कोविड-19 टीकाकरण होने के बाद पिछले वर्षों जैसे न तो लॉकडाउन के हालात बनेंगे और न ही पढ़ाई रूकेगी। उम्मीद है कि पहले की तरह हमारी कक्षाएँ ऑफलाइन लगेंगी और परीक्षा भी ऑफलाइन होंगी। कोविड टीकाकरण बहुत जरूरी है। सभी को कोविड टीका लगवाना चाहिए। कोविड-19 टीका लगवाने के बाद सुभाष स्कूल के 15 से 18 वर्ष आयु के बच्चों ने यह बातें कही।प्रदेश में 15 से 18 वर्ष आयु के बच्चों के टीकाकरण का आज भोपाल में सुभाष उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने शुभारंभ किया। बच्चों ने कोरोना का टीका लगवाने के बाद कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सभी को मुफ्त वैक्सीन उपलब्ध करवाई और मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश के सभी नागरिकों के लिए टीका लगवाने के लिए बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान चलाये। स्कूली बच्चों को टीका लगाने के अभियान में आज हम लोगों को टीका लग रहा है। सुभाष स्कूल में अध्ययनरत कक्षा 10वीं के छात्र अस्मित भार्गव ने कहा कि - "वह टीका लगवाकर प्रसन्न हैं।" अस्मित ने बताया कि - "पिछले वर्ष लॉकडाउन लगने से स्कूल में ऑफलाइन कक्षाएँ नहीं लगी और परीक्षाएँ भी नहीं हुई। इससे उन्हें निराशा हुई थी। अब कोविड टीका लगने से कोरोना पर नियंत्रण रहेगा। ऑफलाइन क्लासेस भी लगेंगी और परीक्षाएँ भी होंगी।" सुभाष स्कूल के ही कक्षा 11वीं के छात्र कार्तिक सिंह ठाकुर ने कहा कि - "वैक्सीन लगवाकर वह प्रसन्नता महसूस कर रहे हैं।" कार्तिक ने कहा कि - "सभी को कोरोना की वैक्सीन लगवाना चाहिए।" कक्षा 11 की छात्रा कुमारी रचना राजपूत ने वैक्सीन लगवाने के बाद कहा कि - "अब कोरोना नहीं फैलेगा और उनकी पढ़ाई बाधित नहीं होगी। समय पर ऑफलाइन परीक्षा होगी।" सुभाष स्कूल के ही कक्षा 10वीं के छात्र पलाश बिरगैया और कुमारी प्रांजल यदुवंशी ने वैक्सीन लगने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि - "उन्हें अब नियमित कक्षाओं में पढ़ने को मिलेगा और परीक्षाएँ भी होंगी। सरकार का बच्चों को वैक्सीन लगवाने का निर्णय बहुत अच्छा है।" कोविड-19 वैक्सीन लगने से उत्साहित बच्चों ने मुख्यमंत्री श्री चौहान के साथ सेल्फी पाईंट पर फोटो भी लिया।
वैक्सीन लगने से अब ऑफलाइन पढ़ाई रहेगी जारी और परीक्षाएँ भी होगी
Best Biometric Fingerprint Deviceकोई भी Fingerprint Device खरीदने से पहले आपको एक बात का हमेसा ध्यान रखें हैं की जब आप खरीदें तो USB वाला ही लें । क्योंकि ये कंप्यूटर और मोबाइल दोनों में बड़े ही आसानी से चल जाता है । कई बार लोग ध्यान नहीं देते है और सिर्फ मोबाइल में लगने वाला ही ले लेते हैं । अगर आप USB वाला लोगे तो उसे आप OTG के द्वारा मोबाइल में भी चला सकते हो ।Best Fingerprint ScannerMantraMorpho Startek CogentRead more advance - Best fingerprint scanner
#2030 के भारत के सतत विकास के महत्वपूर्ण लक्ष्यों में से एक है उत्कृष्ट कार्य तथा आर्थिक वृद्धि। उत्कृष्ट कार्य का सीधे तौर पर आशय अच्छे गुण से युक्त कार्य से है। इस लक्ष्य का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से हमारी सीरीज के पॉइंट 4 से नाता है, क्योंकि उत्कृष्ट कार्य करने के लिए कहीं न कहीं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की आवश्यकता होती ही है। यदि हम इस विषय के इतिहास की बात करें, तो दुनियाभर में वार्षिक आर्थिक वृद्धि सन् 2000 में 3% थी, जो घटकर 2014 में 1.3% रह गई। वैश्विक बेरोजगारी 2007 में 17 करोड़ से बढ़ते-बढ़ते 2012 में करीब 20.2 करोड़ हो गई, जिसमें से करीब 7.5 करोड़ युवतियां और युवक थे। इस धीमी और असामान्य प्रगति को देखते हुए प्रशासन ने यह निश्चय किया कि गरीबी मिटाने की हमारी आर्थिक और सामाजिक नीतियों पर नए सिरे से सोचकर नए साधनों का सहारा लेना होगा। सतत् विकास एजेंडा का मूल मंत्र है ‘कोई पीछे छूटने न पाए’। साथ ही ‘सभी को मिले काम, ऐसा हो अर्थव्यवस्था में सुधार’ मोटो को अपनाकर इस लक्ष्य के लिए प्रशासन प्रतिबद्ध है। 10 और 24 वर्ष की आयु के बीच 36 करोड़ से अधिक युवाओं के साथ भारत में दुनिया की सबसे युवा आबादी निवास करती है। इस डेमोग्राफिक प्रॉफिट के उपयोग पर ही देश के लिए संपन्न और जानदार भविष्य की रचना का सारा दारोमदार है। किन्तु उच्चतर शिक्षा में भारत का सिर्फ 23% का सकल भर्ती अनुपात दुनिया में सबसे कम अनुपातों में से एक है। भारत में श्रम शक्ति हर वर्ष 80,00,000 से अधिक बढ़ जाने का अनुमान है और देश को अब से लेकर 2050 तक 28,00,00000 रोजगार जुटाने की जरूरत होगी, जिसके परिणाम स्वरुप उपरोक्त मौजूदा स्तरों में एक-तिहाई वृद्धि होगी। उत्कृष्ट कार्य तथा आर्थिक वृद्धि लक्ष्य का उद्देश्य 2030 तक हर जगह सभी पुरुषों और महिलाओं के लिए पूर्ण एवं उत्पादक रोजगार हासिल करना, युवाओं के लिये रोजगार के अवसरों में वृद्धि करना, क्षेत्रों, आयु समूहों और लिंग के आधार पर असमानता को कम करना, अनौपचारिक रोजगारों में कमी करना, सभी श्रमिकों के लिये सकुशल और सुरक्षित कार्य वातावरण को बढ़ावा देना है। इसके अंतर्गत यह भी सुनिश्चित किया गया है कि #2030 के भारत में अक्षम या अपंग व्यक्तियों सहित सभी लोगों को समान कार्य के लिए समान वेतन दिया जाए और साथ ही बाल श्रम को भी खत्म किया जाए। राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन, दीन दयाल उपाध्याय अंत्योदय योजना, राष्ट्रीय सेवा योजना और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना जैसे सरकार के कुछ प्रमुख कार्यक्रमों का उद्देश्य सभी के लिए उत्कृष्ट कार्य जुटाना है।
""नतीजा यह है कि, एक तरफ, अनुसंधान और प्रौद्योगिकी का माप स्वतंत्र हो जाता है और यह अब किसी दिए गए माप द्वारा सीमित नहीं है, कोनेर्समैन को रेखांकित करता है: "यहां मूल रूप से कोई सीमा नहीं है जिसे चुनौती के रूप में तैयार नहीं किया जा सकता है भावी पीढ़ियां।पुण्य आतंक और खुशी का सवालउसी समय, नैतिक दावे अब एक कथित विश्व व्यवस्था से प्राप्त नहीं किए जा सकते थे। इसके विपरीत, आधुनिक विचार "नैतिकता को स्वतंत्र बनाने और वास्तविकता पर और वास्तविकता के खिलाफ मांगों के रूप में प्रस्तुत करने" के लिए स्थानांतरित हो गया है, कोनेर्समैन ने कहा। यह विकास फ्रांसीसी क्रांति के साथ एक दुखद चरमोत्कर्ष पर पहुंच गया:"हमें यह कभी नहीं भूलना चाहिए: 'आतंक', आतंक का शासन, पुण्य के नाम पर पैदा हुआ, जो इसे विशेष रूप से नैतिक तरीके से समझते थे और मानते थे कि इस आवश्यकता की अखंडता के आधार पर, वे अभ्यास भी कर सकते थे आतंक। "यह कि वास्तविक जीवन के सही माप का प्रश्न - राजनीतिक क्षेत्र में निजी क्षेत्र में - आज बार-बार पूछा जाना चाहिए, कि अब से इसे वार्ता की वस्तु के रूप में माना जाता है जो संभावित रूप से कभी नहीं आती है अंत, निश्चित रूप से उसके अंदर स्वतंत्रता का क्षण है।राल्फ कोनेर्समैन यह कहकर जवाब देते हैं कि हमें यह नहीं देखना चाहिए कि कौन सी चीजें, कौन से लोग और कौन सी परिस्थितियाँ अपने आप में उपयुक्त होंगी। यह एक स्थायी जीवन शैली के लिए एक अच्छा मार्गदर्शक हो सकता है और तीव्र, क्षणभंगुर खुशी की निरंतर खोज के बजाय संतुलन और संतोष के लिए एक व्यक्तिगत कम्पास हो सकता है।Lashing Solutions
Delhi Elections 2020: दिल्ली में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने कहा कि भाजपा ने दिल्ली विधानसभा के लिए जो घोषणा पत्र जारी किया वह संकल्प पत्र नहीं ‘झांसा पत्र’ है।Delhi Elections 2020: दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा (BJP) ने शुक्रवार (31 जनवरी 2020) को अपना ‘संकल्प पत्र’ जारी किया। BJP ने इस घोषणा पत्र में दिल्ली की जनता से कई सारे वादे किए हैं, जिसकोे लेकर विपक्ष ने प्रतिक्रिया देते हुए कई सवाल खड़े किए हैं।दिल्ली में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने कहा कि ‘यह संकल्प पत्र नहीं ‘झांसा पत्र’ है, भाजपा ने 2014 के लोकसभा चुनाव में जो वादे किए थे। उनमें से एक भी वादा पूरा नहीं किया। जब विपक्ष ने उन वादों पर सवाल खड़े किए और वादों पर जवाब मांगा तो उन वादों को सरकार ने जुमला बता दिया। इस बार फिर से दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा ने बड़े-बड़े वादे किए हैं। चुनाव जीतने के बाद एक भी वादा पूरा होने वाला नहीं है।’सुभाष चोपड़ा ने कहा कि भाजपा ने दिल्ली विधानसभा के अपने चुनाव घोषणा पत्र में 10 लाख रोजगार देने की बात की है, जबकि भाजपा ने 2014 के लोकसभा चुनाव में पूरे देश में
https://www.abstarnews.com/universal/national/foreign-hands-behind-the-peasant-movement/4G नेटवर्क के जिन मोबाइल टावरों को आंदोलन के नाम पर नक्सली हिंसा का परिचय देते हुए किसान बंद कर रहे हैं उससे कोरोना काल में देश को आर्थिक तौर पर स्थिर रहने की ताकत दी है.लॉकडाउन के दौरान स्कूल बंद हुए कंपनियों को ताला लग गया करोड़ों लोगों को घर पर बैठना पड़ा.स्कूल कॉलेजों के बंद होने पर स्कूलों ने मोबाइल पर बच्चो का पाठ्यक्रम जारी रखा जिससे देश के नौनिहालों का साल खराब होने से बचा रहा और अब भी बचा हुआ है।
नई दिल्ली: भारत में कोरोना वायरस का कहर तेजी से बढ़ता जा रहा है और अब कोविड-19 के संक्रमण की खराब स्थिति वाले देशों की सूची में दूसरे स्थान पर पहुंच गया। भारत में कोरोना वायरस के संक्रमितों की संख्या 42 लाख से ज़्यादा हो गई और इसके साथ ही भारत ने सबसे ज्यादा संक्रमितों के मामले में ब्राजील को पीछे छोड़ दिया।ब्राज़ील पीछे छूटाworldometers के आंकड़ों के अनुसार ब्राजील में अब तक 41.37 लाख लोग कोरोना वायरस के चपेट में आ चुके हैं, जिसमें से 1.26 लाख लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। देश में अब तक 33.17 लाख लोग इस महामारी से ठीक भी हुए हैं।अमरीका नंबर वनकोरोना वायरस के संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले अमेरिका में सामने आए हैं और वहां 64.6 लाख मामले सामने आए हैं, जो भारत से करीब 22.56 लाख ज्यादा हैं। अमेरिका में अब तक 37.25 लोग ठीक हो चुके हैं और 1.93 लाख लोगों की मौत हो चुकी है।
वैज्ञानिक इस बात पर भी ध्यान दे रहे हैं कि कुछ मामलों को छोड़कर जो मरीज कोरोना वायरस की वैक्सीन के बिना ठीक हुए हैं उन्हें यह वायरस दोबारा छू भी नहीं रहा है।
पूरी दुनिया कोरोना वायरस की मार झेल रही है। इससे बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग को ही कारगर तरीका बताया गया। इसे प्रभावी ढ़ंग से लागू करने के लिए तमाम देशों ने लॉकडाउन का रास्ता चुना। लेकिन कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कब तक कोरोना वायरस से बचने के लिए छिपकर बैठना होगा। इस बीच चर्चा होने लगी है कि कोरोना वायरस को रोकने के लिए हर्ड इम्यूनिटी विकसित करने के बार में सोचना चाहिए। कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि हर्ड इम्युनिटी यानी सामूहिक प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाए तो कोरोना वायरस से मुकाबला करना आसान हो जाएगा।
अमेरिका में पहले मरीजों पर शुरू हुआ कोरोना वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल
दुनिया भर के कई देश अलग अलग तरीके से कोरोना वायरस का सामना कर रहे हैं। कोई वायरस से बचने के लिए घरों में रहने की सलाह दे रहा है तो कोई घर से बाहर निलकर कोरोना वायरस से लड़ने की बात पर अड़ा है। कोरोना से लड़ने का पहला रास्ता कहता है कि घर पर ही रहो और दूसरा रास्ता कहता है घरों से बाहर निकलो। कहा जा रहा है कि जब तक लोग घरों में हैं तब तक ही ठीक हैं लेकिन जैसे ही वो बाहर निलेंगे तो वायरस उन्हें घेर लेगा। इसलिए इस वायरस का डटकर सामना करने की बात कही जा रही है। जितने ज्यादा लोग संक्रमित होंगे इंसानों के शरीर में वायरस से लड़ने की उतनी ही क्षमता पैदा होगी। इसे ही हार्ड इम्युनिटी कहते हैं।
Best Biometric Fingerprint Deviceकोई भी Fingerprint Device खरीदने से पहले आपको एक बात का हमेसा ध्यान रखें हैं की जब आप खरीदें तो USB वाला ही लें । क्योंकि ये कंप्यूटर और मोबाइल दोनों में बड़े ही आसानी से चल जाता है । कई बार लोग ध्यान नहीं देते है और सिर्फ मोबाइल में लगने वाला ही ले लेते हैं । अगर आप USB वाला लोगे तो उसे आप OTG के द्वारा मोबाइल में भी चला सकते हो ।Best Fingerprint ScannerMantraMorpho Startek CogentRead more advance - Best fingerprint scanner
https://www.abstarnews.com/universal/national/foreign-hands-behind-the-peasant-movement/4G नेटवर्क के जिन मोबाइल टावरों को आंदोलन के नाम पर नक्सली हिंसा का परिचय देते हुए किसान बंद कर रहे हैं उससे कोरोना काल में देश को आर्थिक तौर पर स्थिर रहने की ताकत दी है.लॉकडाउन के दौरान स्कूल बंद हुए कंपनियों को ताला लग गया करोड़ों लोगों को घर पर बैठना पड़ा.स्कूल कॉलेजों के बंद होने पर स्कूलों ने मोबाइल पर बच्चो का पाठ्यक्रम जारी रखा जिससे देश के नौनिहालों का साल खराब होने से बचा रहा और अब भी बचा हुआ है।
#2030 के भारत के सतत विकास के महत्वपूर्ण लक्ष्यों में से एक है उत्कृष्ट कार्य तथा आर्थिक वृद्धि। उत्कृष्ट कार्य का सीधे तौर पर आशय अच्छे गुण से युक्त कार्य से है। इस लक्ष्य का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से हमारी सीरीज के पॉइंट 4 से नाता है, क्योंकि उत्कृष्ट कार्य करने के लिए कहीं न कहीं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की आवश्यकता होती ही है। यदि हम इस विषय के इतिहास की बात करें, तो दुनियाभर में वार्षिक आर्थिक वृद्धि सन् 2000 में 3% थी, जो घटकर 2014 में 1.3% रह गई। वैश्विक बेरोजगारी 2007 में 17 करोड़ से बढ़ते-बढ़ते 2012 में करीब 20.2 करोड़ हो गई, जिसमें से करीब 7.5 करोड़ युवतियां और युवक थे। इस धीमी और असामान्य प्रगति को देखते हुए प्रशासन ने यह निश्चय किया कि गरीबी मिटाने की हमारी आर्थिक और सामाजिक नीतियों पर नए सिरे से सोचकर नए साधनों का सहारा लेना होगा। सतत् विकास एजेंडा का मूल मंत्र है ‘कोई पीछे छूटने न पाए’। साथ ही ‘सभी को मिले काम, ऐसा हो अर्थव्यवस्था में सुधार’ मोटो को अपनाकर इस लक्ष्य के लिए प्रशासन प्रतिबद्ध है। 10 और 24 वर्ष की आयु के बीच 36 करोड़ से अधिक युवाओं के साथ भारत में दुनिया की सबसे युवा आबादी निवास करती है। इस डेमोग्राफिक प्रॉफिट के उपयोग पर ही देश के लिए संपन्न और जानदार भविष्य की रचना का सारा दारोमदार है। किन्तु उच्चतर शिक्षा में भारत का सिर्फ 23% का सकल भर्ती अनुपात दुनिया में सबसे कम अनुपातों में से एक है। भारत में श्रम शक्ति हर वर्ष 80,00,000 से अधिक बढ़ जाने का अनुमान है और देश को अब से लेकर 2050 तक 28,00,00000 रोजगार जुटाने की जरूरत होगी, जिसके परिणाम स्वरुप उपरोक्त मौजूदा स्तरों में एक-तिहाई वृद्धि होगी। उत्कृष्ट कार्य तथा आर्थिक वृद्धि लक्ष्य का उद्देश्य 2030 तक हर जगह सभी पुरुषों और महिलाओं के लिए पूर्ण एवं उत्पादक रोजगार हासिल करना, युवाओं के लिये रोजगार के अवसरों में वृद्धि करना, क्षेत्रों, आयु समूहों और लिंग के आधार पर असमानता को कम करना, अनौपचारिक रोजगारों में कमी करना, सभी श्रमिकों के लिये सकुशल और सुरक्षित कार्य वातावरण को बढ़ावा देना है। इसके अंतर्गत यह भी सुनिश्चित किया गया है कि #2030 के भारत में अक्षम या अपंग व्यक्तियों सहित सभी लोगों को समान कार्य के लिए समान वेतन दिया जाए और साथ ही बाल श्रम को भी खत्म किया जाए। राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन, दीन दयाल उपाध्याय अंत्योदय योजना, राष्ट्रीय सेवा योजना और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना जैसे सरकार के कुछ प्रमुख कार्यक्रमों का उद्देश्य सभी के लिए उत्कृष्ट कार्य जुटाना है।
""नतीजा यह है कि, एक तरफ, अनुसंधान और प्रौद्योगिकी का माप स्वतंत्र हो जाता है और यह अब किसी दिए गए माप द्वारा सीमित नहीं है, कोनेर्समैन को रेखांकित करता है: "यहां मूल रूप से कोई सीमा नहीं है जिसे चुनौती के रूप में तैयार नहीं किया जा सकता है भावी पीढ़ियां।पुण्य आतंक और खुशी का सवालउसी समय, नैतिक दावे अब एक कथित विश्व व्यवस्था से प्राप्त नहीं किए जा सकते थे। इसके विपरीत, आधुनिक विचार "नैतिकता को स्वतंत्र बनाने और वास्तविकता पर और वास्तविकता के खिलाफ मांगों के रूप में प्रस्तुत करने" के लिए स्थानांतरित हो गया है, कोनेर्समैन ने कहा। यह विकास फ्रांसीसी क्रांति के साथ एक दुखद चरमोत्कर्ष पर पहुंच गया:"हमें यह कभी नहीं भूलना चाहिए: 'आतंक', आतंक का शासन, पुण्य के नाम पर पैदा हुआ, जो इसे विशेष रूप से नैतिक तरीके से समझते थे और मानते थे कि इस आवश्यकता की अखंडता के आधार पर, वे अभ्यास भी कर सकते थे आतंक। "यह कि वास्तविक जीवन के सही माप का प्रश्न - राजनीतिक क्षेत्र में निजी क्षेत्र में - आज बार-बार पूछा जाना चाहिए, कि अब से इसे वार्ता की वस्तु के रूप में माना जाता है जो संभावित रूप से कभी नहीं आती है अंत, निश्चित रूप से उसके अंदर स्वतंत्रता का क्षण है।राल्फ कोनेर्समैन यह कहकर जवाब देते हैं कि हमें यह नहीं देखना चाहिए कि कौन सी चीजें, कौन से लोग और कौन सी परिस्थितियाँ अपने आप में उपयुक्त होंगी। यह एक स्थायी जीवन शैली के लिए एक अच्छा मार्गदर्शक हो सकता है और तीव्र, क्षणभंगुर खुशी की निरंतर खोज के बजाय संतुलन और संतोष के लिए एक व्यक्तिगत कम्पास हो सकता है।Lashing Solutions
नई दिल्ली: भारत में कोरोना वायरस का कहर तेजी से बढ़ता जा रहा है और अब कोविड-19 के संक्रमण की खराब स्थिति वाले देशों की सूची में दूसरे स्थान पर पहुंच गया। भारत में कोरोना वायरस के संक्रमितों की संख्या 42 लाख से ज़्यादा हो गई और इसके साथ ही भारत ने सबसे ज्यादा संक्रमितों के मामले में ब्राजील को पीछे छोड़ दिया।ब्राज़ील पीछे छूटाworldometers के आंकड़ों के अनुसार ब्राजील में अब तक 41.37 लाख लोग कोरोना वायरस के चपेट में आ चुके हैं, जिसमें से 1.26 लाख लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। देश में अब तक 33.17 लाख लोग इस महामारी से ठीक भी हुए हैं।अमरीका नंबर वनकोरोना वायरस के संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले अमेरिका में सामने आए हैं और वहां 64.6 लाख मामले सामने आए हैं, जो भारत से करीब 22.56 लाख ज्यादा हैं। अमेरिका में अब तक 37.25 लोग ठीक हो चुके हैं और 1.93 लाख लोगों की मौत हो चुकी है।
वैज्ञानिक इस बात पर भी ध्यान दे रहे हैं कि कुछ मामलों को छोड़कर जो मरीज कोरोना वायरस की वैक्सीन के बिना ठीक हुए हैं उन्हें यह वायरस दोबारा छू भी नहीं रहा है।
पूरी दुनिया कोरोना वायरस की मार झेल रही है। इससे बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग को ही कारगर तरीका बताया गया। इसे प्रभावी ढ़ंग से लागू करने के लिए तमाम देशों ने लॉकडाउन का रास्ता चुना। लेकिन कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कब तक कोरोना वायरस से बचने के लिए छिपकर बैठना होगा। इस बीच चर्चा होने लगी है कि कोरोना वायरस को रोकने के लिए हर्ड इम्यूनिटी विकसित करने के बार में सोचना चाहिए। कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि हर्ड इम्युनिटी यानी सामूहिक प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाए तो कोरोना वायरस से मुकाबला करना आसान हो जाएगा।
अमेरिका में पहले मरीजों पर शुरू हुआ कोरोना वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल
दुनिया भर के कई देश अलग अलग तरीके से कोरोना वायरस का सामना कर रहे हैं। कोई वायरस से बचने के लिए घरों में रहने की सलाह दे रहा है तो कोई घर से बाहर निलकर कोरोना वायरस से लड़ने की बात पर अड़ा है। कोरोना से लड़ने का पहला रास्ता कहता है कि घर पर ही रहो और दूसरा रास्ता कहता है घरों से बाहर निकलो। कहा जा रहा है कि जब तक लोग घरों में हैं तब तक ही ठीक हैं लेकिन जैसे ही वो बाहर निलेंगे तो वायरस उन्हें घेर लेगा। इसलिए इस वायरस का डटकर सामना करने की बात कही जा रही है। जितने ज्यादा लोग संक्रमित होंगे इंसानों के शरीर में वायरस से लड़ने की उतनी ही क्षमता पैदा होगी। इसे ही हार्ड इम्युनिटी कहते हैं।
Delhi Elections 2020: दिल्ली में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने कहा कि भाजपा ने दिल्ली विधानसभा के लिए जो घोषणा पत्र जारी किया वह संकल्प पत्र नहीं ‘झांसा पत्र’ है।Delhi Elections 2020: दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा (BJP) ने शुक्रवार (31 जनवरी 2020) को अपना ‘संकल्प पत्र’ जारी किया। BJP ने इस घोषणा पत्र में दिल्ली की जनता से कई सारे वादे किए हैं, जिसकोे लेकर विपक्ष ने प्रतिक्रिया देते हुए कई सवाल खड़े किए हैं।दिल्ली में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने कहा कि ‘यह संकल्प पत्र नहीं ‘झांसा पत्र’ है, भाजपा ने 2014 के लोकसभा चुनाव में जो वादे किए थे। उनमें से एक भी वादा पूरा नहीं किया। जब विपक्ष ने उन वादों पर सवाल खड़े किए और वादों पर जवाब मांगा तो उन वादों को सरकार ने जुमला बता दिया। इस बार फिर से दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा ने बड़े-बड़े वादे किए हैं। चुनाव जीतने के बाद एक भी वादा पूरा होने वाला नहीं है।’सुभाष चोपड़ा ने कहा कि भाजपा ने दिल्ली विधानसभा के अपने चुनाव घोषणा पत्र में 10 लाख रोजगार देने की बात की है, जबकि भाजपा ने 2014 के लोकसभा चुनाव में पूरे देश में