यूँ तो भारत में शादी को जन्म जन्मान्तर का बंधन माना जाता है लेकिन चीन में एक अजीबोगरीब घटना सामने आई है। हनीमून के ठीक बाद कपल कोर्ट पहुँच गया जहाँ दुल्हे ने तलाक की मांग राखी। इस घटना ने कोर्ट तथा अन्य लोग वाकई हैरान रह गयें।चीनी अख़बार ग्लोबल टाइम्स के अनुसार यह घटना युन्नान प्रान्त की है। लड़की पेशे से नर्स तथा लड़का एक कॉलेज स्टूडेंट है। लड़के का कहना है की उनदोनों में प्रेम सम्बन्ध थें बाद में जिसका ब्रेकअप हो गया जिससे रिश्ता उसी समय ख़त्म हो गया था। लेकिन लड़की ने बार बार जोर देकर परेशान कर दिया था जिससे उसको शादी के लिए राजी होना पड़ा।वकीलों द्वारा किये गए अवैध कब्जे पर हाई कोर्ट हुआ सख्त, तत्काल कार्यवाई का आदेशकोर्ट कोई चहलकदमी की जगह नही जहाँ जब मर्जी हो चले आएं: सुप्रीम कोर्टक्या हुआ जब वर्चुअल सुनवाई के दौरान जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ का संपर्क टूट गयाखुली कोर्ट में सुनवाई की मांग ने पकड़ी रफ़्तार, इलाहाबाद हाई कोर्ट के अधिवक्ता वर्चुअल सुनवाई से असंतुष् बीच भावनात्मक स्तर का कोई रिश्ता अब शेष नही रहा इसलिए उसे तलाक चाहिए। अब इस रिश्ते से मुक्त होना चाहता है। वहीँ पत्नी ने कोर्ट में लड़के से हर्जाने के तौर पर 3 लाख युआन (लगभग 34 लाख रुपये ) की मांग की है।कोर्ट ने इस मांग से हैरान होते हुए कहा की यह साबित नही हो पाया है की दंपत्ति के बीच भावनात्मक रिश्ता ख़त्म हो चूका है। कोर्ट ने याचिका को ख़ारिज कर दिया तथा दंपत्ति को हनीमून मनाने की सलाह दी।
मुंबई: कर्ज में डूबे मुकेश अम्बानी के छोटे भाई अनिल अम्बानी ने तीन चीनी बैंकों से लोन मामले में अपनी संपत्ति को लेकर बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि उनके पास कोई महत्वपूर्ण संपत्ति नहीं है। वहीं अब उनका खर्च उनकी पत्नी और परिवारवाले संभालते हैं। अनिल का यह भी कहना है कि उनकी आय का अब कोई दूसरा जरिया नहीं है और अब वे एक साधारण व्यक्ति हैं।तीन चीनी बैंकों से लिया था $700 मिलियन का क़र्ज़दरअसल अनिल अम्बानी और उनकी कंपनी रिलायंस कॉम ने फरवरी 2012 में तीन चीनी बैंकों से $700 मिलियन से अधिक का ऋण लिया था , जिसकी पर्सनल गारंटी अनिल अंबानी ने ली थी। जहाँ अब उनकी यह कंपनी दिवालिया हो चुकी है तो बैंकों ने ब्याज के साथ रकम वसूलने के लिए उन पर मुकदमा किया है। इन लोन देने वाले बैंकों में इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल बैंक ऑफ चाइना लिमिटेड (मुंबई ब्रांच), चाइना डेवलपमेंट बैंक और एक्जिम बैंक ऑफ चाइना हैं।लंदन हाई कोर्ट ने सुनाया था फैसलाइस केस में बीते 22 मई 2020 को लंदन हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि अनिल अंबानी 12 जून तक तीन चीनी बैंकों को $7.
17 मिलियन का भुगतान करेंगे, लेकिन जब तय समय पर यह भुगतान ना हुआ बैंकों ने संपत्ति घोषित करने की मांग की थी। इसपर अदालत ने अनिल अंबानी को 29 जून को दुनिया में फैली अपनी संपत्तियों को घोषित करने का आदेश भी पारित किया था।कानूनी विकल्पों का होगा इस्तेमालयही नहीं उनसे उनके ऐफिडेविट में यह भी बताने को कहा गया कि उन संपत्तियों में उनकी पूरी हिस्सेदारी भी है या वो इनमे भी किसी के साथ संयुक्त हकदार हैं। इसके साथ ही तीन चीनी बैंकों ने यह साफ़ कहा है कि वे जरुरत पड़ी तो अनिल अम्बानी के खिलाफ अपने बाकी सभी कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल करेंगे।
सारे देश को झंझोर के रखने वाले गैंगरेप जो 16 दिसंबर 2012 को हुआ था। उस केस में फैसला करते हुए 7 जनवरी 2020 को कोर्ट ने सारे आरोपियों के डेथ वारंट जारी कर दिए। और उनकी फ़ासी की तारीख 22 जनवरी 2020 तय कर दी है। सुबह 7 बजे इन लोगो को फ़ासी दी जाएगी। ❍ कोर्ट के फैसले से पहले।दिल्ली कोर्ट के फैसले से पहले गैंगरेप के आरोपी मुकेश सिंह की माँ ने निर्भया की माँ से माफ़ी मांगी और उनसे बेटे की जान भीख मांगने लगी और बोली उसे माफ़ कर दो। में उसकी ज़िन्दगी की भीख मांगती हु और वह रोती रही।निर्भया की माँ ने जवाब दिया की मेरी भी बेटी थी। उसके साथ जो कुछ हुआ उसे कैसे भूल जाऊ। मैंने भी सात साल तक इंतज़ार किया है। इसके बाद जज ने कोर्ट में शांति बनाये रखने की अपील की।❍ कोर्ट का फैसला।दिल्ली के कोर्ट ने चारो आरोपियों के डेथ वारंट जारी करते हुए। सभी आरोपियों को फांसी देने की तारीख तय कर दी। सभी आरोपियों को 22 जनवरी 2020 को सुबह 7 बजे फांसी दी जाएगी। सभी आरोपी फैसला सुन के रोने लगे। उनकी कोर्ट केस की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिये करवाई गयी। 14 दिन के अंदर फांसी की सजा देने की तैयारी की जाएगी।❍ दया याचिका लगा सकते है आरोपी।यह आरोपी अभी दया याचिका राष्टपति के पास भेज सकते है। इस दया याचिका की सुनवाई कब तक होगी। इसकी कोई समय सीमा तय नहीं है तो उनकी फांसी की सजा टल सकती है। जब तक दया याचिका पर फैसला नहीं आता। अधिक पढ़ें: nirbhaya case news latest