फॉर रेगुलेशन एंड कॉम्पिटिशन (CIRC), नई दिल्ली।इंडस्ट्री ओरिएंटेडस्पेशल कोर्सएसजीटी यूनिवर्सिटी की लॉ फैकेल्टी कुछ चुनिंदा लॉ स्कूलों में से एक है जो एक ट्राइमेस्टर पैटर्न प्रदान करते हैं, जिसमें एक छात्र को एक वर्ष में तीन बार इंटर्नशिप का अवसर मिलता है। जिससे 5 साल की डिग्री प्रोग्राम के अंत में 15 इंटर्नशिप करने के बाद छात्र प्रोफेशनल सेवाओं के लिए पूरी तरह तैयार होता है।सेमेस्टर / वर्षों में विभाजित विशेष ऐड-ऑन कोर्सलॉ फैकेल्टी छात्रों को आनर्स के चयन में पूरी आजादी देता है। कोई भी छात्र कॉरपोरेट लॉ, इंटरनेशनल ट्रेड लॉ, कांस्टीट्यूशनल लॉ या क्रिमिनल लॉ में विशेषज्ञता का चयन अपनी इच्छा और करियर के विकल्पों के आधार पर कर सकता है। अंतिम वर्ष में छात्रों को निम्नलिखित विशेष पाठ्यक्रमों की पेशकश की जाती है जैसे:अमेरिकी लॉ सिस्टम, यूरोपीय यूनिय लॉ, इंग्लिश लिगल सिस्टम और एक विदेशी भाषा (फ्रेंच या जर्मन)।लॉ की पढ़ाई के बाद करियर की क्या हैं संभावनाएं?लॉ की पढाई के बाद एकलॉयर के रूप में अपने करियर की शुरूआत करने के अलावालॉ स्नातकों के पास आज कानून के प्रोफेशन में शामिल होने के लिए विभिन्न सरकारी और निजी संस्थानों में लॉ ऑफिसर / लिगलएडवाइजर / लिगल एक्सीक्यूटिव के रूप में काम करने का विकल्प है। बड़े कॉरपोरेट घराने, बहुराष्ट्रीय कम्पनियों, बैंक, बीमा कंपनियां, एलपीओ और एनजीओ उच्च पैकेज पर लॉ ग्रेजुएट्स कासीधे कैम्पस प्लेसमेंट करते हैं। इसके अतिरिक्त लॉ ग्रेजुएट्स सिविल सर्विसेजमें भी अपनी सेवाएं दे सकते हैं।लॉ फैकेल्टी, एसजीटी यूनिवर्सिटी मानव गरिमा एवं सामाजिक कल्याण (सोशल वेलफेयर) को बढ़ावा देने और जनसामान्य को न्याय प्रदान करने के लिए समर्पित लॉ प्रोफेशनल्स का निर्माण करना चाहता है। साथ ही इसका उद्देश्य विश्व स्तर के लॉ प्रोफेनल्स का निर्माण करना है।
पिसीओएस (PCOS) या पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम(polycystic ovarian syndrome) अंडाशय को प्रभावित करने वाली एक हार्मोनल (hormonal) स्थिति है। सामान्य मासिक धर्म चक्र(menstural cycle) में, आमतौर पर लगभग 7-8 के आसपास फॉलिकल (follicles) होते हैं जो बढ़ने लगते हैं और इनमें से एक फॉलिकल (follicle) अंडे को छोड़ने के लिए परिपक्व होगा। हालांकि, पीसीओएस से प्रभावित महिला में, एफएसएच (FSH) और एलएच (LH) हार्मोन(hormone) में असंतुलन होता है और एंड्रोजन हार्मोन(androgen hormone) का अधिक उत्पादन होता है, जिसकी वजह से कोई भी अंडा (egg) परिपक्व नहीं होता है, जिससे एनोव्यूलेश(anovulation) के कारण बच्चा ठहरने में मुश्किल आती है ।(PCOS) का कारण क्या होता है ?
पीसीओएस(pcos) का सटीक कारण अज्ञात है, लेकिन हम जानते हैं कि पैरेंटल जीन्स (parental genes) एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। PCOS विकसित होने की अधिक संभावना होती है, अगर उनके परिवार में डायबिटिक (diabetic)जीन (gene)पायी जाती है | एण्ड्रोजन हार्मोन(androgen hormone)(जो कि एक पुरुष हार्मोन है) का अधिक मात्रा में होना (overproduction) भी पीसीओएस (pcos) में कारण हो सकता है। पीसीओएस में महिलाओं में अक्सर एंड्रोजन हार्मोन(androgen hormone) का लेवल नार्मल मात्रा से अधिक मात्रा में पाया जाता है । यह ओवुलेशन(ovulation) के दौरान अंडे के विकास और उसके रिलीज(release) को प्रभावित कर सकता है। इंसुलिन हार्मोन (insulin hormone)(एक हार्मोन जो शुगर(sugar) और स्टार्च(starch) को एनर्जी (energy) में बदलने में मदद करता है) एंड्रोजन हार्मोन(androgen hormone) के बढ़े हुए लेवल का कारण भी होता है। एक डॉक्टर को आपको कब दिखाना चाहिए?यदि आप पीसीओएस (pcos) के इन लक्षणों में से किसी भी लक्षण से पीड़ित हैं| PCOS महिलाओं के उम्र की तीनों अवस्थाओं को प्रभावित करता है | 1-किशोरावस्था के दौरान: (young age) मुंहासे, चेहरे पर अत्यधिक बाल आना और अनियमित पीरियड्स होते हैं।2-प्रजनन आयु के दौरान (reproductive age) पॉलीसिस्टिक अंडाशय(ovaries) के साथ बांझपन की दर(percentage) बहुत अधिक है। इन महिलाओं को आमतौर पर गर्भवती होने में कठिनाई होती है और आमतौर पर गर्भधारण के अवसरों में सुधार के लिए उपचार(treatment) की आवश्यकता होती है।जिन महिलाओं में पीसीओएस की वजह से गर्भधारण करने में मुश्किल हो रही है उन्हें एक प्रजनन चिकित्सक (infertility specialist) से परामर्श करना चाहिए जो पीसीओएस को ठीक से समझता है। बांझपन और गर्भावस्था में मधुमेह (gestational diabetes) की संभावना अधिक होती है। 3- 30-40 के बाद: -(old age)ऐसी महिलाओं के लिए मधुमेह, हृदय रोग, गर्भाशय के कैंसर,के लिए 5 गुना बढ़ा हुआ जोखिम होता है| एक अध्ययन(studies) से पता चला है कि भारत में लगभग 18% महिलाएं पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (पीसीओएस) से पीड़ित हैं और बढ़ते मोटापे के कारण यह समस्या और बढ़ती जा रही है।पीसीओएस में गर्भधारण के इलाज को तीन steps में किया जा सकता है जैसे – १- पहला इलाज़ जिसमें महीने के दूसरे या तीसरे दिन से अंडा बनाने की दवाई खिलाकर अल्ट्रासाउंड के जरिये अंडे की वृद्धि को देखते हुए महिला को दिन बता दिए जाते हैं जब हस्बैंड (husband) और( wife) को साथ में रहना होता है |२-अगर पहले इलाज से गर्भधारण नहीं हो पाता तो IUI (intra uterine insemination) के द्वारा गर्भधारण कराया जा सकता है जिसमें कि अंडा बनने पर हस्बैंड (husband) के शुक्राणुओं को लैब (andrology lab) में तैयार करके बच्चेदानी में एक पतली नली के द्वारा डाल दिया जाता है | यह एक दर्दरहित प्रोसीजर (procedure) होता है जिसे करने में सिर्फ ५-१० मिनट ही लगते हैं | ३- आखिरी इलाज IVF (in vitro fertilization) होता है जो कि तब किया जाता है जब पहले सारे इलाज करने के बावजूद गर्भधारण करने में असफलता प्राप्त होती है |IVF में अंडा बनाने के लिए दवाई की जगह इंजेक्शन का उपयोग किया जाता है ताकि अंडों की अधिक मात्रा में प्राप्ति हो | जिससे हमें एक बार में ही अधिक भ्रूण मिलने की सफलता प्राप्त हो | यह इंजेक्शन १०- १२ दिन लगते हैं और बारहवें दिन जब सारे अंडे mature हो जाते हैं तब , अल्ट्रासाउंड (ultrasound) के जरिये देखते हुए अण्डों को निकाल लिया जाता है | यह बिलकुल दर्दरहित होता है और आपको ३-४ घंटे भर्ती किया जाता है | इसके बाद लैब में भ्रूण बनाया जाता है , जिसे ३-५ दिन बाद बच्चेदानी में डाल दिया जाता है | IVF में इंजेक्शन के अलावा और कहीं भी इस प्रक्रिया में कोई दर्द नहीं होता |हालाँकि, आपको यह ध्यान रखना है कि प्रत्येक मरीज अलग होता है और स्थितियाँ एक मामले से दूसरे मामले में भिन्न हो सकती हैं। इसलिए किसी भी तरह के निष्कर्ष पर जाने से पहले एक अच्छे डॉक्टर की राय लें।ज्यादा जानकारी के लिए और आपकी सहायता करने के लिए हमारे ORIGYN FERTILITY AND IVF CENTRE पर संपर्क करेंहमारे चिकित्सक आपकी हर तरह से सहायता करने के लिए तत्पर हैं |
बॉलीवुड के दिग्गत अभिनेता सोनू सूद ने मेडिकल परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए स्कॉलरशिप शुरू की है। सोनू सूद स्कॉलरशिप 2020 के माध्यम से छात्रों को पांच लाख रुपए तक की छात्रवृति प्रदान की जाएगी। इस स्कॉलरशिप को शुरू करने का उद्देश्य केवल छात्रों को उच्च शिक्षा प्रदान करना है।छात्रों को 5 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी जो उन्हें विदेशों में मेडिकल स्कूलों और विश्वविद्यालयों में प्रवेश पाने में मदद करेगी। इस मंच को लॉन्च करते समय, सोनू सूद ने भारत के छात्रों को देश को एक ‘स्वस्थ राष्ट्र’ बनाने के लिए कहा है।मेडिकल छात्रों के लिए अपनी नई पहल के बारे में बात करते हुए, सोनू सूद ने ट्विटर पर लिखा कि मैं चाहता हूं कि हर बच्चा जो डॉक्टर बनने का सपना देखता है। मैं यहाँ SONUISM.ORG के शुभारंभ की घोषणा कर रहा हूँ। जरूरतमंद छात्रों को डॉक्टर बनने के उनके सपने को पूरा करने में मदद करने के लिए ISM EDUTECH के सहयोग से यह मेरा छात्रवृत्ति कार्यक्रम है, चलो एक स्वस्थ राष्ट्र बनाते हैं।भारत के मेडिकल छात्रों के लिए अभिनेता सोनू सूद द्वारा शुरू किया गया SONUISM कार्यक्रम, जरूरतमंद और अधकचरे भारतीय चिकित्सा छात्रों के लिए पेश की गई छात्रवृत्ति के लिए एक संक्षिप्त नाम है। ‘ यह कार्यक्रम मेडिकल छात्रों को विदेशों में कॉलेज खोजने में मदद करेगा।सोनू सूद और ISM EDUTECH द्वारा शुरू किए गए इस उद्यम से भारत के मेडिकल छात्रों को किर्गिस्तान, कजाकिस्तान, जॉर्जिया और ताजिकिस्तान जैसे दुनिया के कई देशों में मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश लेने में मदद मिलेगी।सोनू सूद ने हाल ही में अपनी मां के नाम प्रो सरोज सूद छात्रवृत्ति की याद में एक शैक्षिक पहल शुरू की है, जिसमें इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों के लिए छात्रों को प्रत्येक 5 लाख रुपये की छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है।कई छात्रों ने इस कार्यक्रम से लाभ उठाया और अभिनेता को विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर धन्यवाद दिया। सोनू सूद ने इस साल भी JEE और NEET 2020 परीक्षाओं के लिए यात्रा करने वाले छात्रों को मुफ्त परिवहन और आवास सेवाएं प्रदान करने के लिए स्वेच्छा से काम किया।