वैदिक ज्योतिष के अनुसार स्वाति नक्षत्र/Swati Nakshatra 27 नक्षत्रों में से एक है। स्वाति शब्द सु + अति से बना है, जिसका अर्थ बहुत अच्छा या स्वतंत्र होता है। स्वाति का एक और अर्थ है — धर्मगुरु, जिसे धर्मशास्त्र में महारत हासिल है। स्वाति नक्षत्र से जुड़े कुछ रहस्ययह नक्षत्र धर्म, अंतर्ज्ञान और भगवान का कारक है। जो व्यक्ति इस नक्षत्र में जन्म लेता है, वह इस नक्षत्र के विषय में जानने का हमेशा इच्छुक रहेगा। इस नक्षत्र की ऊर्जा बहुत दूर तक बिखरती है। कहीं पर यह नक्षत्र कायापलट या फिर कहीं पर बदलाव का बिंदु बन जाता है।खुद को पूरी तरह से स्वतंत्र कर लेने की चाह इस नक्षत्र की पहचान है। हालांकि जीवन की कोई भी प्रक्रिया हो, उसमें यह बहुत अस्त—व्यस्त दिखाई देते हैं। इस नक्षत्र से जुड़े जातक मार्केटिंग आदि के क्षेत्र में अत्यंत सफल साबित हो सकते हैं। ऐसा क्यों होता है चलिए समझते हैं। स्वाति नक्षत्र से जुड़ी मुख्य बातें इस प्रकार देखें तो इस नक्षत्र/Nakshatra से जुड़े व्यक्ति अपने जीवन में कई उतार-चढ़ाव का सामना करते हैं। हालांकि उतार-चढ़ाव का संबंध घर के उस स्वामी पर निर्भर करता है, जिससे यह नक्षत्र प्रभावित रहता है। यह आपसी संबंध, धन आदि से भी जुड़ा होता है। स्वाति नक्षत्र राशि चक्र में पूरी तरह से तुला राशि को प्रभावित करता है, जो कि एक महत्वपूर्ण राशि है। राहु स्वाति नक्षत्र पर शासन करता है, जो कि एक शुष्क ग्रह है और शनि का उच्च अष्टक है। स्वाति नक्षत्र पर वायु या फिर कहें वायु देवता का शासन रहता है। स्वाति नक्षत्र के विषय में अधिक जानकारी इस नक्षत्र में बैठे चंद्रमा, व्यक्ति के मन में इधर—उधर के विचार ला सकते हैं। इस नक्षत्र में जन्में लोग निष्कर्ष निकालने में सक्षम नहीं होते। ऐसा जातक रीढ़विहीन स्वभाव के हो सकते हैं।स्वाति नक्षत्र के जातक की विशेषताएं समाजसेवी शैक्षिक संस्थाओं का गठन करने वाले इस नक्षत्र से जुड़े जातक अमूमन ट्रैवल, टूरिज्म और विमानन उद्योग से जुड़े होते हैं। ऐसे व्यक्ति हमेशा अपनी ताकत बढ़ाने और स्वतंत्र रहने का प्रयास करते हैं। इनके रिश्ते और साझेदारी अमूमन उतार-चढ़ाव भरी होती है।मार्केटिंग ही क्यों है स्वाति नक्षत्र के लिए सबसे उत्तम क्षेत्रमार्केटिंग में सफलता प्राप्त करने के लिए कुछ बातों की बहुत जरूरत पड़ती है, जैसे अपनी बातों को दूसरों तक पहुंचाना और उपभोक्ताओं की समस्या का तुरंत पता लगाना। इन दोनों ही विषय में स्वाति नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति बहुत ज्यादा अच्छे होते हैं। इसके साथ साथ मार्केटिंग में ऐसे व्यक्तियों की सबसे ज्यादा आवश्यकता पड़ती है, जो अपनी बातों को उपभोक्ताओं के समक्ष हंसते और खिलखिलाते चेहरे के साथ रखें और हर व्यक्ति को समझाना कि उन्हें इस सामान की आवश्यकता है।जैसा कि हमने आपको पहले भी बताया है कि स्वाति नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति का व्यक्तित्व हंसने खेलने वाला होता है। ऐसा नहीं है कि स्वाति नक्षत्र में जन्मे लोगों को सिर्फ मार्केटिंग में सफलता मिलती है। वह अन्य क्षेत्रों में भी सफल हो सकते हैं, लेकिन इस क्षेत्र में सफल होने की संभावना अच्छी होती है। इससे अधिक जानकारी के लिए आप हमारी वेबसाइट www.vinaybajrangi.com पर जा सकते है और अपॉइंटमेंट बुक करने पर डॉ विनय बजरंगी जी के समक्ष बैठकर आप अपने प्रश्नो के उत्तर पा सकते है।Source: https://sites.google.com/view/vinaybajrangis/blog/swati-nakshatra
डायबिटीज को हिंदी मधुमेह कहते है|यह क्या है?शरीर को ठीक से काम करने के लिए, रक्त में ग्लूकोज का एक स्वस्थ स्तर बनाए रखने की आवश्यकता होती है। मधुमेह में इस स्तर का संतुलन बिघड जाता है और यह शरीर में रक्त शर्करा को ग्लूकोज के रूप में संसाधित करने के तरीके को प्रभावित करने लगता है।ग्लूकोज आपके शरीर की ऊर्जा का मुख्य स्रोत है। यह आपके कार्बोहाइड्रेट खाद्य पदार्थों से आता है, जैसे कि रोटी, पास्ता, चावल, अनाज, फल, स्टार्च वाली सब्जियां, दूध और दही।इनका सेवन करने से आपकी रक्त धारा आपके शरीर के चारों ओर ग्लूकोज को पहुंचाती है, और आपकी कोशिकाएं इसे ऊर्जा में बदल देती हैं। शरीर को इंसुलिन (insulin) की आवश्यकता होती है जिसका उत्पादन अग्न्याशय (Pancreas) में होता है। यह इन्सुलिन ग्लूकोज (glucose) को तोडकर आपकी कोशिकाओं में प्रवेश करने के लिए मददगार होता है|मधुमेह या डायबिटीज के मुख्यतः 2 प्रकार होते है (Types of Diabetes) –Type 1 डायबिटीजType 2 डायबिटीजटाईप 1 डायबिटीज-(Type 1 Diabetes)टाईप 1 में अग्न्याशय (Pancreas) (आपके पेट के पीछे का अंग) बहुत कम इंसुलिन या बिल्कुल भी इंसुलिन पैदा नहीं करता है। इंसुलिन एक प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला हार्मोन है, जो अग्न्याशय की बीटा कोशिकाओं द्वारा निर्मित होता है, जो शरीर को ऊर्जा के लिए चीनी का उपयोग करने में मदद करता है।टाईप 2 डायबिटीज–(Type 2 Diabetes)टाईप 2 में अग्न्याशय (Pancreas) इंसुलिन बनाता है, लेकिन बनाया गया इंसुलिन (insulin) उस तरह से काम नहीं करता जैसा उसे करना चाहिए। इस स्थिति को इंसुलिन प्रतिरोध या इंसुलिन रेजिस्टन्स (insulin resistance) कहा जाता है।मधुमेह वाले लगभग 5% लोगों में ही टाइप 1 होता है। यह पुरुषों और महिलाओं को समान रूप से प्रभावित करता है। जबकी टाईप २ मधुमेह की संख्या दिन ब दिन बढती ही जा रही है। टाईप १ को ठीक करना बहुत कठीन होता है। जबकी टाईप 2 को रिवर्स कर सकते है। मधुमेह या टाईप 2 होने का मूल कारण इंसुलिन प्रतिरोध (insulin resistance) है .ऐसी 7 बाते हैं जो इंसुलिन प्रतिरोध का कारण बनते हैं| उन्हे इस प्रकार विभाजित किया जाता है|• आहार संबंधी चार कारण• व्यायाम संबंधी दो कारण• तनाव संबंधी एक कारणटाईप 2 मधुमेह में ये लक्षण देखे जाते है-• अधिक बार मूत्र आना, आमतौर पर रात में देखा जाता है• शुष्क मुँह• सामान्य से अधिक प्यास लगना• थकान, सुस्ती या जलन महसूस होना• खाए जाने के बावजूद लगातार भूख लगना• कट, घाव या अल्सर का धीरे-धीरे ठीक होना• खुजली, त्वचा में संक्रमण• मूत्राशय में संक्रमण• धुंधली दृष्टि• वजन में बदलाव – वजन में धीरे-धीरे वृद्धि• मिजाज में बदलाव• सिरदर्द• चक्कर आना• निचले पैरों और / या पैरों में दर्द या झुनझुनी होनामधुमेह के संभावित समाधान क्या हैं?आम तौर पर मधुमेह के होने का पता चलते ही उसे नियंत्रित करने पर ही ध्यान दिया जाता है। अँटी डायबेटीकी मेडिक्शन पर रखकर। जीन स्थितियो में शुगर नियंत्रण खो देती है वहा इन्सुलिन दिया जाता है या इन्सुलिन की आवश्यकता होती है। लगभग 10 साल पहले मधुमेह (diabetes) के रिवर्स होने के बारे में कोई नहीं जानता था। लेकिन अब अध्ययन के माध्यम से हमें रिवर्सल के 7 सत्य पता चल गए हैं और ये अनुभवजन्य सत्य हैं।फ्रिडम फ्रॉम डायबिटीज एक ऐसी संस्था है जो डायबिटीज रिवर्स करने में एक्स्पर्ट है। इस संस्था के संस्थापक डॉ प्रमोद त्रिपाठी जी है। डाएट, एक्सरसाईज, आंतरिक परिवर्तन और मेडिकल इन चार आधार स्तंभोपर काम करके इन्होने ९९,००० लोगो के जीवन में परिवर्तन लाया है।इन का डायबिटीज रिव्हर्सल प्रोग्रॅम एक बहुत बेहतरीं प्रोग्रॅम है जहाँ डॉक्टर, मेंटॉर, एक्सरसाईज एक्स्पर्ट, डीएटिशियन की मदद से चरण-दर-चरण डायबिटीज की दवा अथवा इन्सुलिन से फ्रिडम पाया जा सक्ती है।हमारे website को भेट देकर आप अनेक लोगो के बारे में जान सकते है जिन्होने अपना डायबिटीज रिवर्स किया है|
NEBOSH समापन साक्षात्कार प्रशिक्षण केंद्र द्वारा आयोजित एक छोटी अवधि का साक्षात्कार है जो यह सत्यापित करने के लिए है कि आपने किसी अन्य व्यक्ति या मित्र से अनधिकृत सहायता लिए बिना परीक्षा लिखी है। यदि आप अच्छी तरह से उत्तर नहीं देते हैं तो साक्षात्कारकर्ता कोई अंक कम नहीं करेगा क्योंकि अंक पूरी तरह से आपके लिखित IG1 पेपर पर आधारित होंगे। हालाँकि यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने समापन साक्षात्कार के लिए अच्छी तैयारी करें और यह तैयारी आपके द्वारा अपनी परीक्षा के लिए लिखे गए उत्तरों पर आधारित होनी चाहिए। आमतौर पर आपको अपने प्रशिक्षण केंद्र से लगभग 15 मिनट की अवधि के एक-से-एक ज़ूम साक्षात्कार के लिए एक ईमेल आमंत्रण प्राप्त होगा और आपको कुछ प्रश्नों के उत्तर देने होंगे और साक्षात्कारकर्ता को अपना राष्ट्रीय पहचान पत्र दिखाना होगा। इस साक्षात्कार का मुख्य उद्देश्य उन शिक्षार्थियों की पहचान करना है जिन्होंने कदाचार या परीक्षा में किसी तरह की चोरी नहीं किया है । और जिन्होंने चोरी करने की कोशिश की है और प्रकार उनके द्वारा लिखे गए उत्तरों के बारे में कुछ भी बोलने में सक्षम नहीं हो सकते हैं।साक्षात्कार आमतौर पर आपकी लिखित परीक्षा के लगभग 10-15 दिन बाद होता है।एक शिक्षार्थी के रूप में, आपको केवल अपनी परीक्षा के लिए पूरी तरह से अध्ययन करने की आवश्यकता है, किसी मित्र या रिश्तेदार से अनधिकृत सहायता लिए बिना स्वयं परीक्षा लिखें। बाद में समापन साक्षात्कार के लिए आप अपने स्वयं के उत्तरों को पढ़ सकते हैं और परीक्षा के लिए आपने जो लिखा है उसके आधार पर कुछ प्रश्नों के उत्तर देने के लिए तैयार रहें। यदि आपके कोई और प्रश्न हैं तो कृपया संस्थान से संपर्क करने में संकोच न करें। ये हर रिजिस्टर संस्थान का कर्तव्य है की आपको सही तरह से गाइड करे और किसी भी तरह से इंटरव्यू पास करने के नाम पर मिसलीड और गलत जानकारी न दे । ये क्लोजिंग इंटरव्यू एक बहुत आसान सा प्रोसेस है आपको अपने लैंग्वेज प्रॉब्लम को लेकर डरने की भी जरूरत नही है इंटरव्यूअर आपके नॉलेज को केवल देखता है आपके स्पीकिंग क्वालिटी पर नहीं जाता है ।फिर से इस बात पर ध्यान देने की जरूरत है की आपके इंटरव्यू की क्वालिटी पर आपको कोई नबर नही दिए जाते आपकी मार्किंग केवल 24 घंटे का दौरान जो आपने उत्तर लिखे है बस उसी पेपर का मूल्यांकन किया जाता है । आप 3S Life safe Akademie जो की NEBOSH ki डायरेक्ट एक्रीडिएटेड इंस्टीट्यूट है और काफी अच्छा पासिंग परसेंटेज भी है आपको सारी इनफॉर्मेशन वहां से ओपन बुक एग्जामिनेशन और इंटरव्यू के संबंध में दी जाएगी ।आप info@ lifesafeacademy.com पर मेल के द्वारा और www.lifesafeacademy.com or 7975371948 पर संपर्क कर सकते है
पिसीओएस (PCOS) या पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम(polycystic ovarian syndrome) अंडाशय को प्रभावित करने वाली एक हार्मोनल (hormonal) स्थिति है। सामान्य मासिक धर्म चक्र(menstural cycle) में, आमतौर पर लगभग 7-8 के आसपास फॉलिकल (follicles) होते हैं जो बढ़ने लगते हैं और इनमें से एक फॉलिकल (follicle) अंडे को छोड़ने के लिए परिपक्व होगा। हालांकि, पीसीओएस से प्रभावित महिला में, एफएसएच (FSH) और एलएच (LH) हार्मोन(hormone) में असंतुलन होता है और एंड्रोजन हार्मोन(androgen hormone) का अधिक उत्पादन होता है, जिसकी वजह से कोई भी अंडा (egg) परिपक्व नहीं होता है, जिससे एनोव्यूलेश(anovulation) के कारण बच्चा ठहरने में मुश्किल आती है ।(PCOS) का कारण क्या होता है ?
पीसीओएस(pcos) का सटीक कारण अज्ञात है, लेकिन हम जानते हैं कि पैरेंटल जीन्स (parental genes) एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। PCOS विकसित होने की अधिक संभावना होती है, अगर उनके परिवार में डायबिटिक (diabetic)जीन (gene)पायी जाती है | एण्ड्रोजन हार्मोन(androgen hormone)(जो कि एक पुरुष हार्मोन है) का अधिक मात्रा में होना (overproduction) भी पीसीओएस (pcos) में कारण हो सकता है। पीसीओएस में महिलाओं में अक्सर एंड्रोजन हार्मोन(androgen hormone) का लेवल नार्मल मात्रा से अधिक मात्रा में पाया जाता है । यह ओवुलेशन(ovulation) के दौरान अंडे के विकास और उसके रिलीज(release) को प्रभावित कर सकता है। इंसुलिन हार्मोन (insulin hormone)(एक हार्मोन जो शुगर(sugar) और स्टार्च(starch) को एनर्जी (energy) में बदलने में मदद करता है) एंड्रोजन हार्मोन(androgen hormone) के बढ़े हुए लेवल का कारण भी होता है। एक डॉक्टर को आपको कब दिखाना चाहिए?यदि आप पीसीओएस (pcos) के इन लक्षणों में से किसी भी लक्षण से पीड़ित हैं| PCOS महिलाओं के उम्र की तीनों अवस्थाओं को प्रभावित करता है | 1-किशोरावस्था के दौरान: (young age) मुंहासे, चेहरे पर अत्यधिक बाल आना और अनियमित पीरियड्स होते हैं।2-प्रजनन आयु के दौरान (reproductive age) पॉलीसिस्टिक अंडाशय(ovaries) के साथ बांझपन की दर(percentage) बहुत अधिक है। इन महिलाओं को आमतौर पर गर्भवती होने में कठिनाई होती है और आमतौर पर गर्भधारण के अवसरों में सुधार के लिए उपचार(treatment) की आवश्यकता होती है।जिन महिलाओं में पीसीओएस की वजह से गर्भधारण करने में मुश्किल हो रही है उन्हें एक प्रजनन चिकित्सक (infertility specialist) से परामर्श करना चाहिए जो पीसीओएस को ठीक से समझता है। बांझपन और गर्भावस्था में मधुमेह (gestational diabetes) की संभावना अधिक होती है। 3- 30-40 के बाद: -(old age)ऐसी महिलाओं के लिए मधुमेह, हृदय रोग, गर्भाशय के कैंसर,के लिए 5 गुना बढ़ा हुआ जोखिम होता है| एक अध्ययन(studies) से पता चला है कि भारत में लगभग 18% महिलाएं पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (पीसीओएस) से पीड़ित हैं और बढ़ते मोटापे के कारण यह समस्या और बढ़ती जा रही है।पीसीओएस में गर्भधारण के इलाज को तीन steps में किया जा सकता है जैसे – १- पहला इलाज़ जिसमें महीने के दूसरे या तीसरे दिन से अंडा बनाने की दवाई खिलाकर अल्ट्रासाउंड के जरिये अंडे की वृद्धि को देखते हुए महिला को दिन बता दिए जाते हैं जब हस्बैंड (husband) और( wife) को साथ में रहना होता है |२-अगर पहले इलाज से गर्भधारण नहीं हो पाता तो IUI (intra uterine insemination) के द्वारा गर्भधारण कराया जा सकता है जिसमें कि अंडा बनने पर हस्बैंड (husband) के शुक्राणुओं को लैब (andrology lab) में तैयार करके बच्चेदानी में एक पतली नली के द्वारा डाल दिया जाता है | यह एक दर्दरहित प्रोसीजर (procedure) होता है जिसे करने में सिर्फ ५-१० मिनट ही लगते हैं | ३- आखिरी इलाज IVF (in vitro fertilization) होता है जो कि तब किया जाता है जब पहले सारे इलाज करने के बावजूद गर्भधारण करने में असफलता प्राप्त होती है |IVF में अंडा बनाने के लिए दवाई की जगह इंजेक्शन का उपयोग किया जाता है ताकि अंडों की अधिक मात्रा में प्राप्ति हो | जिससे हमें एक बार में ही अधिक भ्रूण मिलने की सफलता प्राप्त हो | यह इंजेक्शन १०- १२ दिन लगते हैं और बारहवें दिन जब सारे अंडे mature हो जाते हैं तब , अल्ट्रासाउंड (ultrasound) के जरिये देखते हुए अण्डों को निकाल लिया जाता है | यह बिलकुल दर्दरहित होता है और आपको ३-४ घंटे भर्ती किया जाता है | इसके बाद लैब में भ्रूण बनाया जाता है , जिसे ३-५ दिन बाद बच्चेदानी में डाल दिया जाता है | IVF में इंजेक्शन के अलावा और कहीं भी इस प्रक्रिया में कोई दर्द नहीं होता |हालाँकि, आपको यह ध्यान रखना है कि प्रत्येक मरीज अलग होता है और स्थितियाँ एक मामले से दूसरे मामले में भिन्न हो सकती हैं। इसलिए किसी भी तरह के निष्कर्ष पर जाने से पहले एक अच्छे डॉक्टर की राय लें।ज्यादा जानकारी के लिए और आपकी सहायता करने के लिए हमारे ORIGYN FERTILITY AND IVF CENTRE पर संपर्क करेंहमारे चिकित्सक आपकी हर तरह से सहायता करने के लिए तत्पर हैं |
दिल्ली में जन्म लेने वाले Sidharth Malhotra का जन्म 16 जनवरी 1985 को हुआ ने अपने करियर की शुरुआत मोडलिंग से की थी और उसके बाद इन्होने धीरे धीरे फ़िल्मी दुनिया में अपना हाथ अजमाया और शुरुआत की जाने माने डायरेक्टर करण जौहर के साथ बतौर सहनिर्देशक काम करते हुए 2010 में और फिल्म थी “ माय नेम इज खान “ और इसके बाद As an Actor इन्होने अपने करियर की शुरुआत सन 2012 में करण जौहर की ही फिल्म “ स्टूडेंट ऑफ़ दी इयर “ से की और आपको बता कि इसी फिल्म में Director महेश भट्ट की बेटी आलिया भट्ट ने और वरुण धवन जो कि डेविड धवन के बेटे है ने भी इसी फिल्म के जरिये अपने अपने करियर की शुरुआत की और इसका पूरा पूरा श्रेय फिल्म निर्देशक करण जौहर को जाता है AIB ( All India Backchod) जो कि एक कॉमेडी स्टार्टअप है उसके द्वारा किये गये एक विवादित शो AIB ROAST में (जो कि असल में नहीं है बात लोगो के नजरिये की है ) इस बारे में तन्मय भट्ट ने करण जौहर का इस बात को लेकर मजाक भी बनाया गया था | खैर हम बात कर रहे थे sidharth malhotra के life के बारे में तो इसलिए यह जानना भी जरुरी है कि सिद्धार्थ के साथ इनकी फिल्म “ Student of the Year” में सिद्धार्थ के साथ अलिया की जोड़ी को दर्शकों ने काफी पसंद किया और कमाई के अनुसार यह फिल्म सुपरहिट रही थी | सन 2014 में सिद्धार्थ की दो और फिल्मे हंसी तो फंसी और एक विलेन प्रदर्शित हुयी जिसे भी दर्शकों द्वारा काफी सराहा गया |sidharth malhotra biography in hindiEarly lifesidharth malhotra का जन्म एक पंजाबी परिवार में दिल्ली में हुआ और उनके पिता सुनील मल्होत्रा Indian merchent navy में एक कर्मचारी थे | स्कूल की पढाई दिल्ली में ही दो स्कूलों में पूरी करने के बाद 18 साल की उम्र में sidharth malhotra ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के ही “ शहीद भगत सिंह कॉलेज” में अपना दाखिला लिया और साथ ही मोडलिंग की दुनिया में भी अपना करियर शुरू किया लेकिन सफल मॉडल होने के बाद भी चार साल बाद इन्होने मॉडलिंग को छोड़ने का फैसला किया क्योंकि वो अपने करियर के फील्ड को लेकर संतुष्ट नहीं थे और जब इंसान अपनी जिंदगी से सन्तुस्ट नहीं होता है तब वह या तो सबकुछ छोड़ देता है या कुछ बड़ा करने का निर्णय लेता है। बड़ा करने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है अंदर से मोटिवेटेड रहना, सिद्धार्थ मल्होत्रा उन इंसानो में से है जो खुद को सेल्फ मोटीवेट कर सकते है बिना किसी बाहरी प्रभाव के अगर आपके अंदर सेल्फ मोटिवेशन की कमी है तो आप हिंदी मोटिवेशनल कोट्स का रोजाना इस्तेमाल करके अपने लक्ष्य की तरफ अग्रसर हो सकते है जैसा बाद में सिद्धार्थ मल्होत्रा ने एक फिल्म में रोल के लिए इन्होने ऑडिशन भी दिया जबकि वह फिल्म बाद में टल गयी थी जिसके बाद इन्होने करण जौहर के साथ काम बतौर सह निर्देशक किया और उसके बाद उन्होंने जिन फिल्मो में काम किया उसके बारे में हम जानते ही है |Career and Filmsidharth malhotra ने जब अपने करियर की शुरुआत अपनी पहली फिल्म “ Student of the year “ के साथ की तो इनके अभिनय को न केवल फिल्म आलोचक राजीव मसंद ने भी सराहा बल्कि कमाई की नजरिये से भी फिल्म सफल रही थी और आपकी जानकारी के लिए बता दें कि राजीव मसंद भी उस विवादित शो AIB ROAST में शामिल थे जिस पर कथित तौर पर खुद को सभ्य कहने वाले लोगो ने उस शो के पर बहुत बवाल मचाया जो कि बस एक तरह से अलग “व्यस्क कॉमेडी” शो था |sidharth malhotra actor hindi biographyउसके बाद सिद्धार्थ ने दूसरी फिल्म “ हंसी तो फंसी ” पर भी काम किया है जिसमे इनके साथ अदा शर्मा और परिणिति चोपड़ा सहकलाकार थे और यह एक रोमांटिक कॉमेडी मूवी थी और इसके बाद sidharth malhotra मोहित सूरी की एक रोमांटिक थ्रिल्लर फिल्म “ एक विलेन “ में नजर आये जिसके बारे में हर किसी के अलग व्यूज हो सकते है लेकिन अगर कमाई की बात करें तो वह फिल्म भी एक सफल फिल्म थी और ऐसे में सिद्धार्थ ऐसे कलाकारों में शामिल हो गये जो नये आये कलाकारों में सफल कहे जा सकते है |फ़िल्मी दुनिया के इतर अगर बात करें तो सिद्धार्थ की छवि एक बेहतर इन्सान के तौर पर है क्योंकि इन्होने कई सारे तरीकों से सामाजिक कार्यों के लिए फंडिंग की है और साथ ही अक्सर चैरिटी भी करते रहते है और उत्तराखंड में बाढ़ आने के समय अपने साथी कलाकारों के साथ इन्होने पैसे जुटाने के लिए एक इवेंट में भी परफॉर्म किया | इसके अलावा sidharth malhotra को अपने काम के लिए और अपने लुक के लिए भी Times of india के द्वारा कई तरह की सूचियों में शामिल किया गया है |Relationship and rumorsइसके अलावा अगर रिलेशनशिप की बात करें तो अख़बारों में और न्यूज़ चैनल्स में इनका नाम कई बार साथी एक्ट्रेस अलिया भट्ट के साथ जोड़ा गया है लेकिन सिद्धार्थ ने इन सबको कोरी अफवाह बताते हुए इस बारे में एकदम साफ़ कर दिया है कि अभी केवल वो काम करना चाहते है और शादी के लिए अभी काफी उम्र बाकि है | वैसे अगर फिल्म जगत से आने वाली ख़बरों पर विश्वाश करे तो यह भी सुनने में आया है कि एक फिल्म “कपूर एंड संस” में उन्होंने एकदम अलग रोले निभाया है क्योंकि इस फिल्म में वो लेखक के तौर पर काम कर रहे है और इस रोल के लिए वो इतनी मेहनत कर रहे है कि उन्होंने इस रोल में खुद को फिट बिठाने के लिए एक डायरी को अपने पास रखना शुरू कर दिया और उसमें कुछ लिखने की आदत भी डाल रखी है | मार्च 2016 में रिलीज होने वाली इस फिल्म में उनके द्वारा प्ले किये जाने वाले रोले को लेकर वो इतने संजीदा है कि वो अपनी जिन्दगी में होने वाले छोटे छोटे घटनाओं को वो नोट करते रहते है ताकि इस रोल के लिए एकदम सहज रह सकें |Natureइसके अलावा sidharth malhotra के बारे में यह बात भी लोग जानते है कि वो स्वाभाव से काफी शर्मीले है हालाँकि ओन-स्क्रीन उनकी जोड़ी अलिया के साथ बेहद क्यूट और हॉट नजर आती है और हो सकता है रियल life में अपने साथ काम करने वाले साथी कलाकारों के साथ वो सहज महसूस करतें हो लेकिन लड़कियों के मामले में सिद्धार्थ काफी शर्मीले तौर पर जाने जाते है |इसके अलावा सिद्धार्थ अपनी बात को प्रभावी तरीके से रखने के लिए जाने जाते है क्योंकि मुम्बई एक बार पाकिस्तान के किसी कृत्य को लेकर इस बारे में शिवसेना ने नाराजगी जाहिर करते हुए पाकिस्तान के कलाकरों पर प्रतिबन्ध लगाने तक की बात कह डाली थी ऐसे में सिद्धार्थ के साथ काम करने वाले एक पाकिस्तान के कलाकार के समर्थन में सिद्धार्थ ने एक समारोह के दौरान उन्होंने इस बारे में कहा कि “ कलाकार कलाकार होता है उसे किसी देश या संस्था की सीमाओं में बांधकर देखना ठीक नहीं है और यह रचनात्मकता का सवाल है |” तो इस तरह हम सिद्धार्थ मल्होत्रा को एक जागरूक अभिनेता के रूप में देख सकते है जो जीवंत मुद्दों को लेकर सजग भी है और एक बेहतर कलाकार भीइसके अलावाsidharth malhotra एक बेहतरीन रग्बी प्लेयर भी है और दिल्ली में पले बढे होने के बाद भी इन्हें आउटडोर खेलों में बहुत रूचि है और वो इस बारे में बढ़ावा देने को भी तत्पर रहते है | इसके साथ ही सिद्धार्थ की फ़ुटबाल टीम की तरफ से भी खेलते है और उनका मानना है कि जिम जाकर अपनी सेहत के लिए कुछ करने से बेहतरीन है जिम से बाहर जाकर खेलों के जरिये खुद को फिट रखना क्योंकि ऐसे में आप दिमाग और दिल के साथ साथ शरीर की सेहत का भी बेहतर ख्याल कर सकते है | सिद्धार्थ को प्रकृति से बेहद लगाव है ऐसा वो कहते है क्योंकि टूरिज्म न्यूजीलैंड के पहले भारतीय एम्बैसडर बने है |तो ये है sidharth malhotra biography in hindi और अधिक जानकारी या अपने किसी सवाल के लिए आप हमे ईमेल कर सकते है और हमारी वेबसाइट से hindi biography Update पाने के लिए आप हमे फेसबुक पर फॉलो भी कर सकते है
डायबिटीज को हिंदी मधुमेह कहते है|यह क्या है?शरीर को ठीक से काम करने के लिए, रक्त में ग्लूकोज का एक स्वस्थ स्तर बनाए रखने की आवश्यकता होती है। मधुमेह में इस स्तर का संतुलन बिघड जाता है और यह शरीर में रक्त शर्करा को ग्लूकोज के रूप में संसाधित करने के तरीके को प्रभावित करने लगता है।ग्लूकोज आपके शरीर की ऊर्जा का मुख्य स्रोत है। यह आपके कार्बोहाइड्रेट खाद्य पदार्थों से आता है, जैसे कि रोटी, पास्ता, चावल, अनाज, फल, स्टार्च वाली सब्जियां, दूध और दही।इनका सेवन करने से आपकी रक्त धारा आपके शरीर के चारों ओर ग्लूकोज को पहुंचाती है, और आपकी कोशिकाएं इसे ऊर्जा में बदल देती हैं। शरीर को इंसुलिन (insulin) की आवश्यकता होती है जिसका उत्पादन अग्न्याशय (Pancreas) में होता है। यह इन्सुलिन ग्लूकोज (glucose) को तोडकर आपकी कोशिकाओं में प्रवेश करने के लिए मददगार होता है|मधुमेह या डायबिटीज के मुख्यतः 2 प्रकार होते है (Types of Diabetes) –Type 1 डायबिटीजType 2 डायबिटीजटाईप 1 डायबिटीज-(Type 1 Diabetes)टाईप 1 में अग्न्याशय (Pancreas) (आपके पेट के पीछे का अंग) बहुत कम इंसुलिन या बिल्कुल भी इंसुलिन पैदा नहीं करता है। इंसुलिन एक प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला हार्मोन है, जो अग्न्याशय की बीटा कोशिकाओं द्वारा निर्मित होता है, जो शरीर को ऊर्जा के लिए चीनी का उपयोग करने में मदद करता है।टाईप 2 डायबिटीज–(Type 2 Diabetes)टाईप 2 में अग्न्याशय (Pancreas) इंसुलिन बनाता है, लेकिन बनाया गया इंसुलिन (insulin) उस तरह से काम नहीं करता जैसा उसे करना चाहिए। इस स्थिति को इंसुलिन प्रतिरोध या इंसुलिन रेजिस्टन्स (insulin resistance) कहा जाता है।मधुमेह वाले लगभग 5% लोगों में ही टाइप 1 होता है। यह पुरुषों और महिलाओं को समान रूप से प्रभावित करता है। जबकी टाईप २ मधुमेह की संख्या दिन ब दिन बढती ही जा रही है। टाईप १ को ठीक करना बहुत कठीन होता है। जबकी टाईप 2 को रिवर्स कर सकते है। मधुमेह या टाईप 2 होने का मूल कारण इंसुलिन प्रतिरोध (insulin resistance) है .ऐसी 7 बाते हैं जो इंसुलिन प्रतिरोध का कारण बनते हैं| उन्हे इस प्रकार विभाजित किया जाता है|• आहार संबंधी चार कारण• व्यायाम संबंधी दो कारण• तनाव संबंधी एक कारणटाईप 2 मधुमेह में ये लक्षण देखे जाते है-• अधिक बार मूत्र आना, आमतौर पर रात में देखा जाता है• शुष्क मुँह• सामान्य से अधिक प्यास लगना• थकान, सुस्ती या जलन महसूस होना• खाए जाने के बावजूद लगातार भूख लगना• कट, घाव या अल्सर का धीरे-धीरे ठीक होना• खुजली, त्वचा में संक्रमण• मूत्राशय में संक्रमण• धुंधली दृष्टि• वजन में बदलाव – वजन में धीरे-धीरे वृद्धि• मिजाज में बदलाव• सिरदर्द• चक्कर आना• निचले पैरों और / या पैरों में दर्द या झुनझुनी होनामधुमेह के संभावित समाधान क्या हैं?आम तौर पर मधुमेह के होने का पता चलते ही उसे नियंत्रित करने पर ही ध्यान दिया जाता है। अँटी डायबेटीकी मेडिक्शन पर रखकर। जीन स्थितियो में शुगर नियंत्रण खो देती है वहा इन्सुलिन दिया जाता है या इन्सुलिन की आवश्यकता होती है। लगभग 10 साल पहले मधुमेह (diabetes) के रिवर्स होने के बारे में कोई नहीं जानता था। लेकिन अब अध्ययन के माध्यम से हमें रिवर्सल के 7 सत्य पता चल गए हैं और ये अनुभवजन्य सत्य हैं।फ्रिडम फ्रॉम डायबिटीज एक ऐसी संस्था है जो डायबिटीज रिवर्स करने में एक्स्पर्ट है। इस संस्था के संस्थापक डॉ प्रमोद त्रिपाठी जी है। डाएट, एक्सरसाईज, आंतरिक परिवर्तन और मेडिकल इन चार आधार स्तंभोपर काम करके इन्होने ९९,००० लोगो के जीवन में परिवर्तन लाया है।इन का डायबिटीज रिव्हर्सल प्रोग्रॅम एक बहुत बेहतरीं प्रोग्रॅम है जहाँ डॉक्टर, मेंटॉर, एक्सरसाईज एक्स्पर्ट, डीएटिशियन की मदद से चरण-दर-चरण डायबिटीज की दवा अथवा इन्सुलिन से फ्रिडम पाया जा सक्ती है।हमारे website को भेट देकर आप अनेक लोगो के बारे में जान सकते है जिन्होने अपना डायबिटीज रिवर्स किया है|
NEBOSH समापन साक्षात्कार प्रशिक्षण केंद्र द्वारा आयोजित एक छोटी अवधि का साक्षात्कार है जो यह सत्यापित करने के लिए है कि आपने किसी अन्य व्यक्ति या मित्र से अनधिकृत सहायता लिए बिना परीक्षा लिखी है। यदि आप अच्छी तरह से उत्तर नहीं देते हैं तो साक्षात्कारकर्ता कोई अंक कम नहीं करेगा क्योंकि अंक पूरी तरह से आपके लिखित IG1 पेपर पर आधारित होंगे। हालाँकि यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने समापन साक्षात्कार के लिए अच्छी तैयारी करें और यह तैयारी आपके द्वारा अपनी परीक्षा के लिए लिखे गए उत्तरों पर आधारित होनी चाहिए। आमतौर पर आपको अपने प्रशिक्षण केंद्र से लगभग 15 मिनट की अवधि के एक-से-एक ज़ूम साक्षात्कार के लिए एक ईमेल आमंत्रण प्राप्त होगा और आपको कुछ प्रश्नों के उत्तर देने होंगे और साक्षात्कारकर्ता को अपना राष्ट्रीय पहचान पत्र दिखाना होगा। इस साक्षात्कार का मुख्य उद्देश्य उन शिक्षार्थियों की पहचान करना है जिन्होंने कदाचार या परीक्षा में किसी तरह की चोरी नहीं किया है । और जिन्होंने चोरी करने की कोशिश की है और प्रकार उनके द्वारा लिखे गए उत्तरों के बारे में कुछ भी बोलने में सक्षम नहीं हो सकते हैं।साक्षात्कार आमतौर पर आपकी लिखित परीक्षा के लगभग 10-15 दिन बाद होता है।एक शिक्षार्थी के रूप में, आपको केवल अपनी परीक्षा के लिए पूरी तरह से अध्ययन करने की आवश्यकता है, किसी मित्र या रिश्तेदार से अनधिकृत सहायता लिए बिना स्वयं परीक्षा लिखें। बाद में समापन साक्षात्कार के लिए आप अपने स्वयं के उत्तरों को पढ़ सकते हैं और परीक्षा के लिए आपने जो लिखा है उसके आधार पर कुछ प्रश्नों के उत्तर देने के लिए तैयार रहें। यदि आपके कोई और प्रश्न हैं तो कृपया संस्थान से संपर्क करने में संकोच न करें। ये हर रिजिस्टर संस्थान का कर्तव्य है की आपको सही तरह से गाइड करे और किसी भी तरह से इंटरव्यू पास करने के नाम पर मिसलीड और गलत जानकारी न दे । ये क्लोजिंग इंटरव्यू एक बहुत आसान सा प्रोसेस है आपको अपने लैंग्वेज प्रॉब्लम को लेकर डरने की भी जरूरत नही है इंटरव्यूअर आपके नॉलेज को केवल देखता है आपके स्पीकिंग क्वालिटी पर नहीं जाता है ।फिर से इस बात पर ध्यान देने की जरूरत है की आपके इंटरव्यू की क्वालिटी पर आपको कोई नबर नही दिए जाते आपकी मार्किंग केवल 24 घंटे का दौरान जो आपने उत्तर लिखे है बस उसी पेपर का मूल्यांकन किया जाता है । आप 3S Life safe Akademie जो की NEBOSH ki डायरेक्ट एक्रीडिएटेड इंस्टीट्यूट है और काफी अच्छा पासिंग परसेंटेज भी है आपको सारी इनफॉर्मेशन वहां से ओपन बुक एग्जामिनेशन और इंटरव्यू के संबंध में दी जाएगी ।आप info@ lifesafeacademy.com पर मेल के द्वारा और www.lifesafeacademy.com or 7975371948 पर संपर्क कर सकते है
पिसीओएस (PCOS) या पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम(polycystic ovarian syndrome) अंडाशय को प्रभावित करने वाली एक हार्मोनल (hormonal) स्थिति है। सामान्य मासिक धर्म चक्र(menstural cycle) में, आमतौर पर लगभग 7-8 के आसपास फॉलिकल (follicles) होते हैं जो बढ़ने लगते हैं और इनमें से एक फॉलिकल (follicle) अंडे को छोड़ने के लिए परिपक्व होगा। हालांकि, पीसीओएस से प्रभावित महिला में, एफएसएच (FSH) और एलएच (LH) हार्मोन(hormone) में असंतुलन होता है और एंड्रोजन हार्मोन(androgen hormone) का अधिक उत्पादन होता है, जिसकी वजह से कोई भी अंडा (egg) परिपक्व नहीं होता है, जिससे एनोव्यूलेश(anovulation) के कारण बच्चा ठहरने में मुश्किल आती है ।(PCOS) का कारण क्या होता है ?
पीसीओएस(pcos) का सटीक कारण अज्ञात है, लेकिन हम जानते हैं कि पैरेंटल जीन्स (parental genes) एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। PCOS विकसित होने की अधिक संभावना होती है, अगर उनके परिवार में डायबिटिक (diabetic)जीन (gene)पायी जाती है | एण्ड्रोजन हार्मोन(androgen hormone)(जो कि एक पुरुष हार्मोन है) का अधिक मात्रा में होना (overproduction) भी पीसीओएस (pcos) में कारण हो सकता है। पीसीओएस में महिलाओं में अक्सर एंड्रोजन हार्मोन(androgen hormone) का लेवल नार्मल मात्रा से अधिक मात्रा में पाया जाता है । यह ओवुलेशन(ovulation) के दौरान अंडे के विकास और उसके रिलीज(release) को प्रभावित कर सकता है। इंसुलिन हार्मोन (insulin hormone)(एक हार्मोन जो शुगर(sugar) और स्टार्च(starch) को एनर्जी (energy) में बदलने में मदद करता है) एंड्रोजन हार्मोन(androgen hormone) के बढ़े हुए लेवल का कारण भी होता है। एक डॉक्टर को आपको कब दिखाना चाहिए?यदि आप पीसीओएस (pcos) के इन लक्षणों में से किसी भी लक्षण से पीड़ित हैं| PCOS महिलाओं के उम्र की तीनों अवस्थाओं को प्रभावित करता है | 1-किशोरावस्था के दौरान: (young age) मुंहासे, चेहरे पर अत्यधिक बाल आना और अनियमित पीरियड्स होते हैं।2-प्रजनन आयु के दौरान (reproductive age) पॉलीसिस्टिक अंडाशय(ovaries) के साथ बांझपन की दर(percentage) बहुत अधिक है। इन महिलाओं को आमतौर पर गर्भवती होने में कठिनाई होती है और आमतौर पर गर्भधारण के अवसरों में सुधार के लिए उपचार(treatment) की आवश्यकता होती है।जिन महिलाओं में पीसीओएस की वजह से गर्भधारण करने में मुश्किल हो रही है उन्हें एक प्रजनन चिकित्सक (infertility specialist) से परामर्श करना चाहिए जो पीसीओएस को ठीक से समझता है। बांझपन और गर्भावस्था में मधुमेह (gestational diabetes) की संभावना अधिक होती है। 3- 30-40 के बाद: -(old age)ऐसी महिलाओं के लिए मधुमेह, हृदय रोग, गर्भाशय के कैंसर,के लिए 5 गुना बढ़ा हुआ जोखिम होता है| एक अध्ययन(studies) से पता चला है कि भारत में लगभग 18% महिलाएं पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (पीसीओएस) से पीड़ित हैं और बढ़ते मोटापे के कारण यह समस्या और बढ़ती जा रही है।पीसीओएस में गर्भधारण के इलाज को तीन steps में किया जा सकता है जैसे – १- पहला इलाज़ जिसमें महीने के दूसरे या तीसरे दिन से अंडा बनाने की दवाई खिलाकर अल्ट्रासाउंड के जरिये अंडे की वृद्धि को देखते हुए महिला को दिन बता दिए जाते हैं जब हस्बैंड (husband) और( wife) को साथ में रहना होता है |२-अगर पहले इलाज से गर्भधारण नहीं हो पाता तो IUI (intra uterine insemination) के द्वारा गर्भधारण कराया जा सकता है जिसमें कि अंडा बनने पर हस्बैंड (husband) के शुक्राणुओं को लैब (andrology lab) में तैयार करके बच्चेदानी में एक पतली नली के द्वारा डाल दिया जाता है | यह एक दर्दरहित प्रोसीजर (procedure) होता है जिसे करने में सिर्फ ५-१० मिनट ही लगते हैं | ३- आखिरी इलाज IVF (in vitro fertilization) होता है जो कि तब किया जाता है जब पहले सारे इलाज करने के बावजूद गर्भधारण करने में असफलता प्राप्त होती है |IVF में अंडा बनाने के लिए दवाई की जगह इंजेक्शन का उपयोग किया जाता है ताकि अंडों की अधिक मात्रा में प्राप्ति हो | जिससे हमें एक बार में ही अधिक भ्रूण मिलने की सफलता प्राप्त हो | यह इंजेक्शन १०- १२ दिन लगते हैं और बारहवें दिन जब सारे अंडे mature हो जाते हैं तब , अल्ट्रासाउंड (ultrasound) के जरिये देखते हुए अण्डों को निकाल लिया जाता है | यह बिलकुल दर्दरहित होता है और आपको ३-४ घंटे भर्ती किया जाता है | इसके बाद लैब में भ्रूण बनाया जाता है , जिसे ३-५ दिन बाद बच्चेदानी में डाल दिया जाता है | IVF में इंजेक्शन के अलावा और कहीं भी इस प्रक्रिया में कोई दर्द नहीं होता |हालाँकि, आपको यह ध्यान रखना है कि प्रत्येक मरीज अलग होता है और स्थितियाँ एक मामले से दूसरे मामले में भिन्न हो सकती हैं। इसलिए किसी भी तरह के निष्कर्ष पर जाने से पहले एक अच्छे डॉक्टर की राय लें।ज्यादा जानकारी के लिए और आपकी सहायता करने के लिए हमारे ORIGYN FERTILITY AND IVF CENTRE पर संपर्क करेंहमारे चिकित्सक आपकी हर तरह से सहायता करने के लिए तत्पर हैं |
दिल्ली में जन्म लेने वाले Sidharth Malhotra का जन्म 16 जनवरी 1985 को हुआ ने अपने करियर की शुरुआत मोडलिंग से की थी और उसके बाद इन्होने धीरे धीरे फ़िल्मी दुनिया में अपना हाथ अजमाया और शुरुआत की जाने माने डायरेक्टर करण जौहर के साथ बतौर सहनिर्देशक काम करते हुए 2010 में और फिल्म थी “ माय नेम इज खान “ और इसके बाद As an Actor इन्होने अपने करियर की शुरुआत सन 2012 में करण जौहर की ही फिल्म “ स्टूडेंट ऑफ़ दी इयर “ से की और आपको बता कि इसी फिल्म में Director महेश भट्ट की बेटी आलिया भट्ट ने और वरुण धवन जो कि डेविड धवन के बेटे है ने भी इसी फिल्म के जरिये अपने अपने करियर की शुरुआत की और इसका पूरा पूरा श्रेय फिल्म निर्देशक करण जौहर को जाता है AIB ( All India Backchod) जो कि एक कॉमेडी स्टार्टअप है उसके द्वारा किये गये एक विवादित शो AIB ROAST में (जो कि असल में नहीं है बात लोगो के नजरिये की है ) इस बारे में तन्मय भट्ट ने करण जौहर का इस बात को लेकर मजाक भी बनाया गया था | खैर हम बात कर रहे थे sidharth malhotra के life के बारे में तो इसलिए यह जानना भी जरुरी है कि सिद्धार्थ के साथ इनकी फिल्म “ Student of the Year” में सिद्धार्थ के साथ अलिया की जोड़ी को दर्शकों ने काफी पसंद किया और कमाई के अनुसार यह फिल्म सुपरहिट रही थी | सन 2014 में सिद्धार्थ की दो और फिल्मे हंसी तो फंसी और एक विलेन प्रदर्शित हुयी जिसे भी दर्शकों द्वारा काफी सराहा गया |sidharth malhotra biography in hindiEarly lifesidharth malhotra का जन्म एक पंजाबी परिवार में दिल्ली में हुआ और उनके पिता सुनील मल्होत्रा Indian merchent navy में एक कर्मचारी थे | स्कूल की पढाई दिल्ली में ही दो स्कूलों में पूरी करने के बाद 18 साल की उम्र में sidharth malhotra ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के ही “ शहीद भगत सिंह कॉलेज” में अपना दाखिला लिया और साथ ही मोडलिंग की दुनिया में भी अपना करियर शुरू किया लेकिन सफल मॉडल होने के बाद भी चार साल बाद इन्होने मॉडलिंग को छोड़ने का फैसला किया क्योंकि वो अपने करियर के फील्ड को लेकर संतुष्ट नहीं थे और जब इंसान अपनी जिंदगी से सन्तुस्ट नहीं होता है तब वह या तो सबकुछ छोड़ देता है या कुछ बड़ा करने का निर्णय लेता है। बड़ा करने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है अंदर से मोटिवेटेड रहना, सिद्धार्थ मल्होत्रा उन इंसानो में से है जो खुद को सेल्फ मोटीवेट कर सकते है बिना किसी बाहरी प्रभाव के अगर आपके अंदर सेल्फ मोटिवेशन की कमी है तो आप हिंदी मोटिवेशनल कोट्स का रोजाना इस्तेमाल करके अपने लक्ष्य की तरफ अग्रसर हो सकते है जैसा बाद में सिद्धार्थ मल्होत्रा ने एक फिल्म में रोल के लिए इन्होने ऑडिशन भी दिया जबकि वह फिल्म बाद में टल गयी थी जिसके बाद इन्होने करण जौहर के साथ काम बतौर सह निर्देशक किया और उसके बाद उन्होंने जिन फिल्मो में काम किया उसके बारे में हम जानते ही है |Career and Filmsidharth malhotra ने जब अपने करियर की शुरुआत अपनी पहली फिल्म “ Student of the year “ के साथ की तो इनके अभिनय को न केवल फिल्म आलोचक राजीव मसंद ने भी सराहा बल्कि कमाई की नजरिये से भी फिल्म सफल रही थी और आपकी जानकारी के लिए बता दें कि राजीव मसंद भी उस विवादित शो AIB ROAST में शामिल थे जिस पर कथित तौर पर खुद को सभ्य कहने वाले लोगो ने उस शो के पर बहुत बवाल मचाया जो कि बस एक तरह से अलग “व्यस्क कॉमेडी” शो था |sidharth malhotra actor hindi biographyउसके बाद सिद्धार्थ ने दूसरी फिल्म “ हंसी तो फंसी ” पर भी काम किया है जिसमे इनके साथ अदा शर्मा और परिणिति चोपड़ा सहकलाकार थे और यह एक रोमांटिक कॉमेडी मूवी थी और इसके बाद sidharth malhotra मोहित सूरी की एक रोमांटिक थ्रिल्लर फिल्म “ एक विलेन “ में नजर आये जिसके बारे में हर किसी के अलग व्यूज हो सकते है लेकिन अगर कमाई की बात करें तो वह फिल्म भी एक सफल फिल्म थी और ऐसे में सिद्धार्थ ऐसे कलाकारों में शामिल हो गये जो नये आये कलाकारों में सफल कहे जा सकते है |फ़िल्मी दुनिया के इतर अगर बात करें तो सिद्धार्थ की छवि एक बेहतर इन्सान के तौर पर है क्योंकि इन्होने कई सारे तरीकों से सामाजिक कार्यों के लिए फंडिंग की है और साथ ही अक्सर चैरिटी भी करते रहते है और उत्तराखंड में बाढ़ आने के समय अपने साथी कलाकारों के साथ इन्होने पैसे जुटाने के लिए एक इवेंट में भी परफॉर्म किया | इसके अलावा sidharth malhotra को अपने काम के लिए और अपने लुक के लिए भी Times of india के द्वारा कई तरह की सूचियों में शामिल किया गया है |Relationship and rumorsइसके अलावा अगर रिलेशनशिप की बात करें तो अख़बारों में और न्यूज़ चैनल्स में इनका नाम कई बार साथी एक्ट्रेस अलिया भट्ट के साथ जोड़ा गया है लेकिन सिद्धार्थ ने इन सबको कोरी अफवाह बताते हुए इस बारे में एकदम साफ़ कर दिया है कि अभी केवल वो काम करना चाहते है और शादी के लिए अभी काफी उम्र बाकि है | वैसे अगर फिल्म जगत से आने वाली ख़बरों पर विश्वाश करे तो यह भी सुनने में आया है कि एक फिल्म “कपूर एंड संस” में उन्होंने एकदम अलग रोले निभाया है क्योंकि इस फिल्म में वो लेखक के तौर पर काम कर रहे है और इस रोल के लिए वो इतनी मेहनत कर रहे है कि उन्होंने इस रोल में खुद को फिट बिठाने के लिए एक डायरी को अपने पास रखना शुरू कर दिया और उसमें कुछ लिखने की आदत भी डाल रखी है | मार्च 2016 में रिलीज होने वाली इस फिल्म में उनके द्वारा प्ले किये जाने वाले रोले को लेकर वो इतने संजीदा है कि वो अपनी जिन्दगी में होने वाले छोटे छोटे घटनाओं को वो नोट करते रहते है ताकि इस रोल के लिए एकदम सहज रह सकें |Natureइसके अलावा sidharth malhotra के बारे में यह बात भी लोग जानते है कि वो स्वाभाव से काफी शर्मीले है हालाँकि ओन-स्क्रीन उनकी जोड़ी अलिया के साथ बेहद क्यूट और हॉट नजर आती है और हो सकता है रियल life में अपने साथ काम करने वाले साथी कलाकारों के साथ वो सहज महसूस करतें हो लेकिन लड़कियों के मामले में सिद्धार्थ काफी शर्मीले तौर पर जाने जाते है |इसके अलावा सिद्धार्थ अपनी बात को प्रभावी तरीके से रखने के लिए जाने जाते है क्योंकि मुम्बई एक बार पाकिस्तान के किसी कृत्य को लेकर इस बारे में शिवसेना ने नाराजगी जाहिर करते हुए पाकिस्तान के कलाकरों पर प्रतिबन्ध लगाने तक की बात कह डाली थी ऐसे में सिद्धार्थ के साथ काम करने वाले एक पाकिस्तान के कलाकार के समर्थन में सिद्धार्थ ने एक समारोह के दौरान उन्होंने इस बारे में कहा कि “ कलाकार कलाकार होता है उसे किसी देश या संस्था की सीमाओं में बांधकर देखना ठीक नहीं है और यह रचनात्मकता का सवाल है |” तो इस तरह हम सिद्धार्थ मल्होत्रा को एक जागरूक अभिनेता के रूप में देख सकते है जो जीवंत मुद्दों को लेकर सजग भी है और एक बेहतर कलाकार भीइसके अलावाsidharth malhotra एक बेहतरीन रग्बी प्लेयर भी है और दिल्ली में पले बढे होने के बाद भी इन्हें आउटडोर खेलों में बहुत रूचि है और वो इस बारे में बढ़ावा देने को भी तत्पर रहते है | इसके साथ ही सिद्धार्थ की फ़ुटबाल टीम की तरफ से भी खेलते है और उनका मानना है कि जिम जाकर अपनी सेहत के लिए कुछ करने से बेहतरीन है जिम से बाहर जाकर खेलों के जरिये खुद को फिट रखना क्योंकि ऐसे में आप दिमाग और दिल के साथ साथ शरीर की सेहत का भी बेहतर ख्याल कर सकते है | सिद्धार्थ को प्रकृति से बेहद लगाव है ऐसा वो कहते है क्योंकि टूरिज्म न्यूजीलैंड के पहले भारतीय एम्बैसडर बने है |तो ये है sidharth malhotra biography in hindi और अधिक जानकारी या अपने किसी सवाल के लिए आप हमे ईमेल कर सकते है और हमारी वेबसाइट से hindi biography Update पाने के लिए आप हमे फेसबुक पर फॉलो भी कर सकते है